उसकी माँ एक युवा लड़के के साथ – one night of her mother (+18)

 

आधी रात के आसपास का समय था, मीना अपने बिस्तर पर लेटी हुई किताब पढ़ रही थी। उसकी माँ काम से घर आई, वह थोड़ी नशे में थी और अपने शयनकक्ष में चली गई। मीना जानती थी  कि वह कभी-कभी काम के बाद बार में जाकर शराब पीती थी। कुछ देर बाद जब मीना सोने जा रही थी तो उसे अपनी मां के कमरे से कुछ आवाजें सुनाई दीं। वह किसी से धीरे-धीरे बात कर रही थी। शायद उसकी माँ किसी दोस्त  को बार से घर ले आई थी।

जब मीना ने बिस्तर हिलने की आवाज़ सुनी, तो वह उसके शयनकक्ष में देखने के लिए उत्सुक  होने  लगी ,उसने पहले भी अपनी माँ को अंजान आदमियों के साथ देखा  था। उसकी माँ अकेली थी और उसे कभी-कभी आदमी की ज़रूरत होती थी, मीना के लिए यह सामान्य था l वह धीरे से अपने कमरे से बाहर आई, उसकी माँ के शयनकक्ष के बाहर अंधेरा था, वह खिड़की के पास गई और अंदर देखा। उसकी माँ पूरी तरह से नग्न थी और बिस्तर पर लेटी हुई थी। उसने अपने पैर ऊपर कर लिए थे। एक युवक उसके पैरों के बीच में था, वह उसकी योनि को चाट रहा था। वह भी नग्न था, मीना केवल उसकी पीठ देख सकती थी,वह उस आदमी का चेहरा देखना चाहती थी। जब वह आदमी एक तरफ मुड़ा तो वह उसका बड़ा मोटा लिंग देखकर दंग रह गई,

 “माँ को बड़ा मजा आने वाला है” वह फुसफुसाई l

उसने पहले भी अपनी माँ को कई मर्दों के साथ नग्न देखा था , लेकिन उसने  इतना बड़ा  लिंग कभी नहीं  देखा था। उसकी योनि  मे भी हलचल होने लगी। वह अपनी माँ की प्रतिक्रिया देखने के लिए उत्सुक  थी। उसे यकीन नहीं था कि उसकी माँ को इतने बड़े लिंग का अनुभव था।

आदमी अभी भी उसकी योनि चाट रहा था। माँ मजे से चिल्ला रही थी, मीना उस बड़े लिंग को चाटना चाहती थी, लेकिन वह उसका आदमी नहीं था l उसकी सांसें तेजी  चलने लगी  थीं। फिर उसने अपना हाथ अपने अंडरवियर में डाल लिया, योनि पूरी तरह से गीली और खुली हुई थी। उसने अपनी उंगलियों से अपने भगनासा को छुआ। “आह… आह… हे  भगवान… मुझे भी वैसा ही लिंग चाहिए”, वह फुसफुसाई l

जब आदमी अपने लिंग को अंदर धकेलने के लिए तैयार था,  लिंग योनि के होठों को छू रहा था, मीना की दिल की धड़कन  रुक गई ,वह बड़े धक्के का इंतजार कर रही थी। जैसे ही लिंग अंदर जाने लगा, उसकी माँ मजे से चिल्लाने लगी।

जैसे-जैसे आदमी जोर-जोर से धक्के मार रहा था,  माँ का शरीर कांप रहा था, वह चिल्ला रही थी। “धीरे.. धीरे.. प्रिय.. प्लीज़… आह्ह… आआ” l

मीना की योनि पूरी तरह से गीली हो गई थी, वह बहुत उत्तेजित थी। वह वहाँ खड़ी नहीं रह सकी और वापस अपने बिस्तर पर चली गई।

उसने तुरंत अपना अंडरवियर उतार दिया। उसने शीशे में देखा, उसने अपनी योनि को पहले कभी इस तरह आक्रामक नहीं देखा था, योनि किसी भी आकार के लिंग को लेने के लिए तैयार थी l उसने अपनी योनि की मालिश करना शुरू कर दिया, उस आदमी का बड़ा लिंग उसकी आँखों में घूम रहा था l बहुत तेजी से, उसके नितंब और पेट कांपने लगे। वह मजे से चिल्लाने लगी। यह पहली बार नहीं था कि उसने हस्तमैथुन किया था l

बह  उस आदमी के बारे में सोचने लगी । वह  उसकी उम्र के आसपास था। उसे  माँ जैसी बूढ़ी औरतें क्यों पसंद थीं। उसकी उसके जैसी युवा गर्लफ्रेंड हो सकती थी। शायद वह अनुभवी महिला की तलाश में था। या हो सकता था  कि युवा लड़कियाँ उसका लिंग देखकर डरती हों। लेकिन वह इसके साथ आनंद लेना चाहती थी, चाहे उसकी योनि को कुछ भी हो जाए।

तभी उसने फिर से अपनी माँ की चिल्लाने की आवाज़ सुनी। वह खिड़की की तरफ दौड़ी, आदमी बिस्तर पर लेटा हुआ था। माँ उसके लिंग पर कूद रही थी, ऐसा लग रहा था कि बिस्तर जल्द ही टूटने वाला था । माँ के स्तन उसके शरीर के साथ उछल रहे थे। वे पूरे जोश में थे। “आह..आह.. मैं आ रही  हूँ प्रिय..आह..हे भगवान..l” माँ आदमी के ऊपर गिरने लगी, उसके नितंब अभी भी लिंग पर हिल रहे थे l

फिर उनके गीले शरीर चिपक गए, माँ ने उसे  जोश से चूमना शुरू कर दिया। वह पूरी तरह से संतुष्ट लग रही थीं। लिंग अभी भी उसकी योनि में था l सब कुछ  शांत था। उसकी योनि मे  से कुछ गाढ़े सफेद शुक्राणु बहने लगे थे। शायद उस मोटे लिंग ने उसकी योनि को पूरी तरह से भर दिया था। मीना अपने बिस्तर पर आई। वह अभी भी बिना अंडरवियर के थी। उसने अपना हाथ अपनी योनि पर रखा, वह फिर से गीली हो गई थी। वह मुस्कुराई और फिर से अपने भगनस  की  मालिश करने लगी ।