जब वह सिलिकॉन लिंग के साथ खेल रही थी। भाग - 15

भाग -15 और भाग -16

 

     रात का समय था, मीनू बिस्तर पर लेटी हुई थी, उसकी शवेद  योनि कमरे की रोशनी में चमक रही थी, उसने दर्पण में देखा, फिर अपने पैर खोले, उसे अपनी योनि स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही थी,उसने धीरे से योनि के  होंठ खोले, होंठ दूसरों से अलग हो गए। गीली गुलाबी त्वचा बाहर दिखने लगी । उसने अपनी उंगली सावधानी से बीच में घुमाई। जैसे ही गीली उंगली ने उसके भगनासा को छुआ, वह धीरे से चिल्लाई। “आह, हे भगवान!”

तभी उसकी नज़र छोटे से डिब्बे पर पड़ी। उसने डिब्बा खोला और सिलिकॉन लिंग बाहर निकाला। उसने उसे अपने हाथ में लिया और उसकी मालिश की।

“वाह, यह बहुत वास्तविक लग रहा है” उसने इसे अपने मुँह में डाला और चाटना शुरू कर दिया। उसकी योनि उसके खुले पैरों में पूरी तरह से खुल चुकी  थी। फिर उसने लिंग को अपने मुँह से बाहर निकाला और अपनी योनि पर रगड़ना शुरू कर दिया। वह बहुत सावधानी से ऐसा कर रही थी क्योंकि वह सिलिकॉन लिंग के साथ अपनी वर्जिनिटी खोना नहीं चाहती थी। उसकी योनि इसे अंदर लेने के लिए तरस रही थी। धीरे-धीरे लिंग योनि के होठों को छू रहा था और वे उसे और अधिक गीला कर रहा  था । मीनू का शरीर गर्म हो रहा था, आँखें वासना से भरी हुई थीं, साँसें तेज़ हो रही थीं।

धीरे धीरे मीनू अपने चरमोत्कर्ष के करीब आ रही थी। उसकी चाची उसके कमरे में आई। मीनू की एकाग्रता तुरंत भंग हो गई।

“मीनू, मेरा इंतज़ार करो” चाची बाथरूम से तौलिया पहनकर आ रही थीं। उनके शरीर का कुछ हिस्सा अभी भी गीला था। वह बिस्तर के पास आईं। उन्होंने अपना तौलिया उठाया और अपने शरीर को पोंछने लगीं।

“आपने अभी शेव की है?” मीनू ने उसकी योनि की ओर देखते हुए पूछा।

“हाँ , तुम्हारे आनंद के लिए”

“इससे तुम्ह आनंद मिलेगा” मीनू ने पैकेट से बड़ा सिलिकॉन लिंग निकालते हुए कहा।

“लेकिन, तुम्हें इसे अंदर धकेलना होगा, मेरे सुपर मैन।”  चाची ने हंसते हुए कहा।

“ यह जोसेफ के लिंग  जैसा ही दिखता है। चाची आपकी योनि पहले से ही बड़ी हो गई है, मुझे लगता है कि यह आसानी से अंदर चला  जाएगा ।”

“सबसे पहले मैं तुम्हारी  योनि को चाटना चाहती  हूं। मेरा मुंह बहुत सूख गया है।” चाची ने बिस्तर पर आते हुए कहा, 

उन्होंने धीरे से उसके  पैर खोले और चूत  को छुआ। यह गीली थी, होंठ पूरी तरह से खुले थे। जब उस ने अपनी बीच की उंगली से  योनि को छुआ ,  “आह !!!! …चाची….l मीनू चिल्लाई”

“यह तो पहले से ही गीली  है, मन मैं क्या चल रहा है ?”

“क्या करू चाची, अंदर मोटा लिंग डालना चाहती हूँ,” मीनू हँसी,

“बो तो  तुम्हें शादी के बाद ही मिलेगा ,बेबी”

 “हाँ चाची, मुझे इंतज़ार तो  करना होगा, मुझे नहीं पता कि मुझे कैसा पति मिलेगा ?”

“आप खुद क्यों  नहीं ढूंढना चाहतीं, मुझे लगता है कि तुम खोज  सकती हैं। कॉलेज में कई लड़के तुम्हारे  बॉयफ्रेंड बनना चाहेंगे।”

“हां, कई लड़के मेरे साथ संबंध बनाना चाहते थे, लेकिन मुझे डर था कि शायद वे सिर्फ मेरी वर्जिनिटी चाहते हैं। फिर मुझे मां, पिता के बारे में भी नहीं पता  कि वे कैसी  प्रतिक्रिया देंगे।”

“लेकिन अगर आपको अच्छा ईमानदार लड़का मिल जाए, तो वे सहमत हो जाएंगे।”

“क्या आप तैयार हैं चाची, मैं अंदर डालने के लिए बहुत उत्सुक हूं,” मीनू ने बड़े मोटे सिलिकॉन लिंग को उठाते हुए कहा l

“इधर आओ, मेरी टांगों के बीच, मैं चाहती हूँ कि पहले तुम थोड़ी देर के लिए मेरे भगशेफ को चाटो l”

“वाह चाची!!!  आपने बहुत अच्छी तरह से शेव किया है। आपके भगशेफ आज खुद ही उभर रही  हैं। क्या आप जोसेफ के लिंग के बारे में सोच रही  हैं।”

“मेरे भगशेफ चाटो प्रिय, फिर मैं उस मोटे लिंग की कोशिश करना चाहती हूँ,”

मीनू ने उसके भगशेफ को अपने होठों में लिया और चाटना शुरू कर दिया। चाची धीरे-धीरे चिल्लाने लगीं।

मीनू ने थोड़ी देर तक चाटा, 

“मीनू अंदर डालने की कोशिश करो, मैं तैयार हूँ।” चाची ने धीमी आवाज़ में चिल्लाते हुए कहा।

मीनू मोटा सिलिकॉन लिंग लेकर आई, उसने उस पर कुछ लोशन लगाया और उसे पूरी तरह से गीला कर दिया, चाची अपनी खुली टांगों के साथ बेसब्री से इंतजार कर रही थी, योनि पूरी तरह से खुली और गीली थी।

जैसे ही मीनू  ने बड़ी उत्सुकता से लिंग को योनि के होंठों से छूना शुरू किया, चाची चिल्लाने लगीं, “धीरे से प्रिय, अंदर डालो।”

“चाची, धीरे-धीरे क्यों। जोसेफ आपकी योनि में जोर-जोर से और तेजी से धकेल  रहा था, मैंने देखा,”

“हाँ प्रिय, बह अंदर बहुत जोर से धकेलता है , कभी-कभी मुझे यह पसंद नहीं होता , लेकिन वह हमेशा कहता है , योनि इतनी तंग और गीली होती है , वह खुद को रोक नहीं सकता ।”

जब मीनू ने लिंग का मुख योनि में धकेला तो उसका हाथ कांपने लगे ,यह योनि के मुख के लिए बहुत बड़ा था।

“आह आह, प्रिय, यह बहुत बड़ा और कठोर है, धकेल दो पूरा , आह आह,”  मीनू ने देखकर आश्चर्य किया, लगभग पूरा लिंग योनि के अंदर चला गया, योनि का मुँह इससे कसकर चिपका हुआ था,चाची खुशी से चिल्ला रही थीं जैसा उसने  तब किया था जब जोसेफ ने डाला था।

मीनू ने धीरे धीरे लिंग को उसकी  योनि में अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया। उसकी अपनी योनि भी बहुत  गीली हो गई थी, योनि रस बाहरी त्वचा पर बहने लगा था,

मीनू तेज और तेज धक्का मारो, मैं आ रहा हूँ। चाची का पेट और नितंब कांप रहे थे। फिर वो चिल्लाने लगी। रुकना मत प्रिये, मैं आ रही  हूँ। “आह … आह … “ उसी समय मीनू भी बहुत उत्तेजित हो गई और उसे भी चरमसुख प्राप्त हुआ। चाची ने मीनू को अपने पेट पर खींचा, उनके गर्म शरीर मिले। फिर उन्होंने जोश से चूमा। लिंग अभी भी चाची की योनि में था। मीनू ने फिर उसे धीरे-धीरे हिलाना शुरू कर दिया। चाची ने अपना हाथ मीनू के नितंब पर रखा , मीनू अभी भी चाची के पेट पर लेटी हुई थी। फिर चाची ने अपना हाथ मीनू के नितंब पर फेरान  शुरू कर दिया। मीनू बहुत शांत हो गई, वह पूरी तरह से चाची के हाथ हिलाने का आनंद ले रही थी।

चाची जानती थीं कि मीनू अपनी चूत में लिंग नहीं डाल सकती थी, वह अभी भी कुंवारी थी। उसने अपनी उंगली उसकी  गांड के छेद में डाल दी। मीनू चिल्लाई, “आह.. आह…. चाची। आप क्या कर रही हैं।”  चाची ने अपनी उंगली उसकी गांड के छेद में डालना जारी रखा।

“चाची आप मेरी गांड फाड़ना चाहती हैं,” मीनू ने अपनी गांड को एडजस्ट करते हुए कहा। 

“आपको यह पसंद आएगा, मैं इसे लिंग के लिए तैयार कर रही हूँ।”

“ चाची, लिंग आपकी उंगली से भी मोटा है, मैं इसे कैसे डालूँ, मुझे डर लग रहा है।”

“जब मैं डालूंगी  तो तुम्हें अच्छा लगेगा,”  फिर चाची ने अपनी उंगली अपनी चूत में डाली और उसे गीला कर लिया , “अब मैं अपनी चूत के रस से तुम्हारी गांड के छेद को गीला करती  हूँ। लिंग आसानी से गीली बुर में चलेगा।” चाची ने मीनू को बिस्तर पर पेट के बल लिटा दिया। उसकी गांड का छेद पूरी तरह गीला लग रहा था। चाची ने छोटा सिलिकॉन लिंग लिया और उसे गांड के छेद से छूना शुरू किया ।

मीनू की गांड कांप रही थी। “चाची  धीरे से डालना। मुझे लगता है कि मेरी छेद बहुत टाइट है,”

“ मुझे पता है प्रिये यह टाइट है लेकिन तुम्हें इसे लेना होगा, तुम्हें मज़ा आएगा।” चाची ने छेद में लिंग डालना शुरू कर दिया। मीनू ने बिस्तर को कस कर पकड़ लिया , “धीरे चाची, आह..आह… रुको चाची… यह दर्द कर रहा है… रुको।” लेकिन चाची ने डालना जारी रखा, कुछ सेकंड में उसने पूरा लिंग  छेद में डाल दिया।

“अब तुम्हें कैसा लग रहा है। यह  पूरा अंदर है।”

“ चाची, मुझे लग रहा है कि मेरी गांड दो टुकड़ों में हो गई है। इसे बाहर निकालो, चाची, यह मेरा सबकुछ फाड़ रहा है।”  चाची  लिंग को छेद के अंदर हिलाने लगी । मीनू शांत हो गई। वह उसकी हरकतों का आनंद लेने लगी । फिर चाची ने अपने दूसरे हाथ से उसकी चूत और भगशेफ को छूना शुरू कर दिया। वह मीनू को पूरा मजा देना चाहती थी।

कुछ ही मिनटों में मीनू को फिर से चरमसुख प्राप्त हुआ। इस बार यह जोरदार  और तूफानी था। उसकी आँखों से पानी आने लगा । उसने चाची का हाथ पकड़ा और कहा। “आप अद्भुत हैं चाची।”

फिर चाची ने धीरे से लिंग को उसकी बुर से बाहर निकाला। उसने उसकी गांड को चूमा, “प्रिये तुम्हारी गांड बहुत सेक्सी लग रही है, मैं फिर से लिंग डालना चाहती  हूँ,”

“ नहीं चाची, अभी नहीं। मेरी बुर का मुँह दर्द कर रहा है, लेकिन यह शानदार था l”

फिर चाची दोनों लिंग धोने चली गईं। मीनू अभी भी बिस्तर पर लेटी हुई थी। उसने अपना हाथ अपनी गांड पर घुमाया, “मुझे यकीन है कि असली लिंग अधिक आनंद देगा।” उसने फुसफुसाया।

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अंजू का असली लिंग के साथ पहला अनुभव -भाग 16

 

     दोपहर हो चुकी थी। मीनू और चाची अपने घर के बगीचे में बैठी थीं। 

“चाची अब आपको जोसेफ के लिंग की कोई जरूरत नहीं है, आपका सिलिकॉन लिंग उसके लिंग से बड़ा है और चौबीस घंटे उपलब्ध भी है।”

“हाँ, लेकिन यह वास्तविक लिंग की अनुभूति जैसा नहीं है। वास्तविक लिंग के साथ तुम्हें  अधिक आनंद आएगा। तुम्हें एक बार अवश्य प्रयास करना चाहिए।”

“ हाँ चाची, गुदा में लिंग डालने से कौमार्य को कोई हानि नहीं होती।”

“देखो मीनू, वह पोस्ट मैन लड़का वहाँ घूम रहा है, क्या तुम असली लिंग आज़माना चाहती हो?” चाची ने बाहर देखते हुए कहा। मीना की आँखें चौड़ी हो गईं, “कहाँ !!!”  मीना उत्सुकता से खड़ी हुई।

“चलो उससे बात करते हैं। शायद वह हमसे मिलने के लिए तैयार हो।” वे दरवाजे की ओर चली  गए, लड़के ने उनकी तरफ देखा और वहाँ आ गया। “आप कैसे हैं अंजू मैडम।” लड़के ने पुछा l 

चाची हँसी  “हम ठीक हैं, तुम हमारे घर के आसपास  क्या कर रहे हो।” चाची ने पूछा, मीना खड़ी चुपचाप मुस्कुरा रही थी।

“मैं अंजू मैडम से मिलना चाहता था,” लड़के ने शरमाते हुए कहा। अंजू ने उसकी ओर देखा और मुस्कुराई। फिर उसने चाची की ओर देखा। चाची समझ गईं कि अंजू उससे बात करना चाहती थी।

“अंदर आओ, तुम अंजू से बात कर सकते हो।”  वे अंदर चले गए। लड़का सोच रहा था कि वे उससे फिर से अपने कपड़े उतारने के लिए कहेंगे, लेकिन चाची ने ऐसा नहीं कहा, वे लिविंग रूम में चले गए। चाची रसोई में चली गईं। अंजू लड़के के साथ बैठी थी, उसके पास बात करने के लिए कुछ नहीं था, वह सिर्फ उसके लिंग को अपने पीछे के छेद में आज़माना चाहती थी। पर उसमें कहने की हिम्मत नहीं थी। वह चाहती थी कि चाची ही सब कुछ शुरू करें। लड़का भी शर्मा रहा था। तभी चाची कोल्ड ड्रिंक लेकर वहां आईं और लड़के से पूछा। “आज तुम्हें डिलीवरी का काम नहीं था,”

“ नहीं मैडम,” लड़के ने ड्रिंक पीते हुए कहा।

“तुम सिर्फ बात करना चाहते हो या कुछऔर भी  करना चाहते हो।” चाची ने पूछा, अंजू बस मुस्कुराई। 

“मैं सभ  कर सकता  हूँ जो आप  चाहती हो,”

“ ठीक है। फिर अपने सारे कपड़े उतारे  । हम तुम्हें नंगा  देखना चाहते हैं,” लड़का खड़ा हो गया और अपने कपड़े उतारने लगा। अंजू का दिल तेजी से धड़कने लगा। उसने पहले  उसके लिंग को छू लिया था। लेकिन आज वह लिंग को अपनी पिछली छेद में लेने के लिए उत्सुक  थी।

धीरे-धीरे लड़के ने अपने सारे कपड़े उतार दिए। अंजू ने उसके लिंग को देखा, यह लगभग तैयार था। चाची ने अंजू को देखा और मुस्कुराई। वह समझ गई कि चाची चाहती थीं कि वह आगे बढ़े। अंजू ने अपना हाथ बढ़ाया और उसके लिंग को छुआ। “आपका लिंग बहुत अच्छा है। मुझे यह पसंद है।” फिर उसने लिंग को अपने हाथ में ले लिया। लड़के ने भी अपना हाथ बढ़ाया और उसके स्तनों को मालिश करने  लगा।

अंजू की चूत पूरी तरह से तैयार और गीली थी, लेकिन उसने उसे कौमार्य देने की कोई योजना नहीं बनाई थी। लिंग बहुत कठोर और मोटा हो गया था, अंजू उसे मालिश करने का आनंद ले रही थी। लड़के ने कहा, “क्या तुम अपने कपड़े उतार सकती हो, मैं तुम्हारे स्तन पीना चाहता हूँ और तुम्हारी चूत चाटना चाहता हूँ।” अंजू धीरे से खड़ी हुई और उससे अपने साथ आने को कहा। वे बेडरूम में चले गए। अंजू ने अपने कपड़े उतार दिए और बिस्तर पर लेट गई। उसने अपनी टाँगें खोल दीं, मुंडा हुआ चूत पूरी तरह से गीली थी। होंठ खुले थे। लड़के ने धीरे से उसकी चूत और भगशेफ को छुआ। “आह.. आह.. “ अंजू चिल्लाई। 

“आओ  बिस्तर पर और  अपनी गर्म जीभ से मेरी चूत को जोर से चाटो, मैं चाहती हूँ।”  लड़का उसकी टाँगों में आ गया और उसकी चूत चाटने लगा।

अंजू पूरी तरह से चाटने का आनंद ले रही थी। उसकी आँखें बंद थीं। “तुम अद्भुत हो ।” उसने लड़के के बालों में हाथ फिराते हुए कहा। उसे लगा कि वह समलैंगिक होने के लिए नहीं बनी है। उसने चाची की चूत भी चाटी और चाची ने भी उसकी चूत चाटी। लेकिन उसे लगा कि उसे सेक्स के लिए लड़की की नहीं बल्कि आदमी की जरूरत है।वह आदमी के चाटने के कारण बहुत जल्दी उत्तेजित हो गई और  अपनी उत्तेजना को रोक नहीं सकी। उसे जल्दी उसे चरमसुख प्राप्त हों गया l 

उसने बिस्तर पर अपना शरीर ढीला छोड़ दिया, लड़के ने उसके पेट और फिर स्तनों को चाटना शुरू कर दिया, उसने धीरे से अपने होंठ अंजू के होठों पर रख दिए और उसे जोश के साथ चूमा। वह उसे रोकने में असमर्थ थी, उस लड़के ने उसके शरीर को  चाट कर  उसे पूरी तरह से संतुष्ट कर दिया था।

जब वह अपने शरीर पर उसके गर्म शरीर का आनंद ले रही थी। फिर उसका कठोर मोटा लिंग उसकी योनि को छूने लगा, उसकी योनि पूरी तरह से गीली थी, होंठ खुले थे, लिंग कभी भी आसानी से उसकी योनि के अंदर जा सकता था। उसने अपने आप पर नियंत्रण किया और अपनी योनि पर हाथ रख लिया।

“लड़के ने आश्चर्य से पूछा। तुम मेरा लिंग अंदर नहीं चाहती हो,” अंजू मुस्कुराई और घूम गई। “मैं तुम्हारा लिंग  पीछे के छेद में डालकर देखना चाहती हूँ। इसे डालो।” लड़के की आँखें चौड़ी हो गईं। सेक्सी गोल नितंब उसके सामने थे। वह उसके नितंब पर आया और अपने लिंग से उसे छूने लगा।

वह सोच रहा था कि शायद वह नहीं जानती, पहली बार पीछे के छेद में चुदाई बहुत दर्दनाक हों सकती  है। इस सोच के साथ उसका लिंग और अधिक कठोर होता जा रहा था। “अब इसे डालें।” अंजू ने  नितंबों को सही दिशा में रखते हुए कहा। लड़के ने अपने लिंग को पूरी ताकत से अंदर धकेला। “आह…….” अंजू ने एक लंबी चीख मारी। लड़का हँसा और बोला, “मुझे यकीन है कि तुम्हें मज़ा आया होगा।”

“धीरे प्यारे धीरे, मेरा छेद तुम्हारे लिंग के लिए बहुत तंग है।”

लड़के ने धीरे-धीरे उसके पीछे के छेद को चोदना शुरू किया। धीरे-धीरे अंजू को भी मज़ा आने लगा। यह सिलिकॉन लिंग से बहुत अच्छा था। उसका छेद भी खुलने लगा। कुछ मिनट चोदने के बाद, लड़के ने अपनी गति बढ़ा दी, लिंग तेजी से आगे बढ़ रहा था, अंजू फिर से चिल्लाने लगी। लड़के ने जारी रखा और  सफेद शुक्राणुओं से उसका छेद भर दिया। वह अंजू के शरीर पर गिर गया। उनके शरीर फिर से एकजुट हो गए। अंजू शुक्राणुओं को पीछे के छेद में डालकर खुश थी। फिर लड़का बिस्तर पर आया और बोला, “मुझे आशा है कि तुम्हें मेरे लिंग से मज़ा आया होगा, मैं  तुम्हारी चूत  चोदना चाहता हूँ, तुम्हें ज़्यादा मज़ा आएगा।”

“मैं चाहती हूँ कि तुम मेरी चूत चोदो लेकिन आज नहीं,” अंजू ने बिस्तर पर बैठते हुए कहा।

“मैं आज चूत चोदना चाहता हूँ। कृपया मना मत करो।” लड़के ने कहा। 

“तुम मेरी दोस्त की चूत चोद सकती हो।” फिर अंजू ने चाची से पूछा। वह हमेशा चुदाई के लिए तैयार रहती थी, उसे पता था,चाची कमरे के अंदर आईं और लड़के का लिंग पकड़ लिया। “मैं देखना चाहता था कि उसमें कितना जोश है।” अंजू हँसी और कमरे से बाहर आ गई। वह जानती थी कि लड़का जल्द ही रोएगा। चाची बहुत मजबूत थीं। वह उसका लिंग निचोड़ लेंगी।अंजू शॉवर में चली गई। वह खुश और संतुष्ट थी, उसने खुशी से अपने बट को धोया। जब वह वापस आई तो वह आसानी से बेडरूम से चुदाई का शोर सुन सकती थी। उसने चाय बनाई और पी। कुछ घंटों तक चुदाई जारी रही। चाची ने उस जवान लड़के से कई बार चुदाई की।

जब लड़का बेडरूम से आया, तो वह बहुत कमजोर और थका हुआ लग रहा था। उसने अपने कपड़े वापस पहन लिए। अंजू ने उसे चाय पीने के लिए कहा, लेकिन वह जल्दी से बाहर चला गया। अंजू जानती थी कि वह चाची से डर गया था। उसने सोचा कि अगर वह बैठकर चाय पीने लगा, तो क्या होगा अगर चाची   फिर से चुदाई  करने लगी ।

कुछ मिनटों के बाद चाची कमरे से बाहर आईं। वह अभी भी पूरी तरह से नग्न थीं और बहुत ऊर्जावान और खुश दिख रही थीं। अंजू ने उनकी चूत और जांघों के आसपास सफेद शुक्राणुओं के धब्बे देखे। ऐसा लग रहा था कि उनकी बड़ी चूत सभी शुक्राणुओं को अंदर नहीं संभाल रही  थी। यह निश्चित रूप से कई बार शुक्राणुओं से भर गई थी। इससे पहले कि शुक्राणु फर्श पर गिरने लगे, वह तेजी से शॉवर में चली गई। अंजू मन ही मन मुस्कुराई। उसे यकीन था कि चाची ने उस जवान बकरी को बुरी तरह से निचोड़ा  होगा।

जब चाची नहा कर आईं, तो वह अंजू के साथ बैठ गईं। “आपको कैसा लग रहा है चाची। आपने उस लड़के को लगभग मार ही डाला।” अंजू ने मुस्कुराते हुए कहा। 

चाची रोने लगीं और बोलीं..”अंजू मुझे उस लड़के के साथ बहुत मज़ा आया, वह अद्भुत था, लेकिन..l”

अंजू ने आश्चर्यचकित होकर पूछा..”आप क्यों रो रही हैं चाची। क्या हुआ।” चाची ने अंजू का हाथ पकड़ लिया और कहा..”मुझे आपकी वजह से बहुत मज़ा आया, अगले हफ्ते आप अपने घर वापस जा रही हैं, मैं बहुत दुखी हूँ प्रिय।”

“ओह चाची, मुझे भी आपके साथ रहना अच्छा लगता है, लेकिन मेरा कॉलेज अगले सप्ताह शुरू हो रहा है, मुझे जाना ही होगा, मुझे  भी आपके साथ कई नए अनुभव  मिले l मैं वादा करती  हूँ कि मैं अपनी अगली छुट्टियों में फिर आऊंगी l  फिर चाचा भी अगले सप्ताह आ रहे हैं, कुछ महीने उनके साथ आनंद लो, उन्हें भी तुम्हारे शरीर और तुम्हारी जरूरत होगी ”

“याद रखना मैं  तुमसे बहुत प्यार करती  हूँ प्रिय” 

“चाची मैं भी तुमसे प्यार करती  हूँ,” फिर उन्होंने जोश के साथ चुंबन करना शुरू कर दिया।

अगली छुट्टी तक ब्रेक l