चाची शेव मीनू की -पार्ट 3

भाग- 3 और भाग -4

 

शाम का समय था. सारा दिन काम करने के बाद वे लिविंग रूम में बैठे टीवी देख रहे थे, अंडरवियर की खरीदारी के बाद मीनू को सेक्स के बारे में बात करने का कुछ और आत्मविश्वास मिला। वह सेक्स के बारे में कई बातें पूछना चाहती थी जो उसने कई बार सोची थी।

“चाची आपने  कल बताया था  पोर्न देखने के बाद अपनी चूत को जोर से रगड़ा था। फिर क्या हुआ था “वह हंसी l

“यह एक तूफ़ान की तरह था, मैंने अपनी चूत को रगड़ना जारी रखा, फिर मेरी उंगली को एक विशेष जगह मिल गई। वह आग की तरह थी, जब मेरी उंगली उस हिस्से को छूती थी, तो मेरा शरीर कांपने लगता था, चूत विशेष पानी से भर जाती थी l

यह अद्भुत अहसास था, सब कुछ लगभग पंद्रह मिनट तक चलता रहा, फिर मुझे असहाय महसूस हुआ, मेरी उंगली बहुत तेजी से चूत को रगड़ रही थी, अचानक मुझे चूत के अंदर कुछ गिरता हुआ महसूस हुआ, उसके बाद मुझे बहुत थकान महसूस हुई, फिर  चूत को रगड़ना इतना अच्छा नहीं था “

“मुझे लगता है तुमने हस्तमैथुन किया “, मीनू ने धीरे से कहा l

“शायद, मैं उस समय अनजान थी , मुझे नहीं पता कि मैंने ऐसा क्यों किया, लेकिन यह वास्तव में आश्चर्यजनक था”।
“क्या उसके बाद आपने वर्जिनिटी खो दी, चाची?”

” नहीं, मैंने अपनी उंगली अपनी चूत के अंदर नहीं डाली, बस बाहर ही रगड़ी”

“मैं सोचती थी कि केवल लड़के ही हस्तमैथुन करते हैं, तो लड़कियाँ भी ऐसा कर सकती हैं”।

“हां, लेकिन अब मैं बेहतर जानती हूं, मैं पहले से कहीं बेहतर कर सकती हूं”l

“आप अभी भी कर रही हैं, चाची”l

“मैंने खुद नहीं करती लेकिन कभी-कभी मैं तुम्हारे चाचा को करने के लिए कहती हूं, उन्हें भी करना पसंद है”।

“चाची, चाचा ऐसा कैसे करते हैं?”मीनू ने उत्सुकता से पूछा।

” शादी के बाद तुम्हें सब पता चल जाएगा”, वह हँसी l

“चाची मुझे बताओ न , मैं जानना चाहती हूँ, कृपया, मुझे बताओ। तुम कहते हो मैं  अब बड़ी लड़की हूं”l

“क्या तुम सच में चाहती हो, यह एक तूफ़ान की तरह है, मैं तुम्हारे लिए सब कुछ कर सकती हूँ, लेकिन अगर मैंने शुरू किया तो मैं अंत से पहले नहीं रुकगी “वह हंसी।

“मैं तैयार हूं चाची, मुझे क्या करना है कृपया मुझे बताएं”l

“क्या तुमने कभी रेड वाइन पी हैं”?

“हाँ चाची, अपनी माँ के साथ पी थी,फिर मैं आक्रामक हो गाई थी “, वह हँसी l

“वाह!मुझे आक्रामक पसंद है”, वह हँसी, फिर बह दूसरे कमरे में गईं और रेड वाइन की बोतल ले आईं।

“मीनू दो गिलास ले आओ, हम पीएंगे”।

“वाह चाची, आपके पास तो सब कुछ है”, वो गिलास लेकर आईं और वह पीने लगे l

“चाची, चाचा कब घर आयेंगे ,  काफी देर से मैंने उन्हें नहीं देखा”,

“दो सप्ताह बाद , उन्हें वहां बहुत काम है  “।

“मुझे क्या करना है चाची”, उसने पहले ही अपना गिलास खाली कर दिया था , चाची ने  फिर से भर दिया ।

“अपने सारे कपड़े उतारो, ब्रा और अंडरवियर पहनो”, मीनू कपड़े बदलने चली गई, चाची ने भी अपने कपड़े उतार दिए और ब्रा, अंडरवियर पहन लिया, फिर वह  चूत को शेव करने के लिए सामान लेकर आई।

“चाची मेरी एक समस्या है, देखो मेरी चूत के बाल अंडरवियर से बाहर आ रहे हैं”, फिर उसने शेविंग के लिए चीजें देखीं, अब तुम मुझे सिखाना चाहती हैं कि शेविंग कैसे की जाती है”l

“हाँ, अपना अंडरवियर उतारो, सोफे पर बैठो, और  पैर मेज पर रखो, अपने पैर थोड़े खोलो”।

“चाची प्लीज़,मेरी चूत मत काट देना, ध्यान से”। चाची ने चूत पर फोम लगाया और शेव करने लगीं, मीनू ध्यान से देख रही थी, कुछ ही मिनटों में चाची ने  चूत पूरी तरह से शेव कर दी l

“अब स्नान करने जाएं और सारा झाग धो लें। फिर इस लोशन को अपनी चूत के चारों ओर लगाना “।

मीनू नहाने गई, उसने अपनी चूत धोई, बह साफ और चमक रही थी, चाची की चूत की तरह, वह बहुत खुश थी, उसने सुखाकर लोशन लगाया।

“देखो चाची, यह उबले अंडे की तरह चमक रही है, इसे पहचानना भी मुश्किल है, यह मेरी ही चूत है”, वह हँसी

चाची ने उसकी चूत पर धीरे से हाथ फेरा,” तुम्हारी चूत बहुत छोटी है, मेरी भी पहले ऐसी ही खूबसूरत चूत थी”
उसने अपनी उंगली से चूत के भगशेफ को धीरे से छुआ और उसे रगड़ा।

” आ….आ..!चाची, तुम क्या कर रही हो?मुझे बहुत अजीब लग रहा है l चाची रुकी नहीं, उसने चूत के भगनासा को रगड़ना जारी रखा, मीनू का शरीर कांपने लगा, उसकी आँखों से पानी आने लगा, वह सोफे पर गिर गई, चाची ने उसके पैर खोल दिए और अपनी जीभ से उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया।

“आ, आ, चाची आ आ… मुझे लगता है कि मेरी चूत में कुछ आ रहा है, रुकना मत, यह बहुत अच्छा है। आ.. आ… आ… ” मीनू को पहली बार चरम आनंद मिला , उसने चाची का चेहरा एक तरफ धकेल दिया। वह मरी हुई लड़की की तरह सोफे पर लेटी हुई थी, उसकी दिल की धड़कन तेज़ थी, शरीर गीला था। चाची फिर से अपनी शराब पीने लगी l कुछ मिनट के बाद मीनू खड़ी हुई और अपनी चूत को टिस्सू से पोंछा और अपना अंडरवियर पहनने लगी।

“चाची आपने मेरी हस्तमैथुन की”,

“हाँ प्रिय, क्या पसंद आया”।

“यह एक तूफान की तरह था, तुमने मेरी चूत चाट ली” वह हंसी l
“चाची मेरी चूत का स्वाद कैसा है?,

“बहुत प्यारी, अगर तुम चाहो तो मेरी चूत का स्वाद चख सकते हो, मैं तैयार हूँ”,
“नहीं नहीं चाची, मुझे आपकी चूत नहीं चाटनी, मुझे अच्छा नहीं लगता”, वे दोनों हँसे l

चाची को पता था कि वह बहुत छोटी है, धीरे-धीरे सीख जाएगी।

मीनू का चाटना -पार्ट 4

 

रात के लगभग दस बज रहे थे, मीनू बिस्तर पर लेटी हुई थी, उसे नींद नहीं आ रही थी क्योंकि वह सोच रही थी कि चाची ने शाम को क्या किया, उसने अपना हाथ अपनी चूत पर घुमाया,यह बहुत मुलायम थी , कोई बाल नहीं था, थोड़ा गीला थी , उसने उसके होठों को छुआ। वे एक-दूसरे से चिपकी हुई थीं, उसे याद था  उसकी माँ ने क्या कहा था, कि अपनी चूत के अंदर उंगली मत डालना , तुम वर्जिनिटी खो दोगे l लेकिन ज़ब चाची ने उसका हस्तमैथुन किया तो उसकी चूत को बहुत जोर से चाटा,तब वह चाहती थी  चूत के अंदर कुछ डाला जाए l फिर उसने अपनी उंगली अपनी भगनासा पर घुमाई, उसे कुछ करंट महसूस हुआ, उसने अपनी उंगली हटा ली।

“चाची बहुत एक्सपर्ट हैं, वो  बेहतर कर सकती हैं”, फिर उस ने सोचा, अगर कोई उस की चूत को रगड़ दे तो वो कहीं ज्यादा बेहतर होगा । शायद इसीलिए चाची चाहती थीं कि मैं उस की चूत चाटूँ। मैं बहुत बेवकूफ हूं, मैंने उसकी मदद नहीं की, वह भी अच्छे अहसास या ऑर्गेज्म की हकदार थी। मुझे चाची से जाकर बात करनी चाहिए, शायद उसे भी नींद नहीं आई होगी।

उसने चाची के कमरे में जाने का फैसला किया। दरवाज़ा बंद नहीं था, वह बिस्तर पर थी, उसकी आँखें बंद थीं, वह पूरी तरह से नग्न थी, चूत के पास अपना हाथ घुमा रही थी। मीनू समझ गई कि उसे नींद नहीं आ रही है l उसने दरवाज़ा खटखटाया, चाची ने आँखें खोलीं और देखा कि मीनू वहाँ खड़ी थी।

“क्या हुआ प्रिये?, नींद नहीं आई!”

“चाची मैं कुछ बात करना चाहती थी अगर आप सो नहीं रही हो तो”

“आओ प्रिये, मेरे साथ सोओ, हम बात कर सकते हैं”। मीनू उसके बिस्तर पर गयी और उसके पास लेट गयी।

“चाची आप हमेशा नंगी ही सोती हो”,

“हाँ,क्योंकि तुम्हारे चाचा चाहते थे, अब मुझे आदत हो गई है”

“वाह चाची!, फिर तो चाचा जब चाहें तब  चूत चाट सकते  या जब आप चाहें”

“नहीं पागली , वह केवल तभी चूत चाटता था जब उसका सख्त नहीं हो पाता था ।

बात करते-करते मीनू अपना हाथ धीरे-धीरे चाची की चूत पर ले गई और रगड़ने लगी।

“आप रोज शेव करते हैं, यह बहुत मुलायम है”। फिर उसका हाथ उसकी चूत के भगनासा को छू जाता है”l

“आ, आ बेबी”! मीनू उसके भगनासा स्थान को समझ जाती है फिर अपनी उंगली  भगनासा पर फिराना शुरू कर देती है ।

“आ,आ, प्रिय मुझे बहुत अच्छा लग रहा है, रुकना मत”।  मीनू ने अपनी उंगली को चूत पर फिराना जारी रखा l उसने देखा कि चाची के मम्मे बड़े और सख्त होते जा रहे थे, निपल्स उभर रहे थे l चूत और गीली होती जा रही थी, वो सोचने लगी कि उसकी चूत का स्वाद कैसा होगा। कुछ भी हो, मैं जोर से चाटूंगी l चाची पूरा मजा ले रही थी, उस की आँखें बंद थीं l

मीनू अपना मुँह उसकी चूत के पास ले गई, वह पूरी तरह से गीली थी, उसने  टाँगें खोल दीं l चाची समझ गई कि उसने उसकी फुद्दी चाटने का फैसला कर लिए है, लेकिन वह छोटी थी और उसे कोई अनुभव  भी नहीं था, इसलिए चाची ने अपनी दोनों टाँगें ऊपर उठा लीं और अपनी चूत को अपने हाथों से खोल दिया l

अब मीनू को उसकी भगनासा के बारे में निश्चिंतता हो गई थी। उसने अपनी जीभ बाहर निकाली और उसके भागनासा को छुआ l चाची चिल्लाई, “आ,   हाँ, प्रिय हाँ,   आ..   मीनू को चूत का स्वाद पता चला , यह थोड़ा नमकीन और तैलीय था, उसे पसंद नहीं आया लेकिन उसने चाटना जारी रखा l

“कुछ मिनटों के बाद उनका मुँह चूत के तरल से भर गया, उसने चाटना जारी रखा l कुछ देर बाद, चाची का शरीर कांपने लगा, वह चिलाने लगीं, ” प्रिय, मैं जल्दी आ रही हूँ, जोर से चाटो, और जोर से “।

“आ… आ… डिअर… थैंक्स… आई लव यू”।

चाची की टांगे बिस्तर पर गिर गईं, मीनू जानती थी कि चाची को वह मिल गया जो वह चाहती थी। वह  भी लेट गई l
चाची की चूत चाटते समय, उसकी चूत भी चार्ज हो गई थी , चाची को यह पता था , उसने मीनू पर अपने होंठ रखे और उसे चूमा, उसने उसके मम्मे दबाए, यह बहुत कठोर  थे । उसने बिना कुछ कहे उसका अंडरवियर उतार दिया और जोर-जोर से उसकी चूत चाटने लगी। मीनू जोर-जोर से चिल्लाने लगी, “आ… आ… चाची.. धीरे.. ” लेकिन चाची चाटती रही, कुछ मिनट में मीनू फिर चिल्लाई… मैं आ रही हूं.. आ… आ… चाची रुको,  कृपया..l मीनू को जल्द चरम सुख मिल गया l

“चाची आपके पास बहुत अनुभव है, मुझे बहुत जल्दी चरमसुख प्राप्त हो जाता है”। वे दोनों हँसे।

“मीनू अगर तुम चाहो तो यहाँ सो सकती हो”,

“हाँ,अगर तुम वादा करो कि तुम रात को दोबारा मेरी चूत नहीं चाटोगी” । वे हँसे, उसने चाची को गले लगाया, वे दोनों बहुत तेजी से सो गये।