जीजू और सालीजी बाथरूम में
Part 38
दोपहर के भोजन के बाद जीजू घर चले गए, साली जी पहले की तरह इंतज़ार कर रही थी, लेकिन वह तौलिया में थी। जीजू अंदर आए और साली जी को चूमा। “तुम तौलिया में अधिक सेक्सी लगती हो।” जीजू ने उसके नितंब पर हाथ फेरते हुए कहा।
“मैं चाहती हूँ कि हम साथ में नहाएँ,” साली जी ने मुस्कुराते हुए कहा।
“वाह!!! मैं भी चाहता था,साली जी।”
“जीजू, मैं जानती हूँ कि आप चाय नहीं पिएँगे।” साली जी ने अपना तौलिया हटाते हुए कहा। जीजू, थोड़ी देर तक उसके निप्पलों को चूसो।
“वे अधिक से अधिक मीठे होते जा रहे हैं।” जीजू ने उसके निप्पल को दबाते हुए कहा l “आह” सालीजी चिल्लाई।
“सालीजी, हमें जल्दी ही स्विमिंग पूल जाना है।”
“नहीं जीजू। अभी हम अकेले हैं, पहले हम मौज-मस्ती करेंगे। जब एलिना घर आएगी, तब हम स्विमिंग पूल जाएंगे।”
जीजू मुस्कुराये, उन्होंने समझा कि सालीजी उनके साथ रहना कितना चाहती थी। मीनू और मिस एक्स सही थीं, मुझे सालीजी को अधिक समय देने की जरूरत है।
“मुझे आपका विचार पसंद आया, साली जी। आपने अभी भी अंडरवियर क्यों पहना हुआ है। यह भी तो आज़ाद होना चाहती है,” जीजू ने उसकी चूत को छूते हुए कहा।
वे नहाने के लिए चलने लगे, जीजू ने तेजी से अपने कपड़े उतार दिए, “जीजू मैं आपकी शेव करना चाहती हूं, आपका लिंग लगभग बालों में छिपा हुआ है।” साली जी अपनी अंडरवियर उतारते हुए बोली l जीजू ने इसकी योनि को देखो, “तुम ने भी आज शेव नहीं की ।”
“जीजू, मैं अभी तक नहीं नहायी, मैं आपका इंतज़ार कर रही थी, लेकिन आज मैं पहले आपका लिंग शेव करना चाहती हूँ।”
सालीजी ने जीजू के लिंग के चारों ओर फोम लगाया और शेव करने लगीं। लिंग उठने लगा और सख्त होने लगा।
“जीजू अपने लिंग को नियंत्रित करो, यह क्यों बढ़ और सख्त हो रहा है?, यह मुझे बेचैन कर रहा है,”
जीजू हँसे, “मैं कुछ नहीं कर सकता, यह आपकी वजह से है।”
“ठीक है, हिलना मत, यह लगभग शेवड हो चुका है।” सलीजी ने लिंग के चारों ओर के सारे बाल हटा दिए, त्वचा चमकने लगी। “वाह !!!, यह शानदार लग रहा है ,चलो अब नहा लेते हैं।”
“सालीजी आप शेव नहीं करना चाहती आज ?”
“आप मेरी योनि शेव कर दीजिए, जीजू।” उसने जीजू को फोम और ब्लेड देते हुए कहा।
जीजू बैठ गया और योनि पर फोम लगाने लगा , उसे याद नहीं कि उसने पहले कब योनि शेव की थी, शायद कई महीने पहले जब एलिना चाहती थी। साली जी की छोटी सी कुंवारी योनि जीजू को बेचैन कर रही थी, लिंग अंदर जाने के लिए मचल रहा था। वह धीरे-धीरे और सावधानी से योनि को शेव कर रहा था ।
जीजू के कोमल स्पर्श से, योनि भी गीली हो रही थी, जैसे ही उसने शेविंग पूरी की, योनि के होंठ पूरी तरह से खुल गए थे। जीजू ने धीरे से अपनी उंगली से होंठों को और अधिक खोला, उसे छोटा सा गुलाबी छेद पूरी तरह से गीला दिखाई देने लगा । वह अपने आप को रोक नहीं सका, उसने अपनी गर्म जीभ छेद पर रख दी, “जीजू..आह..l” साली जी चिल्लायी।
जीजू ने तेजी से चाटना शुरू कर दिया। कुछ मिनटों के बाद साली जी का शरीर कांपने लगा।
“जीजू…आह…आह…मैं आ रहा हूं…मत रुकना…आह…जीजू….. , यह अद्भुत था।” सालीजी , जीजू को जोश से चूमने लगी । कुछ देर तक उसने अपने शरीर को जीजू से चिपकाये रखा।
“जीजू…संभोग इतना अद्भुत क्यों है…?” वह फुसफुसाए।
“जब मैं तुम्हारी चूत में लिंग डालूंगा, तो तुम्हारा आनंद असीम होगा,” साली जी।
“आपका लिंग मेरी चूत के लिए बहुत मोटा और लम्बा है,”जीजू, l
जीजू मुस्कुराये लेकिन कुछ नहीं बोले l
फिर वे नहाने लगे और एक-दूसरे पर सैम्पू लगाने लगे, कभी-कभी वह उसके कठोर लिंग की हल्की सी मालिश करती। जीजू को थोड़ा आश्चर्य हुआ कि उसने पहले की तरह उनके लिंग को क्यों नहीं चाटा। वह लिंग को सावधानी से छू रही थी जैसे वह नहीं चाहती थी कि लिंग फट जाए और शुक्राणु बाहर आ जाए। जीजू का दिल तेजी से दौड़ रहा था। उसे अभी तक नहीं पता था कि सालीजी के दिमाग में क्या चल रहा है। शायद वह समझ गई थी कि जीजू को हमेशा शुक्राणु मुँह में डालना पसंद नहीं है। जीजू की उसकी कुंवारी चूत चोदने की उम्मीद एक बार फिर बढ़ने लगी।
नहाने के बाद वे बिस्तर पर चले गए, साली जी पेट के बल बिस्तर पर लेट गईं। “जीजू अपना लिंग मेरे नितंबों पर और बीच की लाइन में घुमाओ।” जीजू उसके नितंबों के ऊपर आ गया और उन पर अपना लिंग घुमाने लगे। जब भी लिंग नितंब के छेद को छूता, जीजू के शरीर में अजीब सा करंट प्रवाहित हो जाता। फिर साली जी ने वो कहा जो जीजू ने कभी नहीं सोचा था l
“जीजू, लिंग मेरी पिछले छेद में पेल दो, मैं चाहती हूं”
जैसे ही जीजू ने धक्का लगाना शुरू किया, लिंग का सिर छेद को खोलने लगा, साली जी चिल्लाने लगीं, शायद उसे उस दर्द की उम्मीद नहीं थी,जीजू ने अंदर तक धकेलना जारी रखा, सालीजी जोर से चिल्लाती रही लेकिन उसने उसे नहीं रोका। जीजू ने पूरा लिंग उसके नितंबों में घुसा दिया। फिर आगे-पीछे करने लगे, सालीजी के चूतड़ कांप रहे थे, वो उसे स्थिर करने की कोशिश कर रही थी। उसके टाइट छेद में लंड पूरी तरह चिपक गया था। जीजू ने अपनी स्पीड बढ़ानी शुरू कर दी, सलीजी के चूतड़ और ज्यादा कांपने लगे, चेहरा लाल हो गया, आँखों से पानी आने लगा, लेकिन वो जीजू का लिंग लेती रही,जब तक वह अंदर नहीं फटा l
जीजू ने जोर , जोर से धक्का लगाया, फिर उस का लिंग अंदर फट गया और नितंब के छेद को वीर्य से भरने लगा।
जीजू शक्तिहीन हो गए और सालिजी के शरीर पर गिर पड़ा । लिंग धीरे-धीरे छेद से बाहर आने लगा। उनका गीला शरीर चिपक गया था। दोनों तेजी से सांस ले रहे थे। जीजू का भारी शरीर अभी भी सालिजी के शरीर को दबा रहा था। सालीजी जीजू के शरीर के नीचे फड़फड़ा रही थी। कुछ मिनटों के बाद जीजू बिस्तर पर आया , सालीजी ने अपने शरीर को घुमाया और पूछा, “जीजू कैसा था?”
“यह बहुत छोटा था, मेरे लिंग में दर्द होने लगा।” उसने मुस्कुराते हुए कहा।
उन्होंने चूमा, “जीजू मेरा शरीर बहुत गीला है, चलो फिर से नहाने चलते हैं,”
“कृपया आज मेरे लिंग को मत छूना । जीजू हँसे।
जब साली खड़ी हुई,उसे अपने पिछले छेद में बहुत दर्द महसूस हुआ । “आह…आह..जीजू …तुमने मेरे नितंबों को फाड़ दीया , मैं चल भी नहीं पा रही।”
वे दोनों हँसे और धीरे-धीरे शॉवर की ओर चलने लगे।