मीनू भाभी
मीनू ने दरवाज़ा खटखटाया और अंदर चली गई, यह देव का शयनकक्ष था, वह अभी भी सो रहा था,
” देव,अब उठो, नौ बज चुके हैं l”
देव ने आँखें खोलीं और देखा, मीनू उसके बिस्तर के पास खड़ी थी। उसने कल शाम को उससे कहा था वह किसी से मिलने जाना चाहता था , वह बिस्तर पर बैठ गया l
“भाभी कृपया यहाँ आये, मेरे बिस्तर पर बैठो, मैं कुछ पूछना चाहता हूँ l”
वह उसके बिस्तर पर उसके पास बैठ गई l वह बहुत गंभीर लग रहा था,उसने उसका हाथ पकड़ लिया और कहा,
“तुम मुझसे वादा करो कि तुम गुस्सा नहीं करोगी l”
मीनू को थोड़ा आश्चर्य हुआ, वह लगभग एक साल पहले देव के भाई साथ शादी के बाद इस घर में आई थी। उसके और देव के बीच बहुत अच्छे संबंध थे, देव उसे कई ऐसी बातें बता देता था जो वह अपने भाई या माता-पिता को नहीं बता सकता था।
देव कॉलेज के प्रथम वर्ष में था, वह अठारह वर्ष का था, मीनू लगभग तीस वर्ष की थी लेकिन वह अभी भी देव को बच्चा ही मानती थी, शायद उसकी बात करने की शैली के कारण।
“देव, तुम क्या बात करना चाहते हो?”
“भाभी, मैं किसी को घर लाना चाहता हूँ l”
“तुम किसे घर लाना चाहते हैं?देव!” उसने आश्चर्य से पूछा l
“मेरी दोस्त नेरू, वह मेरी सहपाठी है l”
“क्या? कौन नेरू? तुम्हारी गर्लफ्रेंड!”
“नहीं,नहीं भाभी! बस दोस्त , हमारे पास बात करने की जगह नहीं है, इसीलिए l”
“नहीं, नहीं देव! तुम अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो, तुम अभी छोटे हो,तुम्हारा भाई बहुत क्रोधित होगा l”
“कृपया!भाई को मत बताना, मान जाओ भाभी जी l”
“उठो और स्नान के लिए जाओ, मैं सोचूंगी!”
वह कमरे से बाहर चली गई, देव खुश नहीं था लेकिन वह कुछ नहीं कर सकता था , उसने फिर से बात करने का फैसला किया, वह नहाने चला गया l
मीनू ने चाय बनाई, वह नहाकर बाहर आया, वे फिर बात करने लगे,
“भाभी प्लीज़! मैं हमेशा वही करूँगा जो तुम चाहोगी l”
” ठीक है! केवल बातें, और कुछ नहीं!”
“हाँ,हाँ भाभी!” वह खुश हुआ और कपड़े पहनने लगा l
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दोपहर करीब एक बजे वह नेरू को अपने घर ले आया। मीनू लिविंग रूम में बैठी थी, नेरू ने उस पर ध्यान नहीं दिया, नेरू एक युवा अच्छी दिखने वाली लड़की थी। उसने स्कर्ट और टी-शर्ट पहनी हुई थी, उसके लंबे काले बाल थे, वे देव के कमरे में चले गए।
मीनू लिविंग रूम में पढ़ रही थी, सब कुछ बहुत शांत था, उसने देव के कमरे से कुछ आवाज़ सुनी। वह उसके कमरे के पास गई। दरवाज़ा बंद था लेकिन लॉक नहीं था, वह खिड़की के पास गई और चुपचाप अंदर देखने लगी l
देव और नीरू बिस्तर पर बैठे थे। उसके बाल खुले हुए थे, देव उसकी टी शर्ट के नीचे उसके मम्मो की मालिश कर रहा था, उसकी ब्रा उसकी गर्दन के पास ऊपर थी। वह धीरे-धीरे चिल्ला रही थी और बिस्तर पर गिर रही थी।
मीनू यह सब देखकर उत्तेजित होने लगी , यह किसी कामुक फिल्म की तरह था, वह इसका आनंद लेना चाहती थी,वह वहीं खड़ी होकर देखती रही l
नीरू बिस्तर पर लेट गई, देव ने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए, वे चूमने लगे, उसने अपना हाथ उसकी स्कर्ट के नीचे डाला और उसकी चूत को छूने लगा। वे बहुत उत्तेजित थे l उसने कुछ समय तक छुआ, फिर उसने उसकी पैंटी उतार दी। उसकी स्कर्ट को उसकी जाँघेा से उठाया, अब वह उसकी शेव की हुई चूत देख सकता था l
उसने अपना हाथ धीरे से उसकी चूत के होठों पर रखा और मालिश करने लगा, उसकी चूत के होंठ खुल रहे थे, उसका मुँह भी खुला था, वह उसे चूमने लगा ।
मीनू सब देख रही थी, उसका चेहरा लाल हो रहा था, उसके ब्लाउज में मम्मे फूल रहे थे, उसकी साँसें तेज़ चलने लगी थीं l
देव ने अपनी टी शर्ट और फिर पैंट उतार दी। नीरू ने उसका बॉक्सर नीचे उतार दिया। उसका सख्त मोटा लंड बाहर आ गया, वो उसे मसलने लगी l
मीनू उसके सख्त मोटे लंड को देखकर दंग रह गई, यह उसकी बांहों जैसा था, वह हमेशा उसे बच्चा समझती थी, और उसने कभी भी उसके के इतने बड़े लंड की उम्मीद नहीं की थी,वह खुद पर नियंत्रण खो रही थी,गीली चूत उसकी पैंटी को गीला करने लगी थी, ब्रा बहुत छोटी हो रही थी , उसने ब्रा उतार दिया, मम्मे उसके ब्लाउज को भरने लगे l
देव नेरू की टांगों के बीच आ गया और अपने लंड के टोपे से उसकी चूत के होंठों को छूने लगा। वह अंदर धकेलने को तैयार था,
“अंदर मत धकेलो, तुमने वादा किया था, अंदर नहीं!”
नीरू ने अपनी चूत को अपने हाथ से ढक लिया l
वह बैठ गई और उसके लंड को अपने हाथों में पकड़ लिया और मालिश करने लगी, उसने देखा देव बहुत उत्तेजित था और अपने शुक्राणुओं को ज्यादा देर तक नहीं रोक सकता था । उसने उसका लंड मुंह में डाल लिया और चूपने लगी,वह अपने लंड को उसके मुँह में गहराई तक धकेल रहा था, वह जोर-जोर से साँस ले रही थी। उसने अपनी गति बढ़ा दी l
“आह आह,………. आह!” उसने अपना वीर्य उसके मुँह में डाल दिया और वह पी गई l
वह बिस्तर पर गिर गया l
मीनू अपने शयनकक्ष में आई , बिस्तर पर लेट गई और अपनी चूत की मालिश करने लगी, वह बहुत उत्तेजित थी l
कुछ देर बाद नेरू अपने घर चली गई, देव धन्यवाद कहने के लिए मीनू के कमरे में आया l
वह मीनू को देखकर दंग रह गया। वह बिस्तर पर लेटी हुई थी, उसकी आँखें बंद थीं, उसके ब्लाउज के आधे बटन खुले थे। वह उसके मोटे मोटे स्तनों का आधा हिस्सा देख सकता था। बाल बिस्तर पर फैले हुए थे, उसका पायजामा नीचे गिर रहा था, पैंटी नज़र आ रही थी, वह बहुत सेक्सी लग रही थी, वह उसे देखकर खुद को रोक नहीं सका, वह उत्तेजित होने लगा, उसका लंड उठने लगा, वह बहुत शांत थी l
वह कुछ देर तक उसे देखता रहा l
“भाभी जी!”वह काँपते होठों से बोला l
उसने अपनी आँखें खोली और बैठ गई ।
” यहाँ आओ, तुमने नेरू के साथ क्या किया?”
“भाभी, हमने बात की, मैं अभी भी वर्जिन हूं l”
वह उसके पास चला गया,उसने उसका लंड पकड़ लिया और बोली,
“मैं देखना चाहती हूँ!अपने सारे कपड़े उतार दो और बिस्तर पर लेट जाओ”।
“भाभी … भाभी … ठीक है!”
वह पूरी तरह नग्न अवस्था में बिस्तर पर लेट गया। वह उसके लंड को मसलने लगी, यह बहुत तेजी से कठोर हुआ , उसने अपना ब्लाउज उतार दिया और अपने निपल्स को उसके मुंह में धकेलना शुरू कर दिया, वह बहुत आक्रामक थी, देव की आंखें चमक उठीं, भाभी के मम्मे नेरू के मम्मो से दोगुने थे, उसने उनके निपल्स का आनंद लेना शुरू कर दिया l
फिर उसने अपनी पाजाम और पैंटी उतारी और बोली l
“देव,मेरी टाँगों के बीच आओ और मेरी चूत को चाटो!”
उसने कभी उम्मीद नहीं की थी कि वह कभी उसकी चूत चाटेगा, अब वह उसके सामने थी, पूरी तरह से शेव की हुई, गुलाबी होंठ, थोड़ी गीली, थोड़ी खुली हुई। जैसे ही उसने अपनी जीभ उसकी भगनासा पर रखी, वह चिल्ला उठी,
“अह….अह! हे भगवान!”
उसने थोड़ी देर तक चाटा, फिर उसने उसे बिस्तर पर लेटने के लिए कहा, वह उसके ऊपर आ गई, और उसके मोटे सख्त लंड पर बैठ गई, यह तेजी से उसकी चूत में चला गया,एक तेज़ चाकू की तरह l
उसे वह आराम मिल गया जो वह कई घंटों से चाह रही थी।
वह हिलने लगी l
“भाभी आप बहुत हॉट हो, मुझे अपनी पहली चुदाई का मजा आ रहा है l”
उसने अपनी स्पीड बढ़ानी शुरू कर दी, उसकी चूत उसके लंड को जोर जोर से रगड़ रही थी l वह उसके मम्मो की मालिश कर रहा था l
“भाभी मेरे होठों को चूमो, मेरा वीर्य जल्द ही तुम्हारी चूत में आने वाला है l”
उसने चूमना शुरू कर दिया और अपनी गति बढ़ा दी,
” देव अपना वीर्य मेरी चूत में अंदर तक डालो, मैं चाहती हूँ…..हाँ…… हाँ…. अब.. अब…..!”
“तुम बहुत हॉट हो…। अहह…. अहह….. अह्ह्ह्ह…!”उसने उसकी चूत भर दी l
” देव, तुम्हारा वीर्य बहुत गर्म है, मुझे अपने पेट में भी महसूस हो रहा है l “
मीनू की सांसे तेज़ थी, बह उसपर गिर गईं l
“भाभी हमने आज क्यों किया, पहले क्यों नहीं?”
“मैंने तुम्हारा लंड पहली बार आज देखा, जब तुम नेरू के साथ थे , मैं अपने आप को रोक नहीं पाई,अब हम हर रोज करेंगे!”
“भाभी, अब मुझे नीरू की जरूरत नहीं! तुम ज्यादा हॉट हो, मुझे तुम्हारी चूत पसंद है l”
वह फिर से उसके लंड की मालिश करने लगी l