चंचल साली जी की अनोखी रात
Part 3
शाम को लगभग आठ बजे हम बाज़ार से बापस आये l साली जी को कुछ शॉपिंग करनी थीl डिनर तो हम ने रेस्टोरेंट में कर लिया था l फिर सभी फ्रेश हो गए और बाते करने लगे,साली जी मेरे सामने बैठी थी और बीबी बगल में,साली जी नाईट सूट मे बहुत आकर्षक लग रही थी, उसके मम्मो और गाँड़ का उभार साफ नज़र आ रहा था l
मेरी बीबी जानती थी मैं रात को सोने से पहले चाय पीता था l बो रसोईघर की और चली, रास्ते में बह फूलों का गमला बनाने लगी जो साली जी के ठीक पीछे था l मैं उसे देखने लगा, साली जी को लगा शायद मैं उस की तरफ़ देखरहा था उसने मुझे देखा, फिर खुद को जांचा, उसके मम्मो के ऊंचे निपल्स उसकी नाईट सूट से बाहर नज़र आ रहे थे l मेरे पास कारण था मैं ऐसे ही देखता रहा, यह मेरा उसके साथ पहला ऐसा संपर्क था l बह चुपचाप सिर झुकाये बैठी रही, कभी-कभी वह मेरी ओर देख लेती थी l उसने उन्हें छीपाने की कोई कोशिश नहीं की , उसका चेहरा लाल हो रहा था,उसकी सांसे तेज चलने लगी थी जो उसके हिलते मम्मे दिखा रहे थे फिर उसने कांपते होठों से मुज़से पूछा,
“क्या सब ठीक है न?”
“हा,आज वे बहुत सुन्दर लग रहे है” मैंने फूलों को देखते हुए कहा l
उसका चेहरा लाल हो रहा था, उसे पूरा विश्वास था,में उसके निपल्स देख रहा था और उसके मम्मो के बारे मे ही बात कर रहा था l वह सिर झुकाये मुस्कुरा रही थी l मुझे लगा कि वह भी मुझे आकर्षित करना चाहती थी l
इससे मेरा साहस बहुत बढ़ गया था,मुझे विश्वास होने लगा था , उसमे सेक्स की प्रबल भावना थी वह बहुत कोमल थी l
फिर हम चाय पीने लगे, साली जी आँखो में एक अजीब सी शर्म और ख़ुशी थी l शायद मैंने वहीं किया जो वह चाहती थी l
रात के करीब एक बजे थे, बीबी गहरी नींद में सों रही थी मेरा कुछ ऑफिस का काम बाक़ी था मुझे नींद नहीं आ रही थी l मैं ड्राइंग रूम में आ कर सोफे पर बैठ गया,में अक्सर ऐसा करता था l कभी कभी बीबी भी उठ जाती और मेरी सहायता करती थी l
मैंने अपना लैपटॉप खोला और कुछ ईमेल लिखें,फिर में सोचने लगा जो शाम को हुआ था,शायद कुछ ज्यादा हो गया था साली जी के साथ,अगर बह नाराज हो जाती, सोचते सोचते मेरा ध्यान उसके कमरे की खिड़की पर गया , अंदर धीमी रौशनी थी शायद बह फोन पर होंगी सोच कर मै अपने काम में व्यस्त हो गया l
मेरा बेचैन मन मुझे उसे देखने के लिए मजबूर कर रहा था l बीबी गहरी नींद में थी l में साली जी के कमरे की खिड़की के पास पंहुचा, मेरा दिल बहुत तेजी से धड़क रहा था मेने खिड़की में लगे दोनों पर्दे के बीच पतली रेखा से भीतर देखा l साली जी के हाथ में फोन था lउसकी सफेद पेंटी और उसमे से उभरी चूत फोन की रौशनी में चमक रही थी, दूसरा हाथ पेट पर था जिससे बह ऊपर -नीचे हिला रही थी,उसके मम्मे ऊंचे उभर रहे थे ऐसा लग रहा था वह ब्रा से बाहर आने को बहुत उत्सुक थे l कभी कभी वह ब्रा में हाथ डालती थी l मुझे लगा कि शायद बह पोर्न देख रही थी , मैं कुछ देर देखता रहा,फिर वो अपना हाथ अपनी पेंटी की तरफ बढ़ाने लगी,मेरा दिल तेजी से धड़क रहा था l
उसने अपना हाथ पैंटी में डाल दिया और अपनी चूत पर फेरने लगी, उसका मुँह थोड़ा खुला था, मुझे यकीन था कि बह कुछ मीठी आवाज निकाल रही थी l मेरा लंड सख्त हो रहा था,वह तेजी से अपनी चूत रगड़ रही थी तथा अपना मुँह और अधिक खोल रही थी, तभी उसका शरीर बड़े झटके लेने लगा, बह बहुत तेजी से चूत को रगड़ने लगी,शायद वो जन्नत में पहुंच गयी थी l फिर उसने अपने दोनों हाथ बेड पर फैला दिए और फ़ोन कि लाइट बंद हो गई l
मैंने फिर से अपना काम शुरू कर दिया, मेरा शरीर कांप रहा था, लंड पूर्ण जोश में था l में कुछ वक्त कंप्यूटर के सामने बैठा रहा फिर बेड पर लेट गया,साली जी का पोर्न देखना और हस्तमैथुन करना मुझे बता रहा था, वह शायद सुरक्षित यौन संबंध चाहती थी l उसकी चूत अभी कुंवारी थी l बीबी पूरी नींद में थी l वह मेरी तरफ करवट बदलते हुए बोली , “तुम बहुत काम करते हो!” उसका हाथ मेरे पेट पर था, अगर उसका हाथ मेरे सख्त लंड को छुआ होता तो कहती मूड मे थे तो उसे जगा लिए होता l मैं मुस्कुराते हुऐ सोने की कोशिश करने लगा l