दोपहर का समय था l अनिल अपने दोस्तों के घर जा रहा था, छुट्टियां शुरू होने के बाद कुछ दिनों तक वे नहीं मिले l उसने दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई बाहर नहीं आया l अनिल उसके परिवार को अच्छी तरह से जानता था। वह अंदर गया, यह पहली बार नहीं था कि वह इस तरह गया हो । उसने लिविंग रूम के अंदर देखा। वह एक महिला को तौलिया में देखकर आश्चर्यचकित हो गया, शायद वह स्नान करके आई थी l वह केवल उसकी पीठ देख सकता था l तौलिया थोड़ा गीला था, और उसके नितंबों से चिपका हुआ था, अनिल अठारह साल का युवा लड़का था,उसे मजा आने लगा, वह उसे और देखना चाहता था, वह चुपचाप दरवाजे के पास खड़ा हो गया l वह अपने बाल सुखा रही थी l अनिल ने घर में किसी और को नहीं देखा l
वह उसके अगले कदम का इंतजार करने लगा। फिर उसने अपना टॉप और पायजामा निकाला, उसका शरीर अभी भी गीला था, वह खुद को दर्पण में देखने के लिए आगे बढ़ी l अनिल दर्पण में गीले तौलिये में उसके उभरे हुए स्तन देख सकता था, वह उत्तेजित होने लगा। फिर उसने अपने बालों को सहलाना शुरू कर दिया l कुछ मिनटों के बाद बह अपना तौलिया हटाना लगी ।अनिल इसी का इंतज़ार कर रहा था। उसका दिल तेजी से धड़कने लगा। उसने अपना तौलिया नीचे कर दिया, उसके स्तन उजागर हो गए। अनिल की आँखें खुल गईं। उसने कोई लोशन लिया और अपने शरीर पर लगाना शुरू कर दिया।
उसके स्तन उसके शरीर के साथ हिल रहे थे। अनिल का लिंग उठने लगा। कई बार उसने अपने स्तनों को सहलाया। फिर उसने अपना तौलिया कुर्सी के पास रख दिया, वह दर्पण के सामने पूरी तरह से नग्न थी l अनिल उसकी योनि नहीं देख सका, दर्पण ज्यादा लंबा नहीं था ,लेकिन उसके बड़े नितंब उसके सामने थे, उसकी कोमल त्वचा चमक रही थी। उसने अपने नितंब पर कुछ लोशन लगाया। अनिल उसकी योनि को देखने के लिए उत्सुक था। उसका लिंग अब पूरी तरह से सख्त हो गया था।
फिर उसने अपना हाथ अपनी योनि के चारों ओर घुमाना शुरू कर दिया l अनिल को यकीन नहीं था कि वह आनंद ले रही थी या लोशन लगा रही थी l यह कुछ देर तक जारी रहा। फिर वह अपने कपड़े लेने के लिए मुड़ी। अनिल ने उसकी शेवएड योनि की एक झलक देखी,लेकिन जब वह मुड़ी तो उसे दरवाजे पर कुछ दिखाई दिया। उसने तुरंत अपने शरीर पर तौलिया लपेटा और बाहर आई l वह अपने दरवाजे पर एक युवा लड़के को देखकर दंग रह गई। “तुम कौन हो?”, वह चिल्लाई।
“मैं अपने दोस्त संजू से मिलने आया था”। उसने उसकी ओर देखा, उसका लिंग सख्त था,उसकी पैंट उभरी हुई थी, वह समझ गई कि उसने उसे नग्न देख लिया।
“मैं उसकी मौसी हूं। वे सभी अपने दादाजी के घर गए हैं, वे कल वापस आएंगे” उसने कहा और मुस्कुरा दी l
जैसे ही अनिल पीछे मुड़ा। उसने कहा,
“अंदर आओ मैं तुमसे बात करना चाहती हूं”। वे अंदर गए, अनिल थोड़ा डरा हुआ था। वह उसके लिए पानी लेकर आई, “तुम संजू के सबसे अच्छे दोस्त हो”।
“हाँ मैडम”।
“अब आप क्या चाहते हैं। मुझे पता था कि आप मुझे देख रहे थे। क्या आपको मेरा शरीर पसंद आया ?”
“ क्षमा करें मैडम”।
“डरो मत। मेरे साथ आओ”, वह उसे अपने बेडरूम में ले गई, उसने अपना तौलिया हटा दिया और बिस्तर पर लेट गई, अनिल को अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था।
“अपने कपड़े उतारो और यहाँ आओ”।अनिल उसे नग्न देखकर पहले से ही ऊतेजीत था, उसने अपने कपड़े उतारे और बिस्तर पर कूद गया,फिर उसने अपनी टाँगें खोलीं और उससे अपनी योनि को चाटने को कहा। अनिल ने उसे लगभग एक घंटे तक पागलों की तरह चाटा। अगले कुछ घंटों में उसने अनिल को कई बार बुरी तरह से निचोड़ा l अनिल ने कभी नहीं सोचा था कि उसका पहला यौन अनुभव इतना तूफ़ानी होगा l