जीजू के जीवन में सीक्रेट लड़की कौन!
Part 9
मैं ऑफिस में बैठा था, वहां ज्यादा काम नहीं था, मैं अपना ईमेल पढ़ रहा था और अपने स्पैम फ़ोल्डर को चेक कर रहा था, कभी-कभी मुझे वहां कुछ महत्वपूर्ण ईमेल आते थे l
“तुम्हें मेरा नाम जानने की जरूरत अभी नहीं है, तुम मुझे अच्छे से जानते हो l”
मुझे वह ईमेल किसने भेजा, मैं बहुत उत्सुक था। मैंने पढ़ने का निर्णय लिया, मेरे पास प्रेषक के बारे में कोई जानकारी नहीं थी,शायद प्रेषक कोई लड़की थी l
“मैं जानती हुं कि तुम शादीशुदा हो, तुम अपनी पत्नी से प्यार करते हो। मैं तुमसे कुछ नहीं चाहती थी , लेकिन अब मुझे तुमसे प्यार हो गया है, खासकर तुम्हारे शरीर से। जब बिस्तर पर लेटती हुं, तुम्हारा आकर्षक शरीर मेरे सामने घूम जाता है,मुझे नहीं पता, तुम मुझे कितनी जोर से चोद सकते हो,तुम्हारे लंड का साइज क्या है या मेरी चूत में कितनी गहराई तक जायगा, मैं बस यही चाहती थी कि तुम मुझे जोर,जोर से चोदो ओर अपना वीर्य ज्यादा से ज्यादा मेरी चूत में डालो, बहुत प्यासी है l कभी तुम्हें फिर से लिखूंगी ,तुम्हारी गीली चूत।”
मैं पूरी तरह असमंजस था ऐसा कौन लिख सकता था l वह लड़की कौन थी ?, वह मुझे कैसे जानती थी ? क्या वह सुगी मेरी पुरानी क्लास फेलो थी वह कुछ दिन पहले मुझसे पुस्तकालय में मिली थी,उसके पास मेरा ईमेल पता भी था l
मिरी भी हो सकती थी l मिरी मेरे ऑफिस में काम करती थी, वह ज्यादा खूबसूरत नहीं थी, मोटी थी, कभी-कभी कोई उसकी गंदी चैटिंग के बारे में बात करता था ,कभी-कभी उसकी बड़ी गांड मुझे आकर्षित भी करती थी, लेकिन मैंने कभी कोशिश नहीं की थी l
साली जी, नहीं,नहीं सालीजी मुझे ईमेल नहीं भेजेंगी। वह केवल मुझे उत्तेजित करना चाहती थी,लेकिन कभी-कभी मुझे दृढ़ता से महसूस होता था, वह चाहती थी , मैं उसे चोदूं l
हर शाम की तरह, मैं घर पर टीवी देख रहा था। मैं अभी भी उस ईमेल के बारे में सोच रहा था। कोई लड़की मुझे इस तरह क्यों लिख रही थी ?, यह भी संभव था कि उसने गलत ईमेल पता लिखा हो,मुझे इस बारे में नहीं सोचना चाहिए,शायद उसने गलत व्यक्ति को संदेश भेज दिया था l
“जीजू किस सोच मे हो,चाय लो”, सालीजी ने चाय देते हुए कहा l
” कुछ काम के बारे में सोच रहा था,आओ बैठो l”
वह मेरे पास बैठी,वह सामान्य लग रही थी, मुझे नहीं लगता था कि वह मुझे ईमेल भेज सकती थी l लेकिन मैं जानता था कि जब वह मेरे पास बैठेगी तो मुझे उत्तेजित करने के लिए कुछ न कुछ जरूर करेगी।
उसने हल्के नीले रंग की शर्ट और पायजामा पहन रखा था,शर्ट का केवल एक ऊपरी बटन ही खुला था l वह मेरे ठीक बगल में बैठी थी, हम एक-दूसरे को आसानी से देख सकते थे l मैं चाय पीने और टीवी देखने में व्यस्त था।
मैं जानता था कि अगर मैं उस पर ध्यान नहीं दूँगा तो वह बेचैन होने लगेगी l
वह कुछ देर चुपचाप बैठी रही, फिर उसने अपनी शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए, मुझे पता था कि वह नग्न नहीं होगी l लेकिन मेरा दिल धड़कने लगा था,उसने सारे बटन खोले, उसका सफ़ेद छोटा टॉप और उसका गोरा पेट मेरे सामने थे l यह वही टॉप था, जो मैंने उसे मार्किट मे दिखाया और उससे कहा था कि मुझे वह पसंद है l उसकी शर्ट अभी भी उसके मम्मो पर गिरी हुई थी l वह कुछ देर ऐसे ही बैठी रही,कभी-कभी वह मेरे पायजामे को देखती, शायद वह मेरे लंड की प्रतिक्रिया देखना चाहती थी l
मेरा अभी भी अपने आप पर नियंत्रण था, मैंने अपने आप पर पूरा नियंत्रण रखने का फैसला किया, आज देखना चाहता था वह कितनी दूर तक जा सकती थी l मैं चुपचाप टीवी देखने लगा, उसने अपनी शर्ट अपने मम्मो से हटाई, मैं उसके तीखे निपल देख सकता था,उसने घर पर ब्रा पहनना बंद कर दिया था , वह जानती थी कि उसकी चूचीय मुझे उत्तेजित करती थी और वह मेरे सख्त लंड को आसानी से देख सकती थी,जो उसकी चूत को गर्म करता था l मैं अभी भी पूरे नियंत्रण के साथ चुप था l
वह हल्की आवाज के साथ लंबी सांस लेने लगी,उसने अपना हाथ टॉप मे डाला और अपने बाएँ मम्मे को ठीक किया, और फिर दाईं ओर के, वो मेरा सख्त लंड नहीं देख पा रही थी l मैं मन ही मन मुस्कुरा रहा था l
“जीजू आप आज बहुत थके हुए लग रहे हैं, क्या आपके कंधे की मालिश कर दूं?”
“नहीं, नहीं साली जी, मैं ठीक हूँ”मैंने मुस्कुराते हुए कहा l
वो थोड़ी उदास थी, वो मेरा सख्त लंड नहीं देख पा रही थी, उसकी चूत लगभग सो रही थी l
फिर वह झुकी और अपने जूते पर कुछ करने लगी, वह चाहती थी कि मैं उसके बड़े मम्मे देख सकूँ,उसकी टॉप का गला काफ़ी बड़ा था , मैं उसके मम्मे, निपल्स तक देख सकता था,उसके हिलते हुए बड़े मम्मे,थोड़ी गीली मध्य रेखा,मुझे उत्तेजित करने लगे,मैंने अपने लंड पर नियंत्रण खो दिया, वह अपने मम्मे हिला रही थी, मेरा लंड कठोर हो रहा था l
उसने मेरे लंड की तरफ देखा, मेरा पाज़ामा उठ चूका था बह मुस्कुराई,फिर टीवी देखने लगी, शायद उसकी चूत अब चार्ज होने लगी थी l