मेरा आकर्षक पड़ोसी
मंजू कमरे की खिड़की मे बैठी बाहर देख रही थी, उसका पड़ोसी लड़का अपने घर के पिछवाड़े में नहा रहा था , उसने अंडरवियर पहना हुआ था जो मंजू को पसंद नहीं था। वह उसके शरीर से बहुत आकर्षित थी l
मंजू बत्तीस साल की थी, दो महीने पहले ही वह अपनी बेटी सिमी के साथ वहां नए घर मे शिफ्ट हुई थी। सिमी लगभग बारह साल की थी और स्कूल में छठी कक्षा में थी।
मंजू शादीशुदा थी और उसका पति विदेश में काम करता था। वह काम नहीं कर रही थी बस अपनी बेटी की देखभाल करती थी, उसका पति उन्हें पर्याप्त पैसे भेजता था ताकि वे अच्छा जीवन व्यतीत कर सकें । वह उस लड़के से मिलना चाहती थी, लेकिन उसके पास उससे बात करने का कोई कारण नहीं था।
उस लड़के का नाम सोनू था, वह अठारह साल का था और कॉलेज का छात्र था। उसे मंजू के बारे में कुछ भी नहीं पता था, उसके किसी पड़ोसी ने उसे बताया कि उस घर में नया मालिक आया था , उसका पति विदेश में काम करता था । सोनू के माता-पिता अमीर नहीं थे। वह अच्छा पैसा कमाने के लिए विदेश में काम करना चाहता था। वह उस नए मालिक को जानना चाहता था ताकि उसे विदेश में काम करने के लिए कुछ मदद मिल सके।
मंजू के घर के बाहर छोटी सी की दुकान थी। बह केवल विक्रेता से बात करती थी क्योंकि वह और सिमी हमेशा कुछ न कुछ खरीदने के लिए वहां जाते थे। वह दूसरे पड़ोसियों के बारे में ज्यादा नहीं जानती थी।
एक दिन मंजू ने विक्रेता से बात की और कहा कि वह ऐसे शिक्षक की तलाश कर रही थी जो उसकी बेटी को घर पर पढ़ा सके। उसे ट्यूशन की जरूरत थी,उसने मंजू से कहा कि वह एक कॉलेज छात्र को जानता था और वह उसकी बेटी सिमी की मदद कर सकता था , उसका नाम सोनू था , मंजू को नहीं पता था कि सोनू कौन था , उसने कहा, उसे उससे मिलकर खुशी होगी। विक्रेता ने वादा किया कि वह उसे उसके घर भेज देगा।
बारह बजने वाले थे, सिमी जल्द ही घर आने को थी। मंजू ने स्नान किया और उसके लिए कुछ खाने की तैयारी करने लगी, गर्मी का दिन था, वह अभी भी तौलिये में थी। किसी ने दरवाजा खटखटाया, वह जानती थी, सिमी ही वहाँ होगी ।
उसने दरवाज़ा खोला, वह देखकर दंग रह गई, सोनू वहाँ खड़ा था। बह लड़का जिसे वह रोज़ अपनी खिड़की से नहाते देखती थी l उसे अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था l सोनू भी उसे गौर से देख रहा था, उसे उम्मीद नहीं थी कि उसे तौलिया में एक महिला दिखाई देगी। वह तौलिये में आधे ढके हुए उसके बड़े मम्मो को देख रहा था। उसकी गोरी त्वचा, बहुत आकर्षक लग रही थी। कुछ देर तक वे चुप चाप एक-दूसरे को देखते रहे, फिर सिमी आ गई और पूछने लगी।
” माँ! वो अंकल कौन है? “
मंजू ने सोनू से पूछा ” तुम कौन हो? “
सोनू उसे तौलिये में देखकर थोड़ा चौंक गया था ।
उसने कहाँ, “मैं सोनू हूं, उस दुकान वाले ने मुझे आपसे मिलने के लिए भेजा है । उन्होंने कहा कि आपको अपनी बेटी के लिए शिक्षक की जरूरत है l”
“हा,हा! कृपया अंदर आएँ l”
वह अंदर आया और सोफे पर बैठ गया, मंजू कपड़े पहनने चली गई, वह अपने कमरे में आई और लंबी सांस ली। वह उसे अपने घर में देखकर बहुत खुश थी। उसने उसके लिए चाय बनाई और वे चाय पीते हुए सिमी के बारे में बात करने लगे। मंजू ने उससे कहा कि उसे अपनी बेटी के लिए शिक्षक की जरूरत थी , अगर वह उसे घर पर पढ़ाने के लिए तैयार हो तो उसे खुशी होगी। सोनू तैयार था, उसे अपनी शिक्षा के लिए पैसों की जरूरत थी। उस ने वादा किया कि वह कल दोपहर के बाद उसे पढ़ाने आएगा । फिर वह चला गया l
मंजू उत्सुक थी, उसे मन ही मन सोनू से प्यार हो गया था । वह उसके आकर्षक शरीर को छूना चाहती थी।
अगले दिन सोनू अपने वादे के मुताबिक उसके घर आया, मंजू और सिमी उसका इंतजार कर रही थीं। मंजू ने बहुत अच्छे कपड़े पहने,खूबसूरत गहरे लाल रंग का गाउन, यह थोड़ा सेक्सी था l उसने सिमी से परिचय कराया और फिर वह अपने कमरे में चली गई।
उन्होंने दो घंटे पढ़ाई की, फिर मंजू उसके लिए चाय लेकर आई। सिमी खेलने के लिए चली गई, वे बातें करने लगे, सोनू ने उसे बताया कि सिमी को अच्छी समझ थी , वह चीजों को तेजी से सीखती थी । उसने मंजू को यह भी बताया कि उसके माता-पिता बहुत गरीब थे , उसे अपनी शिक्षा के लिए पैसे की जरूरत थी , वह नौकरी की तलाश में था । मंजू को वह ईमानदार लड़का लगा , उसने उसे मदद करने और कुछ अतिरिक्त काम देने का वादा किया।
कुछ दिन ऐसे ही बीत गए, बह सिमी को पढ़ाता और कभी-कभी वह उनके लिए बाजार से कुछ सामान ले आता था। मंजू की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी l मंजू को पता था कि उसे पैसों की ज़रूरत थी और वह एक युवा लड़का था,उस उम्र में लड़के लड़कियों की तलाश में रहते थे ।
आज जब उसने पढ़ना समाप्त किया और सिमी अपने दोस्तों के साथ खेलने चली गई तो वह उसके पास आई और बोली,
” सोनू, क्या तुम फ्री हो, मुझे तुम्हारी मदद चाहिए l”
“हाँ मैडम मैं फ्री हूँ, आप क्या चाहती हैं?”
“सोनू मेरे कंधों में बहुत दर्द हो रहा है क्या तुम मेरी मालिश कर सकते हो?”
” मैडम मुझे मालिश करना नहीं आता, लेकिन मैं कोशिश कर सकता हूँ l”
वह सोफे पर पेट के बल लेट गई, उसने स्पोर्ट्स ब्रा और टाइट सूती पायजामा पहना हुआ था। वह उसके पास खड़ा हो गया और उसके कंधों को दबाने लगा, उसने अपने बड़े गोल चूतड़ों को इधर-उधर हिलाना शुरू कर दिया, उसके हिलते हुए चूतड़ और तंग पायजामा, नितंबों का गहरा मध्य दरार , सोनू को उत्तेजित करने लगा।उसका लंड फूलने लगा , वह कंट्रोल करने की कोशिश कर रहा था, उसे पैसे की जरूरत थी, वह सब कुछ करने को तैयार था जो मैडम चाहती थी।
“सोनू तुम बहुत अच्छी मसाज कर रहे हो, मैं मसाज गर्ल को नहीं बुलाऊंगी,तुम उससे बेहतर हो l”
“सच मैडम!”
“सोनू मेरी पीठ की मालिश भी करो, मुझे बहुत अच्छा लग रहा है l”
वह उसकी पीठ की मालिश करने लगा ।
“तुम मेरी ब्रा का हुक खोल दो , तुम अपना हाथ बेहतर तरीके से चला सकते हो, अपना हाथ मेरे पायजामा की बेल्ट तक ले कर जाओ l”
उसने उसकी ब्रा की हुक खोल दी,उसकी पीठ पूरी नंगी थी, सोनू ने कभी किसी लड़की की पीठ को इस तरह नहीं छुआ था। उसका चेहरा लाल था, उसकी साँसें तेज़ चल रही थीं, मंजू को सब पता था, वह पूरा आनंद ले रही थी, वह यह भी जानती थी कि उसका लंड सख्त होने लगा होगा लेकिन यह छूने का सही समय नहीं था।
कुछ देर बाद उसने कहा, “सोनू अब मेरी ब्रा टाइट करो, मुझे अच्छा लग रहा है, धन्यवाद!”
सोनू ने उसकी ब्रा वापस कस दी , वह बैठ गई। उसने उसका पायजामा देखा और उसका उभरता हुआ लंड देखा। उसने छिपने की कोशिश की और वह सोफे पर बैठ गया।
“सोनू क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?”
“नहीं, नहीं मैडम!”
” शरमाओ मत! तुम मुझसे कुछ भी बात कर सकते हो l”
“ठीक है मैडम!क्या मैं घर जा सकता हूँ मैडम?”
“हाँ, हम कल बात करेंगे। “वह चला गया l
सोनू बहुत उत्तेजित था और घर की ओर चल रहा था । मैडम की गोरी नंगी पीठ और टाइट पायजामा में गोल गोल चूतड़ उसकी आंखों में घूम रहे थे, उसका वीर्य बाहर आने को उत्तेजित था । उसने पहले कभी किसी लड़की को नहीं चोदा था , बह मैडम के नग्न चूतड़ो और मम्मो की कल्पना करने लगा । उसकी दिल की धड़कन बढ़ रही थी, वह अपने घर आया और सीधे अपने कमरे में चला गया। उसने अपना लंड निकाला और हस्तमैथुन करने लगा, कुछ ही सेकंड में उसके शुक्राणु तेज दबाव के साथ बाहर आने लगा। उसे कुछ आराम महसूस हुआ, फिर वह बिस्तर पर लेट गया। मैडम उसके लिए अच्छी थीं। वह उसे पर्याप्त पैसे दे रही थीं। वह आसानी से अपनी शिक्षा का भुगतान कर सकता था और अपने माता-पिता की मदद भी कर सकता था। अब मैडम ने उसे मसाज का काम दिया और वह कुछ और कमा सकता था। बह बहुत खुश था l
सुबह का समय था,सिमी स्कूल चली गयी थी,मंजू खिड़की के पास आई, नल के पास सोनू अंडरवियर में टहल रहा था। वह नहाने के लिए तैयार था, मंजू उसके शरीर को देखने लगी। वह कल्पना करने लगी कि वह उसे छू रही थी । इससे उसकी चूत गर्म होने लगी, उसने एक साल पहले तब सेक्स किया था जब उसका पति विदेश जा रहा था, उसे याद था कि उन्होंने पूरी रात चुदाई की थी। सोनू नहा रहा था, वह अपनी चूत को रगड़ रही थी। उसका हाथ अंडरवियर में था, तभी उसके पति का उसे फ़ोन आया और उसका ध्यान टूट गया l
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सोनू सिमी को पढ़ा रहा था, मंजू बिस्तर पर लेटी हुई थी और सोनू का इंतज़ार कर रही थी। उसने समय देखा, अभी भी पंद्रह मिनट बाकी थे। वह उनके लिए चाय बनाने लगी। सोनू ने ट्यूशन किया और वे चाय पीने लगे। सोनू ने मंजू से कहा कि वह अपना कॉलेज पूरा करने के बाद विदेश में काम करना चाहता था । वह उसकी मदद चाहता था क्योंकि उसका पति विदेश में काम करता था। उसने वादा किया कि वह उसकी मदद करेगी। फिर वो बायीं ओर झुकी और चिल्लाई,
“हा!.. फिर दर्द हो रहा है l”
” क्या हुआ मैडम?” सोनू ने चिंता से पूछा।
“सोनू, मेरी पीठ के निचले हिस्से में थोड़ा दर्द है, मुझे मालिश की ज़रूरत है l”
” मैडम!, अगर आप चाहें तो मैं कर सकता हूँ l”
” धन्यवाद सोनू! तुम बहुत अच्छे हो!”
वह शयनकक्ष की ओर चली गई, सोनू उसके पीछे चला गया। वह बिस्तर पर पेट के बल लेट गई, सोनू उसके तंग सूती पायजामे में उसके चूतड़ देखने लगा । उसका लंड फिर से उठने लगा,उसने अपनी पीठ के निचले हिस्से पर लोशन लगाया, सोनू उसकी मालिश करने लगा, उसका हाथ आसानी से उसकी ब्रा और पायजामा की बेल्ट को छू रहा था।
“सोनू मुझे बहुत अच्छा लग रहा है” उसने अपना पायजामा थोड़ा और नीचे सरका दिया,उसकी गहरा भूरा रंग की दरार थोड़ी उजागर होने लगी। सोनू धीरे-धीरे उसकी मालिश कर रहा था, उसे मजा आ रहा था l
“सोनू मेरे चूतड़ो को थोड़ा दबाओ!” उसे उम्मीद नहीं थी कि वह कभी उसके चूतड़ों को छू सकेगा। उसके हाथ कांप रहे थे,
” मैडम! क्या मैं….?”
“हा,हा सोनू, शरमाओ मत!”
उसने अपना हाथ उसके चूतड़ों पर रखा, उसका लंड अंडरवियर फाड़ कर बाहर आना चाहता था। वह खुद को नियंत्रित कर रहा था, मंजू को सब कुछ पता था वह उस युवा मुर्गे का आनंद ले रही थी। उसने कुछ देर दबाया, फिर मंजू ने कहा,
“सोनू, मेरे चूतड़ो को ज़ोर से दबाने की ज़रूरत है, तुम बिस्तर पर आओ और मेरे चूतड़ो पर बैठ जाओ।”
बह बिस्तर पर आया और धीरे से उसके चूतड़ों पर बैठ गया और नीचे दबाने लगा। उसके अंडकोष उसके चूतड़ों को छूने लगे थे। ज़ब उसने थोड़ा जोर से दबाया तो मंजू चिल्लाई,
” ओउ, ओउ.. ओउ..!”
उसने अपना नियंत्रण खो दिया, उसका लंड फट गया और शुक्राणु उसके अंडरवियर में आ गए। लेकिन उसने दबाना जारी रखा, मंजू उसके दिल की धड़कनें सुन रही थी। वह जानती थी कि सोनू का लंड लीक हो चूका था l
“सोनू, ठीक है! मुझे अब बहुत अच्छा लग रहा है, धन्यवाद!”
सोनू नीचे आया,और उसने अपना पायजामा देखा। वह खुश था कि वह गीला नहीं था, केवल उसका अंडरवियर गीला था। मंजू ने अपना पायजामा ठीक किया और बिस्तर पर बैठ गई, सोनू बिस्तर के पास खड़ा था।
“सोनू बैठो,तुम कब विदेश जाना चाहते हो,मैं अपने पति से बात कर सकती हूं l”
“मैडम,मेरे पापा मुझे दो साल बाद इजाजत देंगे। मैडम मेरे माता-पिता आपको धन्यवाद कहना चाहते हैं, किसी दिन हमारे घर आइए l”
मंजू मुस्कुराई और उसका हाथ पकड़ लिया l
“तुम भी तो मेरी मदद कर रहे हैं l”
” मैडम मैं वह सब कुछ करूंगा जो आप चाहती हैं। मुझे आप पसंद हो l”मंजू को पता था कि उसका अंडरवियर गीला था इसलिए वह उसे शर्मिंदा नहीं करना चाहती थी, वह आज उसे नंगा देखना चाहती थी।
” सोनू, अब तुम घर जा सकते हो, अपने माता-पिता को मेरा नमस्ते कहना l” सोनू घर चला गया l
सोनू अपने कमरे में बैठा हुआ था,वह फिर से मैडम के चूतड़ों के बारे में सोच रहा था। वह बहुत सेक्सी लग रही थी,क्यों नहीं मैडम उससे चुदना चाहती, कितना अच्छा होता अगर वह अपनी टाँगें खोल देती, मैं उसकी चूत और चूतड़ नंगे देख सकता। बह कल्पना करने लगा , अगली बार अगर मैडम उसे अपने चूतड़ों की मालिश करने के लिए कहें, तो वह उसकी चूत को छूएगा। मसाज में ऐसा हो सकता था l उसे कुछ करना होगा ताकि मैडम को पता चले कि वह उसे चोदना चाहता था ,लेकिन ध्यान से,उसे गुस्सा दिलाना अच्छा नहीं होगा ।
अगले दिन जब वह मैडम के साथ बैठा था तो उसने कुछ करने का फैसला किया ताकि मैडम को पता चले कि वह क्या चाहता था।
“मैडम, अगर आप थका हुआ महसूस करती हैं तो मैं हर रोज आपकी मालिश कर सकता हूं l”
“सोनू मुझे तुम्हारी मसाज पसंद है लेकिन तुम्हें कुछ तकनीक सीखने की जरूरत है l”
“मैडम!कृपया मुझे सिखाएं,मैं आपकी बेहतर मालिश कर सकता हूं l”
सोनू खुश था अगर वह और अधिक सीखता था तो हर दिन उसकी मालिश कर सकता था , उसे उसकी चूत और चूतड़ को छूने का अधिक मौका मिलेगा। लेकिन उसने कभी सोचा भी नहीं था कि आगे क्या होने वाला था l
“सोनू तुम सच में सीखना चाहते हो l”
“जी मैडम , मैं तैयार हूँ!”
“ठीक है!यह बहुत अच्छा है, मेरे शयनकक्ष में आओ l”
सोनू उत्सुक था, वह उसे और अधिक छू सकता था, वे शयनकक्ष में चले गए, उसकी दिल की धड़कन बढ़ती जा रही थी, मंजू बिस्तर पर बैठ गयी। और उसने कहा,
“सोनू, यहाँ आओ और अपने सारे कपड़े उतारो, बिस्तर पर पेट के बल लेट जाओ l”
सुन कर सोनू दंग रह गया, “मैडम सब कुछ!”
“ठीक है! अपना अंडरवियर रखो l”
उसने अपने कपड़े उतारे और उसके सामने बिस्तर पर लेट गया, मंजू की आँखें चमक उठीं, वह उसकी पीठ पर अपना हाथ घुमाने लगी। उसने उसके कंधे को कुछ बार दबाया, फिर उसने अपना हाथ उसके अंडरवियर की ओर बढ़ाया, उसने उसके नितंबों की मालिश की, वह बहुत उत्तेजित थी, फिर उसने अपना हाथ उसके अंडरवियर में डाल दिया और मालिश करना शुरू कर दिया।
उसके हाथ उसके अंडकोष को छू गए, उसने उनको पकड़ा और उनकी मालिश करने लगी । उसने महसूस किया कि उसका लंड बहुत सख्त था। उसने लंड अपने हाथ में लिया और धीरे से मालिश करने लगी , लंड की मालिश करना मुश्किल था क्योंकि सोनू अपने पेट के बल था, उसने उसे पीठ के बल लेटने को कहा,वह सीधा बिस्तर पर लेट गया, उसका अंडरवियर उसके लंड से फूल गया था। उसने उसका अंडरवियर नीचे सरका दिया।
“आप अब पूर्ण पुरुष हैं!” उसने उसका लंड अपने हाथ में लिया और ध्यान से देखा, वह बहुत सख्त था।
सोनू इतना शांत था, यह उसकी अपेक्षा से कहीं अधिक था। उसने उसका लंड अपने मुँह में डाल लिया और चूपने लगी। सोनू अपनी पहली चाट का आनंद ले रहा था। अब उसमें पूरी हिम्मत आ गई थी, वह अपना हाथ मैडम की टांगों के बीच ले गया और उस की चूत को छूने लगा।
सोनू पूरी तरह से उत्तेजित हो गया था, उसका लंड सख्त छड़ी की तरह था, मंजू ने अपना पायजामा उतार दिया, फिर सोनू के ऊपर आ गई और उसके होंठों को चूमने लगी, उसने अपना हाथ उसकी पैंटी में डाल दिया और उस की चूत को मसलने लगा । उसकी चूत बहुत गीली थी, उसकी उंगली उसकी भगनासा को छूने लगी।
ओउ.. ओउ..! बह चीलाई l
उसने अपनी पैंटी उतार दी और बिस्तर पर लेट गई, अपने पैर खोल दिए l
“सोनू आओ और मेरी चूत को चाटो!” बह उसकी टांगो मे आया,उसने उसकी चूत को गौर से देखा, इसके होंठ पहले से ही खुले हुए थे,अंदर की गहरी गुलाबी त्वचा गीली थी। उसने अपनी जीभ उसकी भगनासा पर घुमाई और चाटना शुरू कर दिया l
फिर सोनू ने उसे पेट के बल घुमाया और उसके ब्रे का हुक खोल दिया। उसने उसकी पीठ को चूमा और अपना मुँह उसके भूरे गोल चूतड़ों की ओर ले गया, उसके सपनों के चूतड़ उसके सामने थे, उसने अपनी उंगली उसके दरार पर रख दी और उसे गहरे भूरे रंग के रास्ते पर फेरने लगा । उंगली गाँड़ के छेद पर रुक लेता। उसने कई बार अपनी ऊँगली घुमाई, फिर उसने अपना लंड छेद पर रखा और धीरे धीरे अन्दर धकेलने लगा l बह चिलाने लगी l वह नहीं रुका और तब तक धक्का लगाता रहा, जब तक कि वह छेद के अंत तक नहीं पहुंच गया।
उसने कुछ देर तक अपनी ड्रीम गांड को चोदा। फिर उसने मंजू को पीठ के बल घुमाया और उसके निपल्स को चूमना शुरू कर दिया, मंजू उसकी धीमी चुदाई का पूरा आनंद ले रही थी, उसने अपनी टाँगें ऊपर उठा लीं,और उन्हें फैला लिया,यह सोनू के लिए सिंगनल था। वह अपनी चूत में लंड चाहती थी,उसने अपना लंड उसकी चूत के होठों पर रखा और दबाने लगा, लंड उसकी गीली चूत में फिसल गया, उसने पूरी ताकत से धक्का दिया। लंड काफी अंदर तक चला गया,उसका अंडकोष उसकी गांड के छेद को छूने लगे l वो धीरे धीरे उसकी चूत चोदने लगा l
कुछ मिनटों की चुदाई के बाद मंजू उसके ऊपर आना चाहती थी। बह कामोत्तेजना के पास महसूस कर रही थी।
सोनू बिस्तर पर लेट गया वह उसके लंड पर बैठ गई, वह तेजी से अंदर चला गया। फिर वह अपने चूतड़ हिलाने लगी l
“मेडम,मेरा वीर्य आपकी चूत में आ रहा है!” वो लंड को अपनी चूत से रगड़ती रही,वो अपनी चूत से लंड को जोर जोर से मसल रही थी l फिर बह जोर से चिलाने लगी,
” ओउ.. ओह…! ” उसे चरमोत्कर्ष प्राप्त हुआ और वह उसके पेट पर गिर गयी,उसकी चूत सोनू के वीर्य से नहा रही थी।
“सोनू तुम अद्भुत आदमी हो! तुमने मुझे बहुत ख़ुश किया!” उसने सोनू को चूमा l
सोनू भी अपनी ड्रीम गाँड़ को चोद कर बहुत खुश था l