जब उसने अंजू को गर्म जीभ से छुआ (+18)

 

अंजू बहुत शर्मीली लड़की थी। वह हमेशा लड़कों के ध्यान से बचने की कोशिश करती है। वह एक छोटे शहर में रहती थी, और हमेशा ऐसे कपड़े पहनती थी जो उसके शरीर को पूरी तरह से ढकते थे। वह अपनी दादी से प्यार करती है, दादी हमेशा उसे लड़कों के बारे में चेतावनी देती रहती थी । और उससे कहाती कि वह उन पर आसानी से भरोसा न करे। 

उस छोटे शहर में अधिकतर लोग एक-दूसरे को जानते थे। एक दिन एक नया अमीर परिवार उसके घर के पास रहने आया। उनका बेटा अंजू  की उम्र का ही था, वह बहुत सुंदर लंबा लड़का था। जब अंजू  अपने  घर की छत पर कुछ काम करती, वह आसानी से उनके घर के पिछवाड़े को देख सकती थी। एक दिन वह छत पर काम कर रही थी, उसने देखा कि वह लड़का शॉर्ट पहने हुए पिछवाड़े में टहल रहा था। वह अपने आप को उसके आकर्षक शरीर को देखने से रोक नहीं पाई। वह उसे देखने लगी, अंजू का शरीर उत्तेजित होने लगा, वह उस लड़के से बात करने की सोचने लगी ।

एक दिन अंजू दुकान से घर आ रही थी तो उसने देखा कि वह लड़का बगीचे के पास बैठा था। वह अपने विचारों में व्यस्त था। अंजू कुछ देर उसके पीछे खड़ी रही। जल्द ही लड़का पीछे मुड़ा तो उसने अंजू को देखा। वह जानता था कि वह उसकी पड़ोसी लड़की है l वे बातें करने लगे, लड़के का नाम सुरज था। उन्होंने थोड़ी देर बात की, अंजू अभी कोई रिश्ता नहीं होना चाहती थी। वह तेजी से घर चली गई।

 

बे कुछ  दिन बात करते रहे,अंजू उसके साथ सहज महसूस करने लगी। जैसे-जैसे समय बीतता गया वे एक-दूसरे के करीब आते गए। अंजू उस पर भरोसा करने लगी,एक दिन सूरज ने उसका हाथ पकड़ लिया और उसे चूम लिया। उसने कोई विरोध नहीं किया,अंजू उसकी बाहों में बहुत सहज महसूस करने लगी  थी ।

 

उस दिन के बाद, वे हर मिलन में चुंबन करने लगे। एक दिन सुरज ने आगे जाने का फैसला किया, वे पेड़ों के बीच में थे, उसने उसका टॉप उठाया और उसके नुकीले मम्मो को चाटना शुरू कर दिया।पहले तो अंजू को  कुछ अजीब सा लगा, फिर उसे भी मजा आने लगा। सूरज ने अपना हाथ उसके अंडरवियर में डाल दिया। जब उसका हाथ उसकी गीली चूत को छू गया,वह ख़ुशी से चिल्ला उठी l  ज़ब सूरज उसे छूने लगा,वह आनंद में खो गई और सुरज को नहीं रोका। सुरज आगे बढ़ा, वे हरी घास पर लेट गए, सुरज ने उसका अंडरवियर उतार दिया। उसने उसकी छोटी गहरी गुलाबी गीली चूत को देखा। वह अपने आप को रोक नहीं सका, उसने अपनी गर्म जीभ उसकी चूत पर रख दी और उसे चाटने लगा। अंजू को इस अनुभूति और आनंद पर विश्वास नहीं हो रहा था। उसका दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। जब भी जीभ उसकी भगनासा को छूती, तो वह खुशी से चिल्ला उठती।

कुछ देर सुरज ने उसकी वर्जिन चूत को चाटा, फिर अंजू का शरीर काँपने लगा, उसकी साँसें तेज़ हो गईं। वह ख़ुशी से चिल्लाई, सूरज समझ गया कि उसे चरमसुख मिल गया है। कुछ ही मिनटों में सब कुछ फिर शांत हो गया, उसने सुरज को चूमा। वह बहुत संतुष्ट लग रही थी l उस दिन के बाद, सूरज के प्रति उसका प्यार  बहुत  बढ़ गया l