नटखट साली जी और उसके चंचल अंग

 

Part 1

 

दोपहर का समय था मै,अपनी बीबी के साथ सुसराल जा रहा था l हमारी शादी को दो ही महीने हुऐ थे,ससुर को गुजरे कुछ वर्ष हुऐ थे, ऐक छोटी साली थी,सास ऐक स्कूल मे खेल शिक्षक थीl मेरा घर सुसराल से काफ़ी दूर था,मेरे पास कुछ छुट्टियां बाकी थी, बीबी तो पहले से ही तेयार बैठी थी l

    मुझे बहा जाना कुछ ज्यादा अच्छा नहीं लगता था, ससुर ज कोई साला तो था नहीं,अपने साथ लैपटॉप रख लिया था कुछ ऑफिस का काम करलूँगा,बोर होने से तो अच्छा l
    बीबी बोली अजी लंच हम माँ के घर पर ही करेंगे, मैने  फोन पर बोल दिया था l रास्ते मे हम कहीं रुके नहीं,दो घंटे मे ही हम घर पहुंच गए l सासु और साली जो पहले से हमारी इंतजार कर रही थी l नमस्कार किया और अंदर बैठने को कहा,पहली बार सुसराल आया था, चुप रहना ही ठीक लगा l

   बीबी बोली,माँ हम पहले लंच करेंगे बहुत भूख लगी हैl मैने भी बिना कुछ कहे सिर हिला दिया l
साली मज़ाक मे बोली, “आई!हमारे जीजा जी को बहुत भूख लगी है क्या दीदी खाना नहीं देती l”
साली जी   कोई अठारह वर्ष  की थी l उस की बॉडी कोई मॉडल से कम नहीं थी,फुटबॉल खेलती थी उसके मोटे मम्मे और गोल गाड़ बहुत आकर्षित करती थी l

  मैने मुस्कराते हुऐ बोला, “नहीं,नहीं साली जी, तुम्हारी दीदी तो बहुत अच्छा खाना बनाती है, बो तो हमे आप सब से मिलने की जल्दी थी इस लिए हम कही रुके नहीं l”
  साली ने मुस्कराते हुऐ बाहे आगे बड़ाई और मुझे हल्का सा बांहों मे पकड़ लिया, जैसे ही उसके मम्मे  मेरे साथ टच किए मेरे अंदर ऐक बिजली सी दौड़ी l
“खाना तेयार है” सासु ने आवाज़ लगाई l
बीबी जो वाशरूम मे थी बो भी अब बहार आ गई थी, हम सब खाना खाने अंदर चले l

  मेज़ पर साली जी और सासु जी मेरे सामने बैठी थी,बीबी मेरे बगल मे बैठी थी, मेरी भूख तो पहले से ही उड़ गई थी,साली जी के खाना खाते, हिलते मम्मे मुझे बेचैन कर रहे थे, उसकी टी शर्ट का गला बड़ा नहीं था,मेरी उन्हे और देखने की इच्छा बढ़ती जा रही थी, मैं बही खाना ले रहा था जो उसके नज़दीक था, बीबी जो क़ल फूलों का बगीचा थी अब ऐक सूखे फूल से बी कम नजर आ रही थी l

  “जीजा जी कहा खो गय,कैसा लगा हमारा खाना?”साली जी  मेरी और देख कर बोली l
“चुप कर,बहुत बोलने लगी है l”मेरे कुछ बोलने से पहले बीबी बाेल पड़ी l

   मन ही मन मे थोड़ा डरा,कही साली को पता तो नहीं चल गया मै कहा देख रहा था l नहीं,नहीं ऐसा कैसे मेने अपने आप को प्रोत्साहित किया, सभी लड़कीओ को पता होत है, लड़के उन के मम्मो और गाड़ को नोटिस करते है इस मे नया क्या l

   सभी खाना खा कर उठ गए,मैने क्या खाया बो सब तुम्हे पता चल ही गया होगा l

  शाम का समय था,मै और मेरी बीबी छत पर टहल रहे थे,ठंडी ठंडी हबा चल रही थीl

      “क्या चाय बनाऊ जीजा जी?” साली जी पूश्ती छत पर आई,मेरे ना कहने पर बह छत पर ऐक कोने मे खड़ी नीचे देखने लगी,उसकी गोल गाँड़ तंग पजामा से साफ नज़र आ रही थी, पजामा गाँड़ के दोनों गोल के बीच फ़सा हुआ था,बीच की गहरी दरार मेरी उत्तेजना बड़ा रही था l अचानक उसने नीचे कुछ देखा और बह अपनी ऐक टांग को मोड़ने लगी, उसकी गाँड़ का ऐक गोल नीचे ऊपर होने लगा l अब मेरा लंड पर नियंत्रण  ख़तम हो रहा था,मै वाशरूम की और मुडा, अंदर जा कर मैने लम्बी सांस ली,और रोशनदान से बाहर देखा उसकी गाँड़ उसी तरह हिल रही थी और यहां मेरा लंड बीच जाने को फड़फड़ा रहा था l में कुछ समय वॉशारूम में रहा l

    फिर मै वाशरूम से अपना पाजामा ठीक करते बाहर आया, साली जी कूदती हुई पास आ कर बोली “जीजू नीचे आइसक्रीम बाला आया है चोलो आइसक्रीम खाते है l”
“हां हां चलो “मै उस के नाचते मम्मो को देख कर बोला,फिर हम सब नीचे उतरने लगे l

       छत पर दो बैडरूम थे,बीच मे वाशरूम था जिसका दरबाजा दोनों बेडरूम को जाता था l बीबी ने ऊपर सोने का निर्णय लिया, बो चूत मे लेते समय बहुत चिलाती थी, उसकी बहन जा माँ पास हो बो नहीं चाहती थी l

      रात होने को थी मै बिस्तर पर था, उस की गोल ऊबरी गाँड़ आँखो के आगे घूम रही थी l बीबी वाशरूम से मेरे पास बिस्तर पर आई l
“क्या बात है?आज तो बड़े मूड मे लगते हो l” बो मुस्कराते हुऐ बोली l
अपने कोमल हाथो से मेरा लंड बाहर निकाला और हाथो से मालिश करने लगी, थोड़ा कठोर होते ही उसे  मुँह मे डाल कर चूसने लगी l
हमारी शादी को दो महीने हो गए थे, उसे अभी भी हर रोज चूसने का शौक़ था l
“आज तो इतनी हार्ड है पूरी रात चूत मे रखूंगी,” बो चुपती हुई बोली,उस ने अंडरवियर उतारा और बैठ गई लंड पर, आज उस की चूत भी कोई कम हॉट नहीं थी l उस की चमक बरी आँखें, लाल होता चेहरा, उसका नशा बेयान कर रहा थाl बो धीरे धीरे अपना शरीर ऊपर नीचे हिला कर लंड को चूत मे घुमा रही थी, फिर उसने अपना मम्मा मेरे मुँह मे डाल दिया , में उसके निप्पल को दांतो में ले कर दबाने लगा , अहा,अहा की आवाज़ से कमरा भरने लगा l हमारे जूस उसकी चूत में मिलने लगें l
फिर नाजाने कब हमें नीद आगई l

     सुबह लगभग पांच का समय था मेरी आँख खुली, कमरे मे कुछ रौशनी आ रही थी,बीबी पूरी नींद मे थी, उसका ऐक मम्मा बालो के बीच मे से मेरी तरफ देखरहा था, मन ही मन मे मैं सोच रहा था ,सोती हुई बीबी कितनी अच्छी लगती थी l फिर मै बेड से बिना कोई शोर किए  वाशरूम की तरफ बढ़ा,जैसे ही मेने वाशरूम मे प्रवेश क्या,देख कर चौंक गया, सामने साली जी ब्रश ले कर खड़ी थी, मैने उसपर नज़र डाली,उस की उभेरी चूत अंडरवियर से साफ नज़र आ रही थी,बीच मे छोटा नीचे जाता रास्ता उसे और बी आकर्षक बना रहा थाl उसके छाती से उभरे मम्मो के निप्पल टी शर्ट से मेरी और देखरहे थे, साली जी की नज़र सीधी मेरे नग्न लंड पर थी, उसमे अभी तक रात का कुछ जोश बाकी था,साली जी को देखकर लगता था बो किसी का नग्न लंड पहली बार देखरही  थी,जब हमरी नज़र मिली तो बह अपने कमरे मे भाग गई l

  मै अपने कमरे मे बापस बिस्तर पर लेट गया, साली जी की उभरी चूत अभी तक हलचल पैदा का रही थी, मगर बो कैसे आई वाशरूम मे ?, क्या बो पास बाले बैडरूम मे थी रात भर?, क्या बो हमें सुनना चाहती थी बहना को?, जा फिर जे सब इत्ताफ़ाक़ था, मन मे अनेक सवाल थे l
   कितने बज़ गए बीबी ने आँखें खोलते पूछाl”
   “छह” मैने उसके बड़े स्तनों को हाथ से दबाते बोला , बो मेरा लंड पकड़ कर बोली, “अब रात को दूगी” फिर हम नीचे चले गए l
नाश्ता करने के बाद हम वापस जाने को तेयार थे lसाली जी की बातो मे पहले बाला जोश नहीं था , उसकी आँखों मे थोड़ी शर्म थी लेकिन बॉडी मे लचक अधिक थी,लगता था मेरे नग्न शरीर उसकी आँखों मे अभी भी था,बीच बीच मे बो हलकी मुस्कान से मुझे देख लेती थी l

    मेने अपना बैग उठाया, बीबी भी तेयार थीl तभी साली जी ने पहले बहन को और फिर मुझे बाहो मे लिया, इस बार उसने अपने दोनों मम्मे अच्छे से टच किए, मेरा मन उसकी गाँड़ पर हाथ फेरने को थाl
सासु जी बोली, ” कुछ दिन और रुक जाते हमें और अच्छा लगता l”
    “हा,हा” साली जी भी बोल पड़ी l
“अरे आप भी आये हमारे “मेने साली जी की और देख बोलाl
“हाँ,में अपनी गर्मी की छुट्टियों में आऊंगी “साली जी ने मेरी और हल्का मुस्कराते हुए बोला, मुझे ऐक उम्मीद की किरण नजर आई, फिर हम गाड़ी में बैठ घर को जाने लगेl
रास्ते में मैं बस एक ही बात सोच रहा था साली जी की छुट्टियां कब शुरू होंगी, मुझे यकीन था कि बह आएगीl
   कोई तीन घंटे बाद हम अपने घर पहुँच गए l

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