साली जी और जीजू बगीचे में
Part 12
सुबह के 8 बज रहे थे, मैं अभी भी बिस्तर पर था, पत्नी नौकरी पर चली गई, मैंने उससे कहा था मुझे ऑफिस देर से जाना है lउसने मुझसे कहा था साली जी को बाजार ले जाना , घर पर वह अकेली बोर होती होंगी lमैं भी यही चाहता था l मैं सोच रहा था कि मैं उसे कहाँ ले जाऊँ, मिस एक्स ने मुझसे कहा था उसे वहां ले जाओ जहां मैं उसे उत्तेजित कर सकूं,ऐसी कौन सी जगह हो सकती थी ?मैं सोच रहा था l
“गुडमॉर्निंग जीजू “साली जी हमारे शयनकक्ष के दरवाजे के पास खड़ी मुस्करा रही थी l
“गुडमॉर्निंग, आ जाइए “मैंने बिस्तर पर हाथ रखते हुए उससे कहा l
“जीजू अगर मैं वहां लेट गईं तो मैं फिर सो जाऊंगी, नहीं, नहीं मुझे नाश्ता तैयार करना है l”
“हम नाश्ता तो बाहर भी खा सकते हैं l”
“नहीं,नहीं जीजू, बाहर लंच होगा ” उसने अपनी गाँड़ जोर से घूमई और रसोई की तरफ चली गई l
रिफ्रेश होने के बाद मैं बाहर आया,वह मेज पर मेरा इंतजार कर रही थी। नाश्ता तैयार था,मैने खाना शुरू किया l
“जीजू हम कहां जाएंगे?”
“तुम कहाँ जाना चाहती हो?”
“कही भी,जहाँ आप चाहें l”
मैं कहना तो चाहता था बैडरूम मे, उसे चोदने के लिए,लेकिन मुझमें अभी हिम्मत नहीं थी l मिस एक्स तो यही कहना चाहेंगी l
“मार्केट हॉल के पास एक बगीचा है ,वहां चलते हैं” मैंने चाय पीते हुए कहा l
“हाँ, हाँ जीजू, वह बहुत सुंदर है,वहा हम आइसक्रीम भी खरीद सकते हैं”
“जीजू मैं जल्दी से नहा लेती हूँ फिर हम चलते हैं l” फिर वह वाशरूम की तरफ़ जाने लगी l
अगर उसने फिर से दरवाज़ा बंद नहीं किया तो, मेरा दिल तेजी से धड़कने लगा,अगर वह अपनी ब्रा और पैंटी बाहर फेंक दे, फिर क्या मैं वह कर सकता था जो मिस एक्स ने कहा था?उसने तो यह भी कहा था , मौके बर्बाद मत करो, जाओ और उसकी चूत को चोदलो l
साली जी वाशरूम को जाने लगी, मेरी उत्तेजना बढ़ने लगी l
वह नहाने चली गई, उसने पहले जैसा ही किया,दरवाज़ा थोड़ा खुला छोड़ दिया और फिर अपनी ब्रा और पैंटी बाहर टोकरी के पास फेंक दी l
मेरा चेहरा लाल हो रहा था,अगर मुझे उसकी चूत चोदनी थी तो मुझे अवश्य करना चाहिए जो मिस एक्स ने कहा था l मैं खड़ा हुआ और उसके वॉशरूम की ओर जाने लगा,मेरा कठोर लंड भी मुझे जाने पर मजबूर कर रहा था l फिर मैंने साली जी की आवाज सुनीl
“जीजू, आप कहाँ हैं?, क्या आप शॉवर में आ सकते हैं?”
मैं रुक गया, मुझे अपने कान पर विश्वास नहीं हो रहा था। क्या साली जी मेरे साथ नहाना चाहती थी?,उसने पहले ही अपनी ब्रा और पैंटी बाहर फेंक दी थी, सालीजी तो पूरी नंगी होगी l मेरा दिल तेजी से धड़क रहा था,मैं दरबाज़े के पास जाने लगा, मैंने धीरे से दरवाज़ा खोला,
“क्या हुआ?”मैंने धीरे से पूछा l
सालीजी सफेद तौलिये में थीं, जिसने उसके शरीर का मध्य भाग ढका हुआ था,उसकी गोरी लंबी टांगें थीं,मम्मो का कुछ भाग तौलिये से बाहर था,लंबे काले बाल उसके कंधे पर गिर रहे थे,उसकी गोरी त्वचा बहुत उत्तेजित कर रही थी l
“जीजू, देखो न शावर हिल नहीं रहा, मै कैसे नहा सकती हुं? “
मेने शावर चेक किया, वह तो ठीक था, ऊपर, नीचे जा रहा था l
“अब ठीक है “मेने बोला और बाहर की और जाने लगा l
“रुको जीजू!मैं चेक करना चाहती हुं l “
उसने शॉवर खोल दिया,पानी गिरने लगा, उसके काले बाल पानी से भर गए ,गीला तौलिया उसके मम्मो से फिसलने लगा , उसके शरीर पर हर जगह पानी था,उसके गुलाबी गीले होंठ बहुत प्यारे थे,उसने अपनी नजरें मेरी तरफ घुमाईं l
मेरा चेहरा लाल हो गया था, आँखें प्यासी लग रही थीं, वह आसानी से मेरे सख्त लंड पाजामे मे देख सकती थी,उसने मेरे लंड को देखा और प्यार से बोली,
“जीजू,अब ठीक है!”
मैं वॉशरूम से बाहर आया और उसकी ब्रा और पैंटी को टोकरी में रख दिया l
“थैंक्यू जीजू ” वह नहाते बोली,दरवाज़ा अभी भी थोड़ा खुला था l
मैं अपने कमरे में वापस आ गया, उसका गीला शरीर अभी भी मेरी आँखों में घूम रहा था।मैं जानता था शावर में कुछ भी गलत नहीं था , वह सिर्फ मेरा कठोर लंड देखना चाहती थी,वह जानती थी कि मैं उसका तौलिया नहीं उतारूँगा,और उसे चोदने की कोशिश भी नहीं करूंगा l कुछ समय चुप चाप बैठा रहा,फिर सालीजी कुछ गुणगानाते नहा कर बाहर आई और अपने कमरे में जाने लगी, मैंने भी ड्रेस बदलना शुरू कर दिया l कुछ देर बाद हम बाहर निकल गये l
” जीजू, वह लाईबरेरी बाली लड़की कहा रहती है?, मिलती है तुम्हे कभी? “
“तुम्हारे जीजू किसी भी लड़की को नहीं पटा सकते, मुझे नहीं पता कि तुम्हारी बहन कैसे मानगई, वह क्यों मिलेगी मुझे?” मैंने मुस्कुराते हुऐ कहा l
“जीजू,तुम्हें किसी को पटाने की क्या जरूरत, लड़कियाँ खुद पट जाती होंगी l”
“अभी तक तो कोई पटी नहीं, तुम्हारी दीदी बस, उससे मैंने शादी बना ली, मैं जानता था कि अगर वह भी चली गई तो,मैं तो कुंवारा ही रह जाऊंगा “वह हंसने लगी, हम बगीचे में पहुंच चुके थे, बगीचे के एक तरफ एक छोटे नग्न लड़के की मूर्ति थी,वो छोटा सा फव्वारा था, लड़के के लिगं से पानी आ रहा था l
“ये पहले तो नहीं था, उन्होंने यहां क्यों रखा?, कई महिलाएं यहां आती हैं”मैंने उस स्टेचू की तरफ देख कर बोला l
“हाँ जीजू, उन्हें थोड़ा बड़ा बनाना चाहिए था, ये तो बहुत छोटा है l “
“क्या “?
वह जोर से हंसी ,वह बड़ा लंड देखना चाहती थी, यह मैं पहले से ही जानता था,फिर हम आइसक्रीम खरीदने गए, वहां बहुत सारे लोग थे, उसने मुझे पहले ही बता दिया था उसे लोगों के पास बैठना पसंद नहीं था , हम थोड़ी शांत जगह ढूंढने लगे,बगीचे के कोने पर एक बड़ा पेड़ था, हम वहाँ जा बैठे l वहाँ बहुत सारी लड़कियाँ और लड़के बैठे थे लेकिन हमारे करीब नहीं थे l
“जीजू देखो बहुत सारी खूबसूरत लड़कियाँ हैं, अगर किसी ने तुम्हें प्रपोज़ कर दिया तो?”
“मैं उसे होटल में ले जाऊंगा और उसके साथ दिन बिताऊंगा, लेकिन कोई हमारे पास नहीं आएगी , उन्हें लगता है कि हम कपल हैं “मैंने मुस्कराते हुऐ कहा l
“वाओ जीजू!, होटल लेकर जाओगे “
“हाँ, निश्चित रूप से वे सोचते होंगे, मैं आपकी प्रेमिका हुं l”
“साली जी आप तौलिये में बहुत सुन्दर लग रही थी l “
“जीजू सुन्दर और सेक्सी बोलो, तुम भी कभी तौलिया लगाना”, वह मुस्कुराते हुऐ बोली l
हम ने कुछ समय बातें की l
“जीजू मुझे भूख लग रही है, चलो लंच के लिए चलते हैं l”
फिर हम दोपहर के भोजन के लिए निकल गये l