जीजू का साहसिक कदम साली जी के साथ
Part 5
मे अपने कार्यालय में बैठा एक कहानी पढ़ रहा था,उस कहानी में जीजू साली के यौन संबंध के बारे में बताया था,में ऐसा ही कुछ तलाश रहा था,लेखक बताते थे ” अगर साली के मज़ाक मे कुछ खुशबू सेक्स की हो, तो समझना चाहिए कि वह उसके साथ सेक्स चाहती है और बह उसे एक सुरक्षित व्यक्ति समझती है बह जानती है जीजू बहुत संवेदनशील रिश्तों में बंधा रहता है l”
“तो में उसका वो सुरक्षित लक्ष्य हूँ” में मन ही मन मुस्कुराय l रिश्ते की दीवार पार करना मेरे लिए आसान नहीं था,लेकिन उसका आकर्षक शरीर और कार्य मुझे व्याकुल करते थे l कभी कभी मुझे लगता था कि बह चुदाई की भीख मांग रही है l हर दिन में खुद पर से नियंत्रण खोता जा रहा था l लेकिन मुझे यकीन था कि वो खुद चुदाई के लिए नहीं कहेगी l अगर मुझे उसकी चूत चाहिए तो मुझे ही कुछ करना होगा, मगर क्या?
लेखक ने कहानी में बताया कि जीजू उसी तरह प्रतिक्रिया दे सकते हैं जैसे वह कर रही थी l
शाम को घर पर , मै हमेशा की तरह ड्राइंगरूम में टीवी देख रहा था l
“जीजू कुछ लोगे”साली जी ने मुस्कुरा कर पूछा l
“आओ बैठ जाओ “मैंने उसे देखते मुस्कुरा कर कहा l
वह मेरे दाहिनी और कुर्सी पर बैठ गई l में सोच रहा था कि वह आज क्या करना चाहती थी lमेरी बेचैनी बढ़ती जा रही थी वह चुप बैठी थीl
“आप का दिन कैसा रहा?, कुछ स्लिम लग रही हो,नो आइसक्रीम टुडे?”
मैंने चुप्पी तोड़ते हुए पुछा l वो झट से खड़ी हुई l
“स्लिम ,कहा से?”
उसने अपना शरीर घुमाकर कहा, मे चुप चाप उसे देखता रहा,बह मेरे नज़दीक आई और मेरी दाहिंना बाजू जोर से खींचते बोली,
“बताओ ना जीजू l”
मुझे लगा कि वह मुझे छूने का बहाना ढूंढ रही थी l
मैंने अपना हाथ ढीला छोड़ लिया और यह उसके मम्मो को जोर से छू गया और वे तेजी से हिले l पहली बार मैंने उसके कठोर मम्मो को महसूस किया l हमारी आंखे मिली l फिर बह चुप चाप कुर्सी पर बैठ गई,में अपने हाथ की मालिश करने लगा जैसे कि चोट लगी हो l में मन ही मन में मुस्कुरा रहा था,उसका चेहरा लाल हो रहा था और सांसे तेज़ l
“सॉरी साली जी,चोट तो नहीं आई?”
मैंने मुस्कुराते हुए कहा,वह चुप चाप बैठी रही l मुझे अपनी प्लान कुछ सफल महसूस हुई l बह सिर झुकाये मुस्कुरा रही थी l
फिर हम खाना खाने रसोई में चले गये l साली जी मेरे सामने जा बैठी, आज मैंने ऐसा नहीं सोचा था l साली जी भी कोई कम बोल्ड नहीं थी, जब भी में उस तरफ देख रहा होता वह मम्मो को ज्यादा से ज्यादा फुलाती,कभी कभी उसके निपल्स भी बाहर दिखने लगते l
आम तौर पर वह घर पर ब्रा नहीं पहनती थी, उसके बड़े, सख्त मम्मे ऐसे भी अच्छे और कसे हुए दिखते थे l बह जान गई थी, मुझे उसके मम्मे और निपल्स देखना पसंद थे ,वह चुप चाप खाना खा रही थी l बीच बीच मे चोर नज़र से मेरी तरफ देखती थी, बीबी साथ बैठी थी, मैं चुप था l
फिर मुझे उसके मुलायम पैर मेरे पैर पर छूते हुए महसूस होने लगे l वह क्या करना चाहती थी?, मैं अनजान था l उसके उबरते मम्मे , छूते पैर मुझे उत्तेजित करने लगे थे , मेरा लंड सख्त होने लगा था ,यह देख कर शायद उस की चूत भी गीली होती होंगी, जैसे की पोर्न देखने से होती थी,शायद वह यही चाहती थी l
आज में भी अपना कठोर लंड उसको दिखाना चाहता था, में वही कर रहा था जो लेखक ने अपनी किताब में कहा था l
मेरी पत्नी मेरे पास बैठी थी में उसके जाने का इंतजार कर रहा था l मेरा लंड पूर्ण जोश में था, साली जी का पैर अब भी मेरे पैर पर था l बह बहुत धीरे धीरे खाना खा रही थी l शायद बह भी अपनी दीदी के जाने का इंतजार कर रही थी l
फिर मेरी बीबी खड़ी हुई और पानी लेने रसोई की तरफ चली गई l में तुरंत खड़ा हुआ और पत्नी से कुछ पूछने लगा l मेरे लंड इतना सख्त हो गया था कि पायजामे में से आसानी से दिख रहा था, में उसके सामने था और बीबी से बात कर रहा था l
वह मेरे लंड की तरफ देख रही थी, यही मैं चाहता था, मैं उसकी चूत को पूर्ण उत्तेजित करना चाहता था l
लेखक बताता था, ” जब चूत मे हलचल बढ़ने लगती है तो लड़कियाँ मर्द के ओर करीब आने लगती हैं l”
उसकी सांसे तेज थी,शायद उसकी चूत भी फुल चार्ज हो गयी थी l
मुझे लगने लगा था, कि मैं उसके लिए सॉफ्ट टारगेट हूं, वह मुझे कभी भी उत्तेजित कर सकती थी,अब मैंने भी उस की चूत को अधिक से अधिक उत्तेजित करने का निर्णय ले लिया था ,मैं ऐसा तब तक करूंगा, जब तक वह चुदाई के लिए विनती नहीं करती l
बीबी वापस आ गई और हम सब खाना खाने लगे l
अब मैंने अपना पैर उसकी तरफ बड़ा दिया, जो उसके पैर को छूने लगा था l मैंने थोड़ा उसके पैर से रगड़ा l
वह बहुत असहज महसूस कर रही थी, शायद उसकी चूत बहुत उत्तेजित हो रही थी l
में मन ही मन में लेखक को धन्यवाद कह रहा था l