मेरा योनि छूते ही शीघ्रपतन क्यों हों जाता है ?

शीघ्रपतन के कारण

आपका योनि छूते ही शीघ्रपतन होने का मुख्य कारण शारीरिक और मनोवैज्ञानिक कारकों का संयोजन हो सकता है।

  1. शारीरिक संवेदनशीलता
  • अति संवेदनशीलता: कई पुरुषों में लिंग की त्वचा अत्यधिक संवेदनशील होती है, जिससे योनि के स्पर्श से ही स्खलन हो सकता है। यह स्थिति सामान्यतः उन पुरुषों में देखी जाती है जिनका लिंग संवेदनशीलता के लिए अधिक प्रतिक्रिया करता है।
  1. मानसिक तनाव और चिंता
  • चिंता और तनाव: जब आप अपने प्रदर्शन को लेकर चिंतित होते हैं, तो यह आपके यौन अनुभव को प्रभावित कर सकता है। यदि आपको डर है कि आप अपने साथी को संतुष्ट नहीं कर पाएंगे, तो यह मानसिक दबाव आपके स्खलन को जल्दी कर सकता है।
छूते ही शीघ्रपतन क्यों हों जाता है ?
  1. अनुभव की कमी
  • कम अनुभव: यदि आपका यौन अनुभव सीमित है या यदि आप नए साथी के साथ हैं, तो यह भी शीघ्रपतन का कारण बन सकता है। नए अनुभवों के दौरान उत्तेजना अधिक होती है, जिससे स्खलन जल्दी हो जाता है।
  1. हार्मोनल असंतुलन
  • हार्मोनल कारक: टेस्टोस्टेरोन जैसे हार्मोन का स्तर भी इस समस्या में भूमिका निभा सकता है। यदि आपके शरीर में हार्मोन का संतुलन सही नहीं है, तो इससे यौन प्रदर्शन पर असर पड़ सकता है।
  1. अन्य स्वास्थ्य समस्याएं
  • स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे: कुछ चिकित्सा स्थितियाँ जैसे डायबिटीज या थायरॉइड की समस्याएँ भी नर्वस सिस्टम पर प्रभाव डाल सकती हैं, जिससे शीघ्रपतन की समस्या उत्पन्न हो सकती है।

निष्कर्ष

इसलिए, योनि छूते ही शीघ्रपतन होना एक सामान्य समस्या हो सकती है जो विभिन्न कारकों से प्रभावित होती है। अगर यह समस्या लगातार बनी रहती है, तो आपको किसी विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए ताकि उचित उपचार किया जा सके।

               

क्या योनि छूने से पहले कोई तैयारी करनी चाहिए ?

 

हाँ, योनि को छूने या किसी भी प्रकार के यौन संपर्क से पहले उचित तैयारी करना न केवल स्वच्छता और स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह साथी के आराम और सहमति सुनिश्चित करने के लिए भी आवश्यक है। नीचे इस विषय पर विस्तार से चर्चा की गई है:

  1. स्वच्छता का ध्यान रखें

योनि एक संवेदनशील अंग है, और इसे छूने से पहले हाथों की सफाई बेहद जरूरी है। गंदे हाथों से संक्रमण फैल सकता है, जिससे बैक्टीरियल वेजिनोसिस या यीस्ट इंफेक्शन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

  • हाथ धोना: अपने हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोएं। नाखूनों को साफ रखें क्योंकि उनमें गंदगी जमा हो सकती है।
  • नाखून काटें और चिकने बनाएं: लंबे या तेज नाखून योनि की त्वचा को चोट पहुंचा सकते हैं। इसलिए नाखून छोटे और चिकने होने चाहिए।
  1. साथी की सहमति लें

सहमति (Consent) किसी भी यौन गतिविधि का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है।

  • स्पष्ट संवाद करें: अपने साथी से बात करें और सुनिश्चित करें कि वे सहज महसूस कर रहे हैं।
  • शारीरिक संकेत समझें: यदि आपका साथी असहज महसूस करता है, तो तुरंत रुक जाएं।
  1. व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान दें

यदि आप योनि को छूने जा रहे हैं, तो आपकी अपनी व्यक्तिगत स्वच्छता भी महत्वपूर्ण होती है।

  • खुशबूदार उत्पादों का उपयोग न करें: इत्र या अन्य खुशबूदार उत्पादों का उपयोग करने से बचें क्योंकि ये योनि क्षेत्र में जलन पैदा कर सकते हैं।
  • साफ कपड़े पहनें: सुनिश्चित करें कि आपके कपड़े साफ हों ताकि किसी प्रकार के बैक्टीरिया का जोखिम कम हो सके।
  1. लुब्रिकेशन (चिकनाई) पर ध्यान दें

योनि क्षेत्र में पर्याप्त प्राकृतिक लुब्रिकेशन होना चाहिए ताकि कोई असुविधा न हो। यदि सूखापन महसूस होता है:

  • प्राकृतिक लुब्रिकेशन की प्रतीक्षा करें: उत्तेजना बढ़ाने के लिए समय दें।
  • वॉटर-बेस्ड लुब्रिकेंट का उपयोग करें: यदि आवश्यक हो तो वॉटर-बेस्ड लुब्रिकेंट का इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि यह सुरक्षित होता है और योनि में जलन नहीं करता।
  1. धीरे और संवेदनशील रहें

योनि क्षेत्र अत्यधिक संवेदनशील होता है, इसलिए इसे छूते समय कोमलता बरतनी चाहिए।

  • धीरे-धीरे शुरू करें: अचानक जोर लगाने या कठोर तरीके से छूने से बचें।
  • साथी की प्रतिक्रिया पर ध्यान दें: उनके शरीर की भाषा और प्रतिक्रियाओं को समझें ताकि उन्हें आरामदायक अनुभव हो।
  1. संक्रमण रोकथाम पर विचार करें

संक्रमण फैलने से रोकने के लिए कुछ अतिरिक्त सावधानियां बरतें:

  • कंडोम का उपयोग करें (यदि आवश्यक): यदि उंगलियों या खिलौनों का उपयोग किया जा रहा हो तो कंडोम लगाना संक्रमण रोक सकता है।
  • साफ उपकरण इस्तेमाल करें: यदि सेक्स टॉयज़ का उपयोग कर रहे हैं, तो उन्हें अच्छी तरह साफ करना जरूरी है।

निष्कर्ष

योनि को छूने से पहले स्वच्छता बनाए रखना, सहमति लेना, और साथी की भावनाओं व शारीरिक संकेतों पर ध्यान देना अनिवार्य होता है। यह न केवल यौन स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद करता है बल्कि दोनों पक्षों के बीच विश्वास और सम्मान भी बढ़ाता है।