यह एक ऐसी लड़की की कहानी है, जिसे प्यार तो मिला… लेकिन किस्मत ने उसे सबसे क्रूर मोड़ पर छीन लिया। एक ऐसी अधूरी प्रेमकहानी, जिसे इंसानी दुनिया ने नहीं — किसी अदृश्य शक्ति ने तोड़ा। अपने प्रेम को खोने के बाद भी उसने हार नहीं मानी। वह वापस लौटना चाहती थी — इस बार इंसान बनकर नहीं, बल्कि एक गुड़िया के रूप में। एक ऐसी गुड़िया, जो निर्जीव दिखती है… पर जिसका हर धड़कता हुआ एहसास जीवित है।
यह कहानी है उसके पुनर्जन्म की, उसके संघर्ष की, और उस जज़्बे की जिसने उसे अपने खोए हुए प्यार को वापस पाने की आग से भर दिया। वह लौटी — प्यार लेने नहीं, प्यार छीन लेने के लिए। और उन सबको सज़ा देने के लिए… जिन्होंने उसके प्यार को उससे छीना था।
यह सिर्फ़ एक प्रेमकथा नहीं — यह प्यार, पीड़ा, पुनर्जन्म और प्रतिशोध का सम्मोहन है।
भाग 1- बारिश की रहस्यमयी गुड़िया: सूरज और उस लड़की की अधूरी कहानी
बारिश शुरू हो चुकी थी। आसमान में बादल गरज रहे थे और सड़क पर पानी की बूंदें मोती की तरह गिर रही थीं।…….आगे पढ़िए
भाग 2-बारिश की रहस्यमयी गुड़िया – फिर से मिली वही लड़की
दो दिन बीत चुके थे, लेकिन सूरज का मन अब भी बेचैन था। बारिश वाली उस रात के बाद से उसका सारा ध्यान उसी गुड़िया और उस अजनबी लड़की पर अटका हुआ था।…….आगे पढ़िए
भाग 3-बारिश की रहस्यमयी गुड़िया – नीलू की गूँजती आवाज़
सुबह की हल्की रोशनी परदे से झाँक रही थी। सूरज ने धीरे-धीरे आँखें खोलीं — उसका सिर भारी था, शरीर थका हुआ। पिछली रात उसे नींद ही नहीं आई थी।…….आगे पढ़िए
भाग 4-गुड़िया की पहली इच्छा- एक प्यारी कविता
सूरज मेज़ के सामने बैठा था। मोमबत्ती की लौ हल्के-हल्के काँप रही थी, और उसके पीछे दीवार पर नीलू की परछाई अजीब तरीक़े से हिल रही थी — जैसे वो साँस ले रही हो।…….आगे पढ़िए
भाग 5-सूरज की उस लड़की से पहली मुलाकात-गुड़िया का वादा
सूरज पूरे दिन बेचैन रहा। काम करने की कोशिश की, पर हर बार उसकी नज़र घड़ी पर जा टिकती। मिनट की सुई जैसे धीरे चलने लगी थी। हर पल उसे शाम के और पास, और नीलू के वादे के और करीब ले जा रहा था।…….आगे पढ़िए
भाग 6-सूरज ने गुड़िया के होंठ चूमे-फिर नया वादा
सूरज घर वापस आया। वह बहुत खुश था, उसने गुड़िया को उठाया और उसके होठों को चूमा। “तुम महान हो, मैं तुमसे प्यार करता हूँ।” उसने कहा कि वह भूल गया था कि गुड़िया एक साधारण खिलौना नहीं थी,…….आगे पढ़िए
भाग 7-सूरज और अनजान लड़की का आक्रामक सेक्स - एक और वादा
कमरा अजीब सी खुशबू से भरने लगा, सब कुछ शांत था। सूरज बिस्तर पर लेटा हुआ था। उसकी आँखें बंद थीं जैसा कि गुड़िया ने कहा था, कठोर लिंग सीधा खड़ा था।…….आगे पढ़िए
भाग 8-सूरज की साजिश- रिया के बड़े, सेक्सी नितंब
सूरज ऑफिस में अपनी टेबल पर बैठा था, कंप्यूटर स्क्रीन पर झुका हुआ, जैसे रोज़ की तरह अपने काम में डूबा हुआ हो। बाहर हल्की बारिश हो रही थी, खिड़की पर गिरती बूंदें एक सुकून भरा संगीत रच रही थीं।…….आगे पढ़िए
भाग 9-गुड़िया को नहलाना - उसकी सेक्सी इच्छा
शाम ढल चुकी थी। कमरे में हल्की पीली रोशनी फैली हुई थी और बाहर पेड़ों की छाया दीवारों पर हिल रही थी। सूरज बिस्तर पर बैठा धीरे-धीरे चाय की चुस्कियाँ ले रहा था।…….आगे पढ़िए
भाग 10-गुड़िया का सूरज को सरप्राइज - रहस्यमय लड़की फिर मुलाकात
सुबह की धूप खिड़की से छनकर कमरे में फैल रही थी। हल्की सुनहरी रोशनी ने दीवारों को छुआ, और एक नर्म गर्माहट पूरे कमरे में भर गई।…….आगे पढ़िए
भाग 11 -रिया घर आने को तैयार-सूरज की उत्सुकता बड़ी
ऑफिस में हल्की-सी धूप खिड़कियों से छनकर अंदर आ रही थी। कंप्यूटर की स्क्रीन पर सूरज की नज़रें थीं, लेकिन दिमाग कहीं और था — शायद रिया के ख्यालों में। तभी दरवाज़ा खुला और रिया अंदर आई।…….आगे पढ़िए
भाग 12 -गुड़िया से असली लड़की बनना - नीलू की दो मांगें
शाम हो चुकी थी, सूरज नहाने के बाद नंगा बिस्तर पर लेटा हुआ था। गुड़िया उसके पास बिस्तर पर थी। वह जानता था कि गुड़िया को उसका नंगा रहना पसंद है।…….आगे पढ़िए
भाग 13-सूरज और रिया की आक्रामक रात-गुड़िया का वादा
शनिवार की शाम थी, सूरज अपने कमरे में बैठा रिया का इंतज़ार कर रहा था, कोने में मोमबत्तियाँ जल रही थीं। शराब की बोतलें और स्नैक्स मेज पर उनका इंतज़ार कर रहे थे।…….आगे पढ़िए
भाग 14-रीया की एक रात - बड़े लिंग के साथ उसका अनुभव।
मोमबत्तियाँ जल रही थीं। कमरा विशेष कामुक सुगंध से भरा था। रिया सूरज के साथ पूरी तरह से नग्न लेटी हुई थी। वह अनजान थी कि उसके साथ जल्द ही क्या होने वाला था।…….आगे पढ़िए
भाग 15-नीलू गुड़िया ने खोले अपने राज
हाँ, यह खूबसूरत दिन है, मैं इस दिन का बहुत समय से इंतज़ार कर रहा था। पहले मुझे बताओ, तुम्हें रिया कैसी लगी। नीलू, यह अच्छी थी, लेकिन उस अजनबी लड़की जैसी नहीं थी।…….आगे पढ़िए