भीड़ भरे समुद्र तट पर सूरज ढल रहा था, लहरों के टकराने की आवाज़ हवा में गूंज रही थी। हर प्रकार के लोग गर्मी की गर्म किरणों का आनंद लेते हुए रेत पर बिखरे हुए थे। लेकिन इस अफरा-तफरी के बीच समुद्र तट के एक तरफ पेड़ के पास एक लड़की खड़ी थी, उसके लंबे बाल, बड़े मोटे स्तन, गोल नितंब थे l नीली बिकनी पहने हुए, बह समुद्र की लहरों को देख रही थी।
मैं उत्सुकता से उसे देखने लगा, मैं उससे ज्यादा दूर नहीं था, छोटी सी तैराकी पोशाक में रेत पर बैठा था । वह बहुत शांत, अकेली लग रही थी, फिर वह पेड़ के पीछे जाने लगी,मैं उस रहस्यमय लड़की के जानने के लिए उत्सुक था, मैंने चारों ओर देखा, कई लड़के वहां थे लेकिन कोई भी इतनी खूबसूरत सेक्सी लड़की को नहीं देख रहा था। मुझे लगा कि केवल मैं ही उस पर ध्यान दे रहा हूं,l
वह पेड़ के पीछे रुक गई, उसने इधर-उधर देखा, फिर उसने धीरे-धीरे अपनी ब्रा का हुक खोलना शुरू कर दिया, मेरा दिल धड़कने लगा, मैं उसकी पीठ को ही देख सकता था, लेकिन मैं उसके स्तनों की कल्पना कर सकता था l
उसने अपनी ब्रा उतार दी और बैठ गई, मैं उसकी पीठ देख रहा था, और उसके अगले कदम का इंतज़ार कर रहा था, उसने अपने काले चमकते बाल अपने स्तनों पर रख लिए, शायद वह किसी से छुपाना चाहती थी l
फिर उसने अपने पैर मोड़ लिए, मैं देखकर हैरान हो गया, उसने अपना अंडरवियर उतार दिया, उसने खुद को पेड़ के पीछे छिपा लिया, शायद वह रेत पर लेट गई थी , मैं केवल उसका पैर देख सकता था, मेरा दिल तेजी से धड़क रहा था, मैं और इंतजार नहीं कर सका ,मैंने उसके पास जाने का फैसला किया, मुझे पता था कि वह अपना नग्न शरीर मुझसे छुपा लेगी लेकिन मैं उससे बात कर सकता था या उसे जान सकता था l
जब मैं खड़ा हुआ और उसके पास जाने लगा, तो उसने खुद को पूरी तरह से पेड़ के पीछे छिपा लिया, लेकिन मैं चलता रहा, जब मैं वहां पहुंचा, तो मुझे आश्चर्य हुआ कि वहां कोई लड़की नहीं थी, मुझे अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हुआ। मैं पेड़ के नीचे खड़ा हुआ और यहां वहां देखा। मुझे पूरी तरह से ठगा हुआ महसूस हुआ, मैं कुछ देर तक उदास आँखों से इधर-उधर देखता रहा, फिर मैं अपने स्थान की ओर चलने लगा, “आप किसे ढूंढ रहे हैं?”
मैंने पीछे मुड़कर देखा, वह नीली बिकनी वाली लड़की मेरे पीछे खड़ी थी, मेरी तो बोलती बंद हो गई, वह इतनी जल्दी अपने कपड़े कैसे पहन सकती थी l
“तुम मुझसे क्या चाहते हो?”
“ मैं तुम्हें और जानना चाहता था”l
“ मैं लूना, जलपरी हूं आप उन कुछ भाग्यशाली व्यक्तियों में से एक हैं जो मुझे देख सके, मैं इंसानों को छू नहीं सकती , कृपया मुझे भूल जाओ” फिर बह पानी में कूद गई और गायब हो गई , मैं वहीं एक मूर्ति की तरह खड़ा रहा l