सूरज उगने लगा। अरुण के कमरे में सुबह की रोशनी आने लगी, वह उठा और फ्रेश होने चलने लगा, उसकी जवान चाची उसके रास्ते में खड़ी थी। उसने उसे ध्यान से देखा और अजीब सी मुस्कान दी। अरुण की आँखें अभी भी आधी खुली थीं। उसने उसकी मुस्कुराहट की ज्यादा परवाह नहीं की , वह रिफ्रेश रूम में गया, उसने दर्पण में देखा, उसका आधा कठोर लिंग उसके अंडरवियर में उभर कर उसकी दाहिनी जांघ की ओर गिर रहा था। शायद उसकी चाची मुस्कुराई क्योंकि उसने इसे देखा लिया था। उसने सोचा, आंटी रोज़ी का पहले बॉयफ्रेंड था, वह जानती थी कि आम तौर पर सुबह उठते पुरुषों का लिंग सख्त होता है,रात में चाहे कितनी ही बार योनि मिली हो और शायद रोज़ी को बहुत समय से लिंग नहीं मिला था, वह लिंग की ओर जल्दी आकर्षित होने लगी थी । यही सब सोचते हुए बह रिफ्रेश रूम से बाहर आया l
अरुण अपने कमरे में आया , तभी रोज़ी उसके लिए चाय लेकर आई, उसने उसके मुस्कुराते हुए चेहरे को देखा, आज उसके टॉप के सभी बटन खुले थे, ब्रा उसके स्तनों की मध्य दरार को उजागर कर रही थी।
“रोज़ी आओ और मेरे पास बैठो”,
“अरुण पहले कपड़े पहनो”, वह मुस्कुराई l बह अभी भी अंडरवियर में था l
“तुम्हें मैं अंडरवियर में पसंद नहीं हूँ”l
वह हँसी “तुम अब जवान हो, मैं तुम्हारे साथ बैठकर ऊतेजीत होने लगती हूँ”।
“आज मैं तुम्हें ऊतेजीत देखना चाहता हूं, अब हम घर पर अकेले हैं”।
“नहीं, नहीं अरुण, बेहतर होगा कि तुम कपड़े पहनो”l
“ठीक है, आंटी रोज़ी, मुझे लगा कि आप मुझे पसंद करती हैं”, अरुण मुस्कुराया और अपनी शर्ट पहनने लगा l
वे चाय पीने लगे। “आंटी आप अपनी शर्ट के ऊपर के बटन बंद करना भूल गईं, मुझे जोश आ रहा है”l
“अगर तुम चाहो तो उन्हें बंद कर दो”। वह मुस्कुराई l अरुण अपना हाथ उसकी खुली शर्ट से अंदर ले गया और उसकी ब्रा और स्तनों पर रख दिया ।
“आ…आ…आप क्या कर रहे हैं ?” उसने उसका हाथ नहीं हटाया, फिर अरुण ने अपना हाथ ब्रा में डाल दिया और उसके स्तन पकड़ लिये।
“रुको ,रुको अरुण, मुझे अच्छा महसूस नहीं हो रहा”। अरुण के हाथ की वजह से उसके स्तन ब्रा में कस रहे थे।
जब उसने अपना हाथ बाहर निकाला, तो उसने अपना टॉप उतार दिया l
“ क्या यह सही है अरुण, तुम क्या चाहते हो”।
“क्या गलत है हम दोनों सिंगल हैं”। अरुण उसकी ब्रा का हुक खोलने लगा, जैसे ही हुक खुला, ब्रा उसके स्तनों पर गिरी, उसने अपनी ब्रा पकड़ ली और अपने निपल्स को छुपाने लगी , लेकिन अरुण ने उसे छीन लिया, वह बिस्तर पर पीछे की ओर गिर गई l अरुण ने उसके स्तनों को चूमना शुरू कर दिया l
“तुम बहुत आक्रामक हो, मैं मजबूत लड़की नहीं हूं, आह… आह…”l फिर अरुण ने अपनी शर्ट और अंडरवियर उतार दिया, रोजी ने उसके लिंग को देखा, “हे भगवान, यह क्या है”। वह चिल्लाई, अरुण ने बिना कुछ कहे उसकी सलवार और अंडरवियर उतारने लगा।
“अरुण मैंने पहले कभी इतना मोटा, लंबा लिंग नहीं लिया। मेरी योनि अभी भी इसके लिए छोटी और तंग है यह मेरा सब कुछ फाड़ देगा”l
“चिंता मत करो, मैं धीरे-धीरे डालूँगा”।
“कृपया केवल सिर अंदर डालना , पूरा नहीं ,प्रिय”l
वह अपनी योनि को अपने हाथों से छुपा रही थी, और शर्मा रही थी। लेकिन अरुण ने उसका हाथ हटा दिया और उसके पैरों के बीच आ गया, वह जानता था कि रोज़ी को उसका लिंग चाहिए । उसने अपने लिंग को योनि के छेद के सामने रखा और अपने होंठों को उसके होंठों से चिपका दिया और उसे जोश से चूमा, फिर धीरे-धीरे उसने लिंग को उसकी योनि में धकेलना शुरू कर दिया, लिंग धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था। वह आनंद के साथ चिल्ला रही थी। योनि के होंठ लिंग साथ चिपक रहे थे , धीरे-धीरे वे दोनों अपनी चरम सीमा की ओर बढ़ रहे थे l
रोज़ी को वह लिंग मिल गया था जो वह सुबह से चाहती थी।