दो दोस्त और सर जैकी
शनिवार की सुबह थी, अंजू अपने कमरे में बैठी थी, उसे दोपहर बाद अपने सर के घर जाना था,उसने अपना फोन देखा और अपनी दोस्त रूही का मैसेज पढ़ने लगी l
“अंजू, मुझे तुम्हें कुछ महत्वपूर्ण बात बतानी है, सोमवार को मिलते हैं l”
अंजू और रूही बहुत अच्छी दोस्त थीं, उनका कॉलेज का प्रथम वर्ष था, वे अठारह साल की थीं और पहले एक ही स्कूल में पड़ती थीं l
रूही दो दिन पहले अपनी मां के साथ अपने चाचा के घर चली गई थी। अंजू जानती थी वह कभी-कभी शरारती हो जाती थी, हो सकता था उसने वहां कुछ ऐसा किया हो जो वह उसे बताना चाहती थी l
कभी-कभी वह अपने सहपाठी लड़कों के बारे में बात करती थी, उसे युवा लड़के पसंद नहीं थे, वह हमेशा कहती थी “इन लड़कों के पास प्यार या भावना कुछ नहीं है, वे सिर्फ लड़कियों के अंदर अपने शुक्राणु छोड़ना चाहते है l”
अंजू ने उससे कहा था, “शुक्राणु अच्छे होते हैं, मैं किसी दिन स्वाद चखना चाहती हूं l”वह हंसती थी l
उनका अभी तक कोई बॉयफ्रेंड नहीं था, वो वर्जिन थीं l
एक दिन रूही ने अंजू से कहा था “उसे उनका सर जैकी बहुत पसंद है l वह उससे प्यार करना चाहती है । बह हमेशा उसके बारे में सोचती रहती है लेकिन उसमें उससे बात करने की हिम्मत है l” जैकी लगभग पैंतीस साल का अकेला हैंडसम आदमी था, वह बहुत शांत और परिपक्व था। उन्हें गणित पढ़ाता था l
यह सुनकर अंजू हैरान रह गई थी , वह भी उससे प्यार करती थी और उसके साथ रिश्ता चाहती थी। लेकिन वह रूही को सही समय बताना चाहती थी। जब रूही ने उसे अपने क्रश के बारे में बताया तो उसने फैसला किया वह अपनी भावनाओं के बारे में रूही से कुछ नहीं कहेगी। वे करीबी दोस्त थी और वह उससे और उनकी दोस्ती से प्यार करती थी।
पिछले सप्ताह जब जैकी ने उन्हें गणित की परीक्षा रिपोर्ट बताई, उन्हें अच्छे अंक नहीं मिले थे , तो जैकी ने उनसे कहा था “वह उनकी मदद करने के लिए तैयार हैं। वे कॉलेज में उनके खाली समय में या उसके घर पर भी पड़ सकते हैं ।”
रूही सुनकर बहुत खुश हुई, उसे उसके करीब आने का मौका मिलेगा। वह पढ़ाई के लिए उसके घर जाने को भी तैयार थी l
अंजू के पास भी अपने कारण थे, उन्होंने मदद के लिए उससे बात करने का फैसला किया । उन्होंने कॉलेज में खाली समय का प्रबंधन करने की कोशिश की, लेकिन यह मुश्किल था, उन्होंने उसके घर जाने का फैसला किया, रूही बहुत उत्सुक और खुश थी, अंजू ने उससे मदद करने का वादा किया था l
अंजू ने आज अकेले जाने का फैसला किया था,क्योंकि रूही अपने चाचा के घर पर थी, वे पहले ही दो बार उसके घर आ चुके थे, वह अकेला रहता था, अच्छा शांतिपूर्ण घर था, जहाँ जरूरत होती उनकी मदद करता था।
वह उत्सुक थी, वह उससे अकेले में मिलने जा रही थी, कभी उसने सोचा, वह उससे कहेगी, वह उससे प्यार करती थी ,फिर उसने रूही के बारे में सोचा, वह भी उससे प्यार करती थी और उसने उसे पहले ही बता दिया था l पिछली बार जब वे उसके घर पर थे, तो रूही ने बात करने का फैसला किया लेकिन आखिरी मे वह डर गई थी,अगर वह अकेली होती तो शायद उससे बात कर सकती , लेकिन वह डरी हुई थी,अंजू ने उससे कहा कि अगर वह चाहे तो अकेले प्रयास कर सकती थी l
अंजू उसके प्रति उसके प्यार को महसूस कर सकती थी क्योंकि वह भी प्यार में थी। उसने फैसला किया कि वह रूही के बारे में बात करेगी और सर को बताएगी वह उससे प्यार करती थी ।
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वह जैकी सर के घर पहुंची, वे शयनकक्ष में पढ़ते थे क्योंकि उसका घर छोटा था, जैकी लिविंग रूम में बैठा था, वह उसके पास आई और बोली,
” सर, मैं कुछ बात करना चाहती हुं ” वह उसके पास सोफे पर बैठ गई, वह उत्तेजित थी क्योंकि वह अकेली थी। वह रूही के बारे में बात करना चाहती थी, वह थोड़ा घबरा रही थी क्योंकि वे पढ़ाई से परे बात करने जा रहे थे।
“अंजू पास आओ, क्या बात करनी है?” उसने उसकी ओर देखा और कहा l
वह पास आई, उसका दिल तेजी से धड़क रहा था। वह उसे छूना चाहती थी, लेकिन उसे रूही के बारे में बात करनी थी।
“सर, रूही मेरी दोस्त आपको पसंद करती है लेकिन वह बात नहीं कर पाती,मुझे लगता है वह प्यार में है,” उसने धीरे से कहा, उसका चेहरा लाल था।
जैकी ने उसकी ओर देखा, वह शरमा गई l
“सर, आप क्या सोचते हैं?”
वह मुस्कुराया और उसका हाथ पकड़ लिया। ” अंजू, मैं तुम्हें पसंद करता हूं, मैं तुमसे प्यार करता हूं l”
यह सुनकर वह स्तब्ध रह गई, उसकी आँखें खुशी से भर गईं, वह नि:शब्द हो गई, उसका सिर उसके कंधे पर गिर गया l
जैकी ने उसके कंधे को पकड़ा और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए, उसने अपना सारा नियंत्रण खो दिया और उसे चूमने लगी l
उन्होंने थोड़ी देर तक चूमा, फिर जैकी ने अपना हाथ उसकी जाँघ पर रखा और फेरना शुरू कर दिया, वह जोर से साँस लेने लगी l
उसका हाथ उसकी पनटी की ओर बढ़ रहा था। जब उसने उसकी पनटी और चूत को छुआ तो वह चिल्लाई,
“नहीं, नहीं सर!”लेकिन उसने उसकी चूत को छूना जारी रखा, वह बस उस पर गिरती रही ।
उसने उसे उठाया और बिस्तर पर ले गया, वह उसके साथ लेट गया और उसे चूमने लगा, उसने अपना हाथ उसकी पैंटी में डाल दिया और उसकी चूत को रगड़ने लगा। अंजू ने पूर्ण समर्पण कर दिया था l
उसने उसकी पोशाक उतार दी, और उसकी ब्रा खोल दी, उसके सफेद कठोर स्तन बाहर आ गए, वह उसके निपल्स को चूमने लगा, उसका हाथ उसकी चूत को रगड़ रहा था l
फिर उसने अपने कपड़े भी उतार दिए, उसने उसके लंड को देखा और शरमा गई, यह बहुत सख्त और मोटा लग रहा था। उसने उसकी पैंटी उतार दी, उसके पैरों के बीच आ गया l
” सर मैं वर्जिन हूँ, कृपया धीरे करो!” उसने धीरे से कहा l
उसने अपना लंड उसकी चूत के होठों पर रखा, उसका छोटा सा मुँह खुला हुआ था। वह पूरी तरह से गीला था, वह अंदर धकेलने लगा l
“अह अह…… अह!धीरे सर!”
उसने ज़ोर से धक्का दिया लेकिन उसकी टाइट चूत विरोध कर रही थी, बह जोर से धक्के मार रहा था l
जब लंड चूत की सारी दीवारों को तोड़ता हुआ अंदर तक चला गया तो वह जोर से चिल्लाई l
फिर उसने उसे धीरे धीरे चोदना शुरू कर दिया l
“अब मुझे अच्छा लग रहा है सर!”
उसने कुछ देर तक उसे धीरे-धीरे चोदा, फिर उसने अपनी गति बढ़ानी शुरू कर दी, अंजू का शरीर कांप रहा था, मम्मे ऊपर-नीचे हो रहे थे।
“ओह गॉड, हा,हा…… हा……….. हा!”बह चीला रही थी l
“ओह…..डियर…! जैकी ने उसकी चूत को वीर्य से भर दिया l
उसने उसके होठों और मम्मो को चूमा, फिर अपना लंड बाहर निकालने लगा l
” तुम बहुत हॉट हो बेबी” वह उसके साथ लेट गया। वे बातें करने लगें l
” मैं आपसे बहुत प्यार करती हूं सर, मैं आपको अपनी वर्जिनिटी देकर खुश हूं l”
उन्होंने कुछ देर बात की, फिर वह घर जाने लगी l
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सोमवार का दिन था, उसे रूही से मिलना था, उसने फैसला किया कि वह उसे धोखा नहीं देगी, वह उसे सब कुछ बता देगी, उसने देखा रूही आ रही थी, उसका दिल जोर-जोर से धड़क रहा था।
रूही ने उसका हाथ पकड़ कर कहा, “आओ प्रिये मैं तुमसे कुछ कहना चाहती हूँ l”
” क्या हुआ?”अंजू ने उत्सुकता से उससे पूछा l
“हम शुक्रवार दोपहर को अपने चाचा के घर से वापस आ गए थे , फिर मैं सर से मिलने उसके घर गई , मैंने उसे सब कुछ बताया, वह भी मुझसे प्यार करता था और हमने सब कुछ किया, मुझे उसकी चुदाई बहुत पसंद आई, मे बहुत खुश हुं डिअर l”
यह सुनकर अंजू की आँखें खुली रह गईं l