साली जीजू के साथ नशे में

 

Part 20

 

वह शुक्रवार का दिन था दोपहर के बाद हम रिसॉर्ट में पहुँचे। जगह बहुत अच्छी थी,पहाड़ और हरा-भरा जंगल ज्यादा दूर नहीं था। बड़ा रेस्टोरेंट, आकर्षक पूल था l हमें घर जैसा बड़ा कमरा मिला, दो बेडरूम। छोटा बैठक कक्ष और रसोईघर। लेकिन कोई भी खाना बनाने वाला नहीं था क्योंकि हम केवल दो रात रुकने वाले थे।

कई साल पहले मैं अपने भाई के साथ यहां आया था। लेकिन इस बार ये और भी खूबसूरत और खास लग रहा था ,सालीजी हमारे साथ थीं l वह पीले पंजाबी सूट में बहुत सुंदर लग रही थी, लेकिन अब मुझे उसे नंगी देखने में ज्यादा दिलचस्पी थी।

हम कुछ समय पहाड़ों में चले। यह गर्म दिन था,शाम होने वाली थी फिर हमने पूल के पास रेस्टोरेंट में बैठने का फैसला किया। 

“क्या तुम पानी में जाना चाहती हो” मैंने अपनी पत्नी से पूछा। 

“ज़रूर, हम जल्द ही चलेंगे”।

मैंने सलीजी की ओर देखा।” सलीजी तो पानी से डरती है, मुझे पता है.. “

“नहीं, नहीं, मैं बहन के साथ जा सकती हूं”।

मैं वास्तव में सलीजी को पानी में छूना चाहता था, उसने पहले ही वादा किया था कि मैं उसकी गांड देख सकता हूँ। पूल में कुछ लोग थे। मैंने कुछ लड़कियों को बिकनी में भी देखा। मैं यह देखने का इंतज़ार कर रहा था कि सालीजी क्या पहनती हैं। मेरी पत्नी कभी भी सार्वजनिक पूल में छोटी पोशाक नहीं पहनेती थी ।

“जीजू को तैरना आता है हमें भी तैरना सीखना चाहिए “, सलीजी ने पूल देखते हुए कहा।

“यह मुश्किल नहीं है, कुछ तकनीक और आत्मविश्वास की जरूरत है”। मैंने सालीजी को देखते हुए कहा l तब मेरी पत्नी ने कहा कि वह मुझसे पहले ही कुछ सीख चुकी है।

“फिर मेरी पत्नी खड़ी हो गई और बोली, “चलो कपड़े बदलने चलते हैं। मैं और इंतज़ार नहीं कर सकती , मुझे बहुत गर्मी लग रही है। मैं पानी में कूदना चाहती हूं। हम कपड़े बदलने जाने लगे ।

सालीजी बहुत धीरे-धीरे चल रही थी, मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। सालीजी क्या पहनेंगी, गीले कपड़ों में वह कैसी दिखेगी l मेरा लंड अंडरवियर में उछलने लगा था, मैं सोच रहा था कि गीले अंडरवियर में मैं अपने सख्त लंड को कैसे छुपाऊंगा।

फिर मैंने फैसला किया कि मुझे छोटे और बड़े दो अंडरवियर पहनने होंगे। मैं और मेरी पत्नी अपने शयनकक्ष में पहुँचे। मेरी पत्नी ने खुद को तरोताजा किया और अपने सारे कपड़े उतार दिए। फिर वह नग्न अवस्था में बिस्तर पर लेट गई। मुझे आश्चर्य हुआ कि वह क्या करना चाहती थी।

” आओ प्रिये और मुझे जोर से चोदो” वह मुस्कुराई l मेरा लंड साली जी के लिए पहले से ही सख्त था। मैंने अपना सख्त लंड तेजी से उसकी चूत में धकेल दिया, वह चिल्ला उठी। “ओह, प्रिय, मुझे वह पसंद है”। फिर मैंने ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगाना शुरू कर दिया। हमारे पास ज्यादा समय नहीं था, सालीजी इंतज़ार कर रही थी l कुछ ही मिनटों में उसकी चूत मेरे वीर्य से भर गई। फिर हमने कपड़े पहनना शुरू कर दिया, मेरी बीवी ने मेरे लंड को छूकर कहा,”अब आपको पूल में आराम महसूस होगा”l

मैं हँसा,वह मेरी स्थिति को पूरी तरह समझती थी । हम बाहर आने लगे,मैं अभी भी सालीजी की ड्रेस को लेकर  उत्सुक था ।

सालीजी बाहर इंतज़ार कर रही थी, उसने लंबी गहरे नीले रंग की टी शर्ट पहन रखी थी। मैं केवल आधे पैर ही देख सकता था । मैं निश्चित नहीं था उसने इसके नीचे क्या पहना है।

मेरी पत्नी ने भी कुछ ऐसा ही पहना हुआ था,साली जी ने मेरी तरफ देखा फिर हल्की सी मुस्कुरा दी। शायद वह समझ गई होगी कि हमने बेडरूम में क्या किया था। मैंने स्विमिंग शॉर्ट पहना हुआ था, हम पूल के अंदर गए। “

“वाह!पानी इतना ठंडा नहीं है”, सालीजी चिल्लाईं l सालीजी को ठंडा नहाना पसंद नहीं था। मुझे याद था l

उन्हें तैरना नहीं आता था, हम एक कोने में जाकर खड़े हो गये। सालीजी गीली टी शर्ट ब्रा से चिपकी हुई थी । उसने काली ब्रा और अंडरवियर पहना हुआ था, मैं उसके मम्मो के कुछ ऊपरी भाग देख सकता था l हम सब बातें कर रहे थे और रेड वाइन पी रहे थे। पानी गहरा नहीं था। पत्नी पास थी इसलिए मैं सालीजी को खुलकर नहीं देख सकता था । मेरी पत्नी की जोरदार चुदाई के कारण मेरा लंड मेरी जांघों से अभी भी चिपका हुआ था। इसे सलीजी की शरारतों की जरूरत थी ।

हम पूल मे आनंद  तो ले रहे थे लेकिन  मेरा सलीजी के साथ कुछ खास नहीं हो रहा था। मैंने तैरना शुरू कर दिया l 

शाम ऐसे ही बीती,अब पूरी तरह से अंधेरा हो चुका था। हम रात के खाने के लिए रेस्टोरेंट की ओर जाने लगे । मैं लड़कियों के पीछे चल रहा था,मैंने देखा कि सलीजी थोड़ा नशे में थी। 

मेरी पत्नी रिफ्रेश रूम में चली गयी,मैं भी दूसरे में चला गया l अचानक साली जी मेरे रिफ्रेश रूम में आ गईं, मैंने चिल्ला कर कहा। “साली जी अगले दरवाजे पर जाओ!”

वह हँसी, “जीजू…. मुझे पता है.. मैं तुमसे मिलने आई हूँ… जीजू…! “

“क्या साली जी”।  मैं बहुत डरा हुआ था।

“जीजू…. तुम .. तुम .. भूल गए … आपको मेरी गांड देखनी थी.. आओ….देखो… आओ…”

मैं कांप रहा था, अगर मेरी पत्नी आ गई तो क्या होगा l 

फिर साली जी ने अपनी टी शर्ट उठाई, अपनी गांड मेरी तरफ कर ली ।

“देखो…देखो….यह बड़ा है या छोटा…”  मैं तो मूर्ति की तरह था l

बह चीलाई “जीजू…बताओ…क्या तुम चाहते हैं कि मैं अपना अंडरवियर भी उतार दूं…ठीक है..”

“नहीं, नहीं सालीजी.. मैं देख सकता हूँ…यह सुंदर है, इतना बड़ा नहीं है.. बहुत अच्छा है”

“अपना हाथ मेरी गांड पर घुमाओ जीजू… देखो यह मुलायम और गोल है..”

मैंने धीरे से अपना हाथ उसकी नंगी गाण्ड पर रख दिया।

जैसे ही मेरे हाथ ने उसकी नग्न त्वचा को छुआ मुझे ज़ोर का करंट लगा।  मैंने अपना कांपता हुआ हाथ कुछ देर तक उसकी गाँड़ पर फिराया। मेरा दिल तेजी से धड़क रहा था l

रुक  जीजू… मुझे गुदगुदी  हो रही है….. हाँ…. बह हंसी l

“जीजू मैं बाहर जा रही हूँ.. तुम .. तुम .. अब अपना बाहर निकाल लो.. हा.. हा.. ” उसने दरवाज़ा बंद कर दिया।

मैंने एक लंबी सांस ली,साली जी सच में नशे में थी,मैं बाहर आया, साली जी बाहर खड़ी थी l

“हो गया जीजू…. आपकी पत्नी अभी भी अंदर है… चिंता मत करो..”

“वाह!आज  तुम्हारी जेब में कुछ भी नहीं है” वो हँसी, उसने मेरे अंडरवियर की तरफ देखा। मेरा लंड नीचे चिपक गया था l

तभी मेरी पत्नी बाहर आ गयी, हम डिनर के लिए जाने लगे l 

----------