रिज़ॉर्ट में मीनू और चालू चाची पार्ट 9
भाग 9 और भाग 10
शाम का समय था, मीनू और चाची होटल के कैफे में बैठे थे। वे रेड वाइन पी रहे थे। होटल घर से ज्यादा दूर नहीं था, चाची ने मीनू को बताया था , वह अक्सर यहां आती है, उसके चाचा को भी यह जगह पसंद है l अभी भी रोशनी थी, कुछ लोग पूल में तैर रहे थे, मीनू को तैरना नहीं आता था। वे लोगों को देख रहे थे और बातें कर रहे थे।
“चाची क्या तुम्हें तैरना आता है?”
” हाँ प्रिय, तुम्हारे चाचा ने मुझे सिखाया, वह बहुत अच्छे तैराक हैं”।
“क्या आप आज तैरना चाहती हैं?”
“हाँ, लेकिन मुझे अकेले तैरना पसंद नहीं है। तुम्हें सीखने की जरूरत है”l
“चाची मुझे डर लगता है, मैं डूब जाऊँगी”,वह हंसी।
वे बातें कर रहे थे तभी जोसफ़ वहाँ आया, उसने स्विमिंग अंडरवियर पहना हुआ था l
“हैलो अंजू, तुम कैसी हो?”
“मैं बहुत अच्छी हूँ जोसफ़”,
“नमस्ते मीनू, तुम्हें फिर से देखकर अच्छा लगा” उसने उसे देखते हुए कहा l
मीनू ने भी उसे नमस्ते कहा, वह उसे अंडरवियर में देखकर थोड़ा शर्मा रही थी।
“आओ, हमारे साथ बैठो, जोसफ़, क्या तुम अकेले हो?”
” अंजू मैं तैरना चाहता था। अगर तुम तैरना चाहती हो तो आओ”।
“अभी नहीं, मुझे मीनू से बात करनी थी”, वो चला गया।
जोसफ पानी में कूद गया l
“वह तुम्हारा अच्छा दोस्त है चाची, तुम उसके साथ तैर सकते हो, मैं ठीक हूं, मैं यहां से देख सकती हूं l
“मुझे यकीन नहीं है कि मैं बिकनी में उसके साथ तैरूंगी, वह मेरे शरीर को छू सकता है” वह हंसी l
“उसे देखो, वह पानी से बाहर आ गया”,
वह गीला था, उसका बड़ा लंड गीले अंडरवियर से बाहर दिख रहा था, मीनू ने उसे देखा,उसने शर्म से अपनी आँखें नीचे कर लीं।
चाची समझ गई, “तुमने क्या देखा”।
” चाची,उसका तो बहुत बड़ा है” वह हंसी l
“मुझे ऐसा नहीं लगता। यह सामान्य ही है”
” सच में चाची, लेकिन मुझे लगता है, ऐसा लंड, मुझे दो हिस्सों में फाड़ सकता है”, वह हँसी।
“नहीं प्रिय! तुम बहुत डरती हो, तुम जवान लड़की हो, ऐसे लंड को बहुत आसानी से निचोड़ सकती हैं।
“लड़के उतने ताकतवर नहीं होते जितना दिखावा करते हैं, वे हमें किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचा सकते, हम उनसे ज्यादा उन्हें चोद सकते हैं। कुछ बार के बाद लंड आसानी से हार मान लेता है, लेकिन हम फिर भी उन्हें चोद सकते हैं”।
“चाची, मुझे अनुभव नहीं है, आप जानती हैं”l
“मुझे पता है प्रिय, तुम्हें पता चल जाएगा”,
“चाची तुम जोसफ से कैसे मिलीं”, चाची यह सवाल नहीं चाहती थीं लेकिन उन्होंने सच बताने का फैसला किया, एक और कारण था, चाची नहीं चाहती थीं कि मीनू जोसफ में दिलचस्पी लें। चाची को पता था कि जोसफ़ लंबे समय के रिश्ते की तलाश में नहीं था, बह तो केवल चोदना और भूल जाने बाला था। वह चाची के लिए अच्छा था लेकिन मीनू के लिए नहीं।
“चाची मुझे बताओ न तुम जोसेफ से कैसे मिलीं?”
दरअसल कुछ साल पहले मैं तुम्हारे चाचा के साथ यहां आयी थी , हम अल्कोहल पी रहे थे, तो तुम्हारे चाचा तैरना चाहते थे,मैं बाहर पूल के पास बैठा गई , तभी मैंने जोसफ और उसके अंडरवियर को देखा। मैं उसका लंड देख कर हैरान रह गयी और मैं बस उसे देखने लगी l तुम्हारे चाचा तैराकी में व्यस्त थे, जोसफ़ ने मुझे देख लिया,वह मेरे पास आया और पूछा, “क्या तुम्हें तैरना पसंद है” मैंने उससे कहा कि मुझे तैरना नहीं आता। उसने अपना फोन नंबर दिया और कहा, “अगर तुम्हें सीखना पसंद हो तो तुम मुझे फोन कर सकते हो”।फिर वो चला गया, उस शाम के बाद मैं उसे भूल नहीं पायी । जब तुम्हारे चाचा काम पर चले गए, तो मैं घर पर बहुत अकेला थी । एक शाम मैंने जोसफ को फोन करने का फैसला किया l
“तो आपने उसे फोन किया”l
“हां मैंने उसे फोन किया,हम मिले, उसने मुझे तैराकी सिखाना शुरू किया। मैंने स्विमिंग सूट पहना हुआ था, उसने कई बार मेरे शरीर को छुआ, कभी-कभी उसने मेरे चूतड़ों को छुआ, ऐक दिन मैं बहुत उत्तेजित हो गई, मैंने उसके लंड को छुआ, वह बस हँसा”।
“फिर एक शाम मैंने उसे अपने घर बुलाया। हमने शराब पी, मुझे पता ही नहीं चला कि हम कब चूमने लगे और बिस्तर पर चले गए, उसने मुझे इतनी ज़ोर से चोदा, मैं उसे आज भी नहीं भूल पाई”, वो हंस पड़ी l
“तो तुमने उस के साथ केवल एक बार ही चुदाई की”,
“नहीं, वह कुछ बार मेरे घर आया और हमने चुदाई की”।
“क्या वह जानता है कि तुम शादीशुदा हो”।
” हाँ, वह जानता है, उसने मुझसे वादा किया था कि अगर बह चाहे तो वह उससे नहीं मिलेगा,लेकिन मैंने उससे कहा कि हम कभी-कभी मिल सकते हैं”।
“क्या चाचा चोदने में अच्छे नहीं है?”
“सचमुच, वह अच्छा नहीं है, हमारे अभी भी बच्चे नहीं हैं, भले ही मैं पैंतीस का हूँ”।
“मैं समझ गयी चाची”, चाची रोने वाली थी लेकिन मीनू ने उसके हाथ पकड़ लिए”,
” चाची क्या तुम्हें तैरना नहीं है? बाहर अंधेरा हो रहा है “मीनू विषय बदलना चाहती थी।
“नहीं प्रिय, मैं तुम्हारे साथ समय बिताना चाहती हूँ”।
फिर उन्होंने दोबारा शराब पीना शुरू कर दिया, देर रात वे घर लौट आए। फिर वे दोबारा वही किया जो वे रोजाना सोने से पहले करती थी ।

मीनू ने आंटी और जोसफ को खेलते हुए देखा पार्ट 10
दोपहर के भोजन के बाद मीनू अपने कमरे में आई। वह बिस्तर पर लेट गई। चाची बाहर फोन पर बात कर रही थी, मीनू चाची और जोसेफ के बारे में सोच रही थी कि जब वह अपना मोटा, सख्त लंड चाची की शेव की हुई चूत में डालेगा तो कैसा लगेगा। उसने ने देखा था चाची की चूत का छेद उससे दोगुना था। शायद जोसेफ के लंड ने चूत को खोल दिया था l उसका लंड अंदर उसकी चूत के हर तरफ को छूता होगा । बह वास्तव में मज़ा लेती होंगी , इसीलिए वह कहती है कि वह उसकी चुदाई को कभी नहीं भूलती। मुझे भी ऐसा लंड चाहिये जो मेरी चूत को अंदर तक छील दे। लेकिन जोसफ का लंड मेरे लिए बड़ा है l
चाची मीनू के कमरे में आईं।
“तुम क्या कर रही हो प्रिये?”वह उसके बिस्तर पर बैठ गई l
“कुछ नहीं चाची,बस आराम “l
” चूत चाट लू क्या “, वह हँसी l
“यह आप पर निर्भर है, मैं तो तैयार हूं” वह हंसी l
वह मीनू की चूत की मालिश करने लगी,” जान, जोसफ फोन पर था, वह मुझे चोदना चाहता था” l
“आपने क्या कहा?”
” मैंने कहा कि मैं वापस कॉल करूंगी,मैं चाहती हूं तुम मेरी चूत चाटो, मुझे जोसफ या किसी और की जरूरत नहीं है”।
“लेकिन चाची आपको लंड भी चाहिए,जो मेरे पास नहीं है”l
“चाची, अगर आप बुरा न मानें तो मेरे पास एक विचार है”।
“मैं तुमसे प्यार करती हूँ प्रिय, बोलो” ।
“तुम जोसफ को बुलाओ, मैंने कभी कोई चुदाई नहीं देखी, मैं देखना चाहती हूँ, तुम और जोसफ एक दूसरे को कैसे चोदते हो, मैं बाहर खिड़की से देखूंगा, उसे कुछ पता नहीं चलेगा”। बह हसीं l
“क्या तुम सच में देखना चाहती हो, मुझे कोई दिक्कत नहीं है”l
“आ..आ चाची, भगनासा ऐसे कोमल क्यों होती हैं?”चाची अभी भी उसकी चूत की मालिश कर रही थी”।
“चाची आप भाग्यशाली हैं, आप आज लंड को चूत में डाल सकती हैं”, वह हँसी,
“मैं कह सकती हूँ कि अगर आप चाहें तो जोसफ अपना लंड तुम्हारी गांड में डाल सकता है, वह ख़ुशी से ऐसा करेगा”।
“नहीं,नहीं चाची, मुझे नहीं चाहिए, मैं अभी तैयार नहीं हूँ”l
“ठीक है जान, तुम्हारी चूत तैयार है, मैं अब चाटना चाहती हूँ”। मीनू ने अपनी टाँगें खोल दीं, चाची चाटने लगी। कमरे में आ.. आ.. की आवाजें आने लगीं।
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रात हो चुकी थी, मीनू खिड़की के पास खड़ी थी, वह पहली लाइव चुदाई देखने के लिए उत्सुक थी। उसने चाची के कमरे के अंदर देखा। वे बिस्तर पर चुंबन कर रहे थे,जीभें छू रही थीं, जोसफ़ ने अभी भी अंडरवियर पहना हुआ था, चाची उसके अंडरवियर पर अपना हाथ घुमा रही थी l
फिर उसने धीरे से चाची की ब्रा का हुक खोल दिया। उसके बड़े मम्मे आज़ाद थे, जोसफ ने निपल्स को चाटना शुरू कर दिया।
मीनू कामुक हो रही थी, उसके मम्मे और निपल्स भी सख्त हो रहे थे।
कुछ देर चाटने के बाद, उसने अपना हाथ चाची के अंडरवियर की ओर बढ़ाया, उसने उसके पेट को चूमा, चाची बहुत शांत थी, जोसेफ ने उसकी पैंटी उतार दी, उसकी शेव की हुई चूत चमक रही थी l
वह धीरे से उसकी चूत को चाटने लगा, चाची उसके सिर पर अपना हाथ घुमा रही थी। उसका शरीर कसा हुआ लग रहा था , बह कभी-कभी अपने होंठ खोलती , शायद तब जूसफ़ की जीभ उसकी भगनासा को छु जाती । वे चाटने का पूरा मजा ले रहे थे l
मीनू लंड के दर्शन का इंतज़ार कर रही थी, उसकी चूत भी चार्ज हो चुकी थी, उसने पहले से ही अपनी चूत रगड़नी शुरू कर दी थी।
चाची को पता था कि वह उन्हें देख रही है। वह बैठ गई और जॉसफ़ का अंडरवियर उतारने लगी। मीनू की दिल की धड़कन बढ़ने लगी, वह असली मर्द के लंड को देखने के लिए बहुत उत्सुक थी।
चाची ने जूसफ का चेहरा खिड़की की ओर किया, फिर उन्होंने उसका अंडरवियर उतार दिया, उसका लंड अपने हाथ में लिया और मालिश करने लगीं, लंड कुछ सख्त हो गया था l
असली लंड देखकर मीनू दंग रह गई। उसका शरीर कांपने लगा, “वाह! यह कितना बड़ा है”, वह चीलाई l
फिर चाची ने लंड मुँह में डाल लिया और चाटने लगीं, उसका मुँह भरा हुआ था, लंड मीनू की बाँहों जैसा लग रहा था। चाची तेजी से अपना मुँह आगे पीछे चला रही थी।
कुछ मिनटों के बाद, जोसफ़ बिस्तर पर लेट गया, उसका लंड सीधा छत की ओर था। लंड का टोपा पूरा नीचे था, सिर चमक रहा था,मीनू के मुँह पानी से भर रहा था, वो लंड को चूमने के लिए तरस रही थी।
“उसका लंड बहुत शक्तिशाली और कठोर है” वह फुसफुसाई, मुझे ऐसा ही लंड चाहिए जो मेरी चूत को छील दे l
चाची बिस्तर पर आईं, उस ने अपने पैर इस तरह खोले । मीनू को उसकी चूत और अंदर जाता हुआ लंड दिख सके ।
मीनू ने देखा कि उसकी चूत पूरी तरह से खुली हुई थी। गहरा गुलाबी छेद साफ दिख रहा था, लंड उसकी चूत के होठों के आसपास घूम रहा था। चाची की निगाहें जोरदार धक्के का इंतज़ार कर रही थीं। अब लंड का सिर चूत के मुँह पर था। मीनू ध्यान से देख रही थी, फिर जोसफ ने लंड धीरे से अंदर डाला, बह बहुत तेजी से अंदर गया। चूत के होंठ लंड से चिपके हुए थे, चूत के मुँह का आकार लगभग दोगुना हो गया था l चाची का मुँह खुला हुआ था,वो मजे से चिल्ला रही थी, लंड बहुत तेज़ी से चूत में आगे पीछे हो रहा था।
जोसफ चुत और पेट के निचले हिस्से को दबा रहा था। कभी मीनू को चाची चिल्लाती हुई सुनती थी । मीनू का अंडरवियर चूत के पानी से पूरा गीला था । कभी कभी वह अपनी चूत रगड़ लेती थी ।
फिर जोसफ ने बहुत तेजी से लंड हिलाना शुरू कर दिया, चाची भी चिल्लाने लगी, फिर उस ने जोसफ की चीख सुनी, उसे पता चला कि उन्हें चरमसुख मिल गया है। जोसफ ने अपना सारा वीर्य चूत के अंदर डाल दिया, मीनू भी चिल्लाई, लाइव चुदाई देखते हुए वह भी कामोन्माद में आ गई। वे बहुत थके हुए लग रहे थे, शरीर गीला था, लंड जोसफ के पेट पर पड़ रहा था,यह कठोर नहीं था l मीनू अपने कमरे में आ गई, वह बिस्तर पर गिर गई, उसे बहुत थकान महसूस हुई। उसके दिमाग में सब कुछ घूम रहा था, उसे बहुत नींद आ रही थी । उसने सोना का फैसला किया l