वह आदमी जो हमेशा सेक्स के सपने देखता था
परिचय
एक आदमी की कल्पनाओं की दुनिया में आपका स्वागत है, जहाँ वास्तविकता अक्सर धुंधली हो जाती है और सपनों की उड़ान उसे अपने दैनिक जीवन के तनावों से दूर ले जाती है। यह कहानी है एक ऐसे अकेले व्यक्ति की, जिसके मन में हमेशा यौन कल्पनाएँ घूमती रहती हैं। जहाँ भी उसकी नज़र किसी आकर्षक महिला पर पड़ती है, वह तुरंत एक काल्पनिक दुनिया में खो जाता है, जहाँ वह उसके साथ अंतरंग पलों का अनुभव करता है। ये सपने कभी-कभी उसके लिए एक आरामदायक आश्रय बन जाते हैं, जो उसे जीवन की कठोर सच्चाइयों से क्षणिक मुक्ति दिलाते हैं। लेकिन क्या होगा जब ये कल्पनाएँ वास्तविकता का रूप ले लें? क्या वास्तविक अनुभव उसकी सपनों की दुनिया के महत्व को कम कर देगा, या वह अभी भी अपनी कल्पनाओं को उतना ही महत्वपूर्ण मानेगा? यह कहानी आपको एक ऐसे व्यक्ति के आंतरिक द्वंद्व से परिचित कराती है, जो कल्पना और वास्तविकता के बीच संतुलन खोजने की कोशिश कर रहा है, और यह समझने की कोशिश कर रहा है कि उसके लिए वास्तव में क्या मायने रखता है।
भाग 1
सूरज की किरणें खिड़की से उसके कमरे में आने लगीं। रविवार की सुबह थी। राहुल अभी भी बिस्तर पर था। उसने अनिच्छा से धीरे से अपनी आँखें खोलीं। जैसे ही उसने महसूस किया कि उसका लिंग उसके अंडरवियर में पूरी तरह से खड़ा हो गया है, उसके होठों पर एक गहरी मुस्कान फैल गई।
उसने अपना लिंग अंडरवियर से बाहर निकाला और फुसफुसाया,”लिली अगर तुम अभी मेरे साथ यहाँ होती तो क्या होता,” उसने फिर से अपनी आँखें बंद कर लीं और पिछली रात का सपना याद करने लगा।
वह एक खूबसूरत सुबह थी। वह अपने कार्यालय जा रहा था। आज वह घर से थोड़ा जल्दी निकल गया। जब वह चल रहा था, तो एक युवा लड़की दूसरी सड़क से आई और उसके आगे चलने लगी। शायद वह सुबह का व्यायाम कर रही थी। कुछ मिनटों के बाद उसके गोल नितंबों ने राहुल का ध्यान आकर्षित करना शुरू कर दिया। उसके नितम्बों और मध्य दरार के हिलते हुए भाग उसकी सफ़ेद टाइट पजामा से स्पष्ट रूप से उभर रहे थे।
उसका तंग पजामा पूरी तरह से उसके नितंबों से चिपका हुआ था। राहुल उसके पतले सफेद पजामा से उसकी भूरी त्वचा का कुछ प्रतिबिंब देख सकता था। वह उसके पीछे चलने लगा और अपने कदमों को उसके चलने के साथ मिलाने की कोशिश करने लगा।
कुछ मिनट चलने के बाद उसे समझ आ गया कि उसने अपने पजामे के नीचे कुछ नहीं पहना है। उसने आशा के साथ उसकी गांड के निचले हिस्से पर अपनी नज़रें केंद्रित करने की कोशिश की, शायद वह उसकी चूत का प्रतिबिंब देख सके। लड़की राहुल के बारे में कुछ भी जाने बिना धीरे-धीरे चल रही थी। राहुल का लिंग पूरी तरह से तैयार था और असहज था। उस हिलते हुए नितंब के अंदर जाने के लिए वह बेचैन था। राहुल की कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी। यह उसका हाथ था जो मुश्किल समय में उसकी गर्लफ्रेंड बनता था ।
वह अभी भी उस लड़की के पीछे चल रहा था। फिर अचानक वह उसके नितंबों के पास गया। तभी सड़क से एक पत्थर उड़कर उसके नितंबों पर लगा। उसका पायजामा फट गया। वह रुकी और पत्थर उठाने के लिए नीचे झुकी। राहुल ने पीछे से उसकी नंगी चूत देखी,उसने देखा कि वहाँ थोड़े बाल थे। वह और करीब गया और अपना लिंग उसकी योनि में डालने की कोशिश करने लगा। लड़की मुस्कुरा कर मुड़ी, “मैं लिली हूँ।” तभी सूरज उसकी आँखों पर पड़ा, वह जाग गया l
उसने अपनी आँखें खोलीं, लिली के हिलते हुए नितंब अभी भी उसके दिमाग में घूम रहे थे। लिंग पूरी तरह से खड़ा था। धीरे-धीरे उसने उस पर अपना हाथ चलाना शुरू कर दिया। लिली के बारे में सोचते हुए वह अपने शुक्राणुओं को लंबे समय तक नहीं रोक सका।
उस रात के सपने ने उसे पूरे दिन मुस्कुराहट दी। पूरे दिन उसने महसूस किया कि लिली उसके चारों ओर घूम रही थी। वह सोचने लगा कि कैसे एक सपना उसके दिन को दिलचस्प बना सकता है। वह जानता था कि सपने उसकी इच्छा के अनुसार नहीं आएंगे l क्यों न वह अपने एकाकी जीवन को पूर्ण करने के लिए स्वयं ही सपने बुनने का प्रयास करें।
भाग 2
राहुल ने ऑफिस की बिल्डिंग में प्रवेश करते समय अपनी घड़ी देखी। वह तेजी से चल रहा था, वह जानता था कि उसे फिर से देर हो गई है, उसने आशा की कि उसका बॉस ऑफिस में ना हो l वह जल्दी से अपने केबिन में गया, कंप्यूटर खोला और लिखना शुरू कर दिया। कुछ मिनटों के बाद उसे एक कॉल आया जो वह नहीं चाहता था। उसका बॉस उसे अपने कार्यालय में बुला रहा था। वह एक मध्यम आयु वर्ग की महिला थी। राहुल कांपते हुए उसके कमरे में जा रहा था। वह जानता था कि वह बहुत गुस्सैल महिला है। जब वह चिल्लाना शुरू करती है तो वह सारी सीमाएं पार कर जाती है।
जैसे ही वह उसके कमरे में दाखिल हुआ, उसका चेहरा पहले से ही लाल था और वह उस पर चिल्लाने लगी। राहुल उसकी हर बात सुन रहा था और बार-बार सॉरी कह रहा था। उसने कुछ कागज उसकी ओर फेंकना शुरू कर दिया। यह किसी प्रकार की रिपोर्ट थी जिसे राहुल ने समय पर तैयार नहीं किया था। राहुल बहुत बुरा और परेशान महसूस कर रहा था लेकिन वह चिल्लाती रही। फिर अजीब बात हुई, जिसकी राहुल ने कभी उम्मीद नहीं की थी। जब वह कागज फेंक रही थी, तो उसकी साड़ी उसके ब्लाउज से नीचे गिर गई, उसके बड़े गले के ब्लाउज का ऊपरी बटन खुल गया। इससे उसके स्तनों का बड़ा हिस्सा दिखाई देने लगा।उसने ध्यान नहीं दिया क्योंकि वह गुस्से में पागल थी, वह चिल्लाती रही। राहुल के चेहरे पर एक अजीब सी चमक फैल गई जब उसने उसके ब्लाउज में उसके हिलते हुए स्तनों को देखा। अचानक राहुल को उसकी चिल्लाहट अच्छी लगने लगी, लेकिन यह ज्यादा देर तक नहीं रहा। गुस्से में बैठते हुए उसने कहा, “मेरे ऑफिस से बाहर निकल जाओ।”
राहुल गहरी मुस्कान के साथ अपनी मेज पर वापस आया। वह कुर्सी पर बैठ गया और अपनी आँखें बंद कर लीं। तुरंत ही बॉस के स्तन उसकी आँखों में घूमने लगे। क्या होगा, अगर बॉस उसके कमरे में आए और मेज से सब कुछ फेंक उसके सामने लेटे। धीरे-धीरे उसका लिंग खड़ा होने लगा, वह दिवा-स्वप्न में डूबने लगा।
उसकी बॉस उसकी मेज पर लेटी हुई हुआ है और वह उसके ब्लाउज के बटन खोल रहा है , जैसे ही उसने उसका आखिरी बटन खोला, उसने देखा कि उसके बड़े गोरे स्तन उसकी सफेद ब्रा में कसे हुए है।
“वे इतने बड़े दिखते हैं, मैंने पहले कभी ऐसे नहीं देखे” राहुल ने धीरे से फुसफुसाया।
“प्रिय यह तुम्हारे लिए है, बहुत समय से किसी ने इन्हें नहीं चाटा, इन्हें चाटो और पी जाओ।” बॉस ने मुस्कुराते हुए कहा।
जैसे ही राहुल ने निप्पल के ऊपर से ब्रा हटाई, भूरे रंग के तीखे निप्पल उसे देखने लगे, वे उसके मुंह में जाने के लिए उत्सुक लग रहे थे। राहुल ने धीरे से उन पर अपना हाथ फेरा। “ त्वचा कितनी मुलायम हैl” राहुल ने अपने होंठ उनकी ओर बढ़ाते हुए कहा।
“इन्हें पी लो, मैं जानती हूँ कि तुम कब से चाटना चाहते थे , अब ये तुम्हारे हैं, आनंद लो मेरे प्यारे।” बॉस ने राहुल के लिए उन्हें और अधिक आरामदायक बनाते हुए कहा।
राहुल ने धीरे-धीरे उन्हें चाटना शुरू कर दिया। उसका लिंग पूरी तरह से तैयार हो गया, उसने अपना हाथ उसके अंडरवियर की ओर बढ़ाया। “आप कार्यालय में मेज पर सब कुछ करना चाहते हैं, प्रिय।”
राहुल ने बिना कुछ कहे उसकी चूत पकड़ ली, वह अभी भी उसके निप्पल चाट रहा था।
“आह, तुम बहुत आक्रामक हो प्रिय, बॉस चिल्लाई।
जैसे ही राहुल ने उसके पैरों से उसका अंडरवियर निकाला, फोन बज उठा। उसने तुरंत अपनी आँखें खोलीं, उसने चारों ओर देखा। मेज पर केवल कुछ कागज़ और कंप्यूटर थे। वह मुस्कुराया, उसने अपनी पैंट की ओर देखा, यह टावर की तरह फूला हुआ था। उसका लिंग पूरी तरह से तैयार था। कमरा खाली था, दरवाज़ा बंद था, उसने अपना लिंग बाहर निकाला, कुछ बार मालिश की, फिर उसे अंदर डाल दिया। इससे उसे बहुत आराम मिला। इस दिवास्वप्न के साथ वह अपने बॉस के सारे गुस्से को भूल गया। वह अपने बॉस और उसके बड़े स्तनों के लिए मुस्कुराया। इस चालीस मिनट के सपने ने उसके पूरे दिन को मुस्कुराहट से भर दिया। दोपहर को जब उसने कैंटीन में अपने बॉस को देखा, तो उसने खुशी-खुशी उससे बात की, जैसे कुछ हुआ ही न हो।
बाद में उसका फोन फिर से बजा, उसकी माँ उससे बात करना चाहती थी। वह चाहती थी कि वह सप्ताहांत में उससे मिलने आए। राहुल ने उससे मिलने का वादा किया।
भाग 3
शुक्रवार की शाम थी। राहुल बस में बैठा था और अपनी माँ से मिलने जा रहा था। वह गाँव में रहती थी। राहुल काम से थोड़ा जल्दी आ गया था। बस अभी भी अपने स्टॉप पर थी और राहुल उसके चलने का इंतज़ार कर रहा था।
राहुल खिड़की के पास बैठा था, बस पूरी तरह भरी नहीं थी। कई सीटें खाली थीं। राहुल ने देखा कि एक कार बस के पास रुकी और एक जवान लड़की बाहर आई। उसने कार की डिक्की खोली और कुछ सामान उठाने लगी। उसकी गुलाबी छोटी स्कर्ट उड़ने लगी। राहुल ने उसकी छोटी सफेद अंडरवियर देखी। यह पूरी तरह से उसके गोरे नितंबों से चिपकी हुई थी। हवा से उसकी स्कर्ट को कई बार उड़ी जभ वह सामान उठाने के लिए झुक रही थी। राहुल ने नोटिस किया कि यह पीछे से सेक्स के लिए एकदम सही स्थिति थी। उसके गोल बड़े नितंब राहुल को बहुत उत्तेजित कर रहे थे। मन ही मन वह उसके साथ सेक्स करने के बारे में सोचने लगा।
क्या होगा अगर वह बस में आए और उसके सामने झुक जाए और कहे,”मुझे पता है प्रिय तुम मुझे खिड़की से देख रहे थे। मेरी स्कर्ट उठाओ और मेरे नितंबों के साथ आनंद लो।”
“नहीं नहीं, आप क्या कर रही हैं। मैं बस में आपके नितंबों को कैसे छू सकता हूं।”
“ ठीक है, मेरी कार में आइए, वहां मेरे साथ आनंद ले । चलो पास के जंगल में किसी शांत जगह पर चलते हैं।”
“यह अच्छा है, हम जा सकते हैं। लेकिन मैंने अपनी मां से आने का वादा किया है, वह इंतजार कर रही होगी।”
“प्रिय पहले इसके बारे में सोचो। देखो यह तुम्हारी पैंट में संघर्ष कर रहा है। इसे मेरे नितंबों और योनि की जरूरत है।” लड़की ने उसके लिंग को पैंट से बाहर निकालते हुए कहा, “वाह यह कितना बड़ा और कठोर है, मैं इस तरह की चीज की तलाश में थी। आह!! – आह!!!, मैं इंतजार नहीं कर सकती, कृपया इसे मेरी चूत में डाल दो , आह!! – आह!!!! यह बहुत कठोर है, मेरे ऊपर आ जाओ प्रिय। अभी!!”
“नहीं नहीं मैडम, यहाँ नहीं,”
“ ठीक है तो चलो मेरी कार में आओ, हम कहीं चलेंगे, जहाँ तुम मुझमें प्रवेश कर सको। चिंता मत करो प्रिय, मैं तुम्हें तुम्हारी माँ के घर तक छोड़ दूंगी, कृपया मेरी चूत में जोर से धक्का दो, मैं तुम्हारे शुक्राणुओं को अपनी चूत में गहराई तक चाहती हूँ।”
“ओह, आपकी कार बहुत बड़ी है। सीटें बहुत अच्छी हैं, बहुत मुलायम लगती हैं।”
“ प्रिय, आज मैं सख्त सीट चाहती हूं ताकि आप मेरे नितंबों को अच्छी तरह दबा सकें।चलो जंगल में चलते हैं और कोई सख्त जगह या पत्थर ढूंढते हैं। मुझे वह पसंद है।”
“ लेकिन इससे आपकी त्वचा जख्मी हो जाएगी, पत्थर बहुत सख्त होते हैं, आप जानते हैं, चलो सीट पर आ जाओ, यह आरामदायक है।”
“ नहीं नहीं, मैं चाहती हूं कि आप मेरी चूत और त्वचा को जख्मी करें। मैं यही चाहती हूं। मेरे नितंबों को जोर से चोदो।आज मैं तुम्हारे कठोर लण्ड का पूरा आनन्द लेना चाहती हूँ। मेरी चूत बहुत प्यासी है, मेरी चूत को देखो, यह बहुत प्यासी है।”
राहुल जंगल में पत्थरों पर अपने सपने में उसके साथ उसे चोदता रहा। उसकी आंखें तब खुलीं जब गांव के स्टेशन पर बस रुकी। वह सोच रहा था कि वह लंबी यात्रा में अपना समय कैसे व्यतीत करेगा। लेकिन अपनी कल्पना के साथ वह यात्रा के अपने सभी तनाव को भूल गया। अपने पूर्णतः कठोर लिंग के साथ बह बस से बाहर आया। अंधेरा हो चुका था। वह धीरे-धीरे अपनी मां के घर की ओर चलने लगा।
भाग 4
राहुल देर रात तक अपनी मां से बातें करता रहा। सुबह दरवाजे पर दस्तक से उसकी नींद खुल गई। वह बिस्तर पर बैठ गया और बोला, “मां अंदर आ जाइए।” एक महिला चाय लेकर अंदर आई। राहुल आश्चर्यचकित हुआ और बोला, “मैंने सोचा कि मेरी मां वहां है।”
“मैं साधना हूँ। कभी-कभी मैं तुम्हारी माँ की मदद करने आती हूँ। उन्होंने मुझे तुम्हारे बारे में बताया था। तुम उनके बेटे हो जो शहर में काम करते हो।” उसने चाय टेबल पर रखते हुए कहा। फिर वह बाहर चली गई l
राहुल ने चाय पीना शुरू कर दिया और लिली के बारे में सोचने लगा। “काश लिली तुम चाय लेकर आती, हम चाय पीते और बिस्तर पर आनंद लेते।” लिली के बारे में सोचते हुए उसका लिंग फिर से उठने लगा। आँखें फिर से बंद होने लगीं। अब उसे ऐसा लगने लगा था जैसे लिली उसकी प्रेमिका है जो उसके साथ नहीं है। वह अक्सर उसके बारे में सोचने लगा था, अब वह वो लड़की नहीं रही थी जिसे उसने कभी सपने में देखा था। कुछ देर बाद साधना फिर वहाँ आई और उसके सपनों में खलल डाला। “साहब अगर आप नहाना चाहते हैं तो मैं पानी गर्म कर सकती हूँ।” उसने राहुल के पायजामे की तरफ देखा, वह टावर जैसा लग रहा था, वह शरमा गई और मुस्कुराई। राहुल समझ गया कि उसने क्या देखा। वह भी मुस्कुराया और कहा कि मैं ठंडे पानी से नहाता हूँ। वह चली गई। साधना की उम्र लगभग तीस साल थी। वह छोटी और दुबली-पतली शरीर वाली लड़की थी।
राहुल ने चाय पी और अपनी मां के साथ खेतों में चला गया। उसके पिता की कुछ साल पहले मृत्यु हो गई थी, उसके चाचा खेतों की देखभाल करते थे और उस की मां की मदद करते थे। राहुल को खेतों में काम करना पसंद नहीं था। उसकी मां चाहती थी कि वह शहर में काम करना बंद कर दे और उसके साथ रहे।
लेकिन राहुल चाहता था कि उसकी माँ शहर आकर उसके साथ रहे। दिन ऐसे ही बीत गया। शाम को राहुल अपने कमरे में आराम कर रहा था, साधना चाय लेकर आई।
“साहब, आपको गांव का जीवन अधिक पसंद है या शहर का।” उसने चाय बनाते हुए पूछा। राहुल ने देखा कि वह सुबह से अधिक सुंदर लग रही थी, उसने अच्छे कपड़े पहने थे और अपने बाल, चेहरा अच्छी तरह से बनाए थे। यहां तक कि उसने अपने स्तनों को पारंपरिक चुन्नी से भी नहीं ढका था, जैसा कि उसने सुबह किया था।
राहुल ने उसकी बात पर ज्यादा ध्यान दिए बिना कहा,” गांव का जीवन अच्छा है लेकिन मुझे खेतों में काम करना पसंद नहीं है। मुझे कार्यालय में काम करना पसंद है।”
“हाँ साहब, यहाँ ज्यादातर लोग खेतों में काम करते हैं, यहाँ एक स्कूल है, शायद वहाँ आपको नौकरी मिल जाए। अगर आप यहाँ नौकरी करना चाहते हैं।” साधना ने चाय दी और बाहर जाने लगी। जब वह जा रही थी तो राहुल ने उसके नितंबों को देखा। वह उनकी हरकत देखकर दंग रह गया। उसके नितंब बिल्कुल लिली के नितंबों की तरह हिल रहे थे। हर हरकत एक जैसी थी। राहुल खड़ा हुआ और वह चिल्लाने के बहुत करीब था लेकिन वह आखिरी समय रुक गया। “वह लिली नहीं हो सकती या वह हो सकती है, हे भगवान” उसने फुसफुसाया। साधना कमरे से बाहर चली गई। राहुल बेचैन होने लगा। वह साधना को और देखना चाहता था। वह रोज कई लड़कियों को देखता था, लेकिन उसे ऐसा कभी महसूस नहीं हुआ था। साधना में कुछ तो बात है। वह उसके बारे में कुछ नहीं जानता था। वह उसके घर में केवल एक नौकरानी थी। अपनी माँ से उसके बारे में ज्यादा कुछ नहीं पूछ सकता था। साधना के हिलते हुए नितंब बार-बार उसकी आँखों के सामने आ रहे थे।
चाय पीने के बाद वह कमरे से बाहर आया। उसे साधना कहीं नहीं दिखी। वह अपनी माँ के कमरे में गया। “माँ, वह लड़की कौन है जो आपकी मदद कर रही है?”
“ बेटा, वह अपने माता-पिता के साथ अगली गली में रहती है। कभी-कभी वह मेरी मदद करने आ जाती है। उसके माता-पिता हमारे खेतों में काम करते हैं। वह बहुत अच्छी लड़की है। हमेशा मुझे माँ कहती है। उसने कहा था वह रात को खाना बनाने के लिए फिर से आ सकती है, लेकिन मैंने कहा कि मैं खुद खाना बना लूंगी , वह अपने माता-पिता की देखभाल करे । वे भी बूढ़े हैं।”
“इसका मतलब है कि वह शादीशुदा नहीं है,” राहुल फुसफुसाया । लेकिन वह जानता था कि उससे मिलने के लिए उसे सुबह तक इंतजार करना होगा।
भाग 5
राहुल रात में बहुत बेचैन रहा । वह बार-बार साधना के नितम्बों के बारे में सोच रहा था कि वे लिली के नितम्बों से कितने मिलते-जुलते हैं। शायद उसकी चूत भी लिली की चूत की तरह होगी, बालों से भरी हुई। सुबहा राहुल जल्दी उठ गया और साधना का इंतज़ार करने लगा, आज सुबह उसका लिंग फिर से खड़ा था लेकिन यह लिली की वजह से नहीं था। लिली एक सपनों की लड़की एक असली लड़की बन गई थी l
उसने बहुत देर तक इंतज़ार किया लेकिन वह नहीं आई। वह बिस्तर से नीचे उतरा और रसोई में गया। उसने देखा कि माँ नाश्ता बना रही थी। “माँ, आप नाश्ता क्यों बना रही हैं, साधना कहाँ है?”
“बेटा उसे घर पर कुछ काम था, वह दोपहर को आएगी।”
राहुल चाय लेकर माँ के पास बैठ गया।
“बेटा, तुम आज शाम को जा रहे हो या कल, तुम्हारी छुट्टियाँ कब तक हैं?” राहुल आज शाम को वापस जाना चाहता था, लेकिन वह साधना के बारे में और जानना चाहता था।
“माँ, मैं अगले रविवार तक रुकूँगा, मेरी एक हफ़्ते की छुट्टी है।”
“यह अच्छा है, तुम खेतों में जाओ और अपने चाचा की मदद करो, उन्हें यह अच्छा लगेगा।”
“ठीक है माँ” राहुल ने नाश्ता किया और अपने खेतों की ओर चल दिया। जब वह गन्ने के खेतों के पास चल रहा था, उसने देखा कि साधना दूसरे खेतों में अपने माता-पिता के साथ बात कर रही थी। उसकी आँखें चमक उठीं। वह खेत के पास उसका इंतज़ार करने लगा । उसने कुछ टाइट पजामा और टॉप पहना हुआ था। राहल लगातार उसके नितंबों की हरकत को देख रहा था। वही दो गोल टुकड़े, मध्य रेखा, वही हरकत, उसका लिंग फिर से उसके पजामा में संघर्ष करने लगा। राहुल अच्छी तरह से जानता था, उसके नितंबों को चोदना आसान नहीं होगा।यह कोई दिवास्वप्न नहीं था।
कुछ देर बाद साधना अपने घर की ओर चल पड़ी। जब वह गन्ने के खेतों के पास पहुंची तो राहुल बाहर आया और खेतों को देखने लगा। “साहब, क्या आपने खेतों में काम करने का फैसला किया है?” साधना ने मुस्कुराते हुए पूछा।
“नहीं नहीं मैं तो बस यहाँ घूमने आया था, मैं घर जा रहा हूँ। साधना तुम यहाँ क्या कर रही हो,”
“ मैं अपनी माँ से बात करने आई थी।” जब वह राहुल के साथ चल रही थी तो वह बार बार उसके नितंबों को देखने की कोशिश कर रहा था।
साधना समझ गई कि राहुल उसके पीछे चलने की कोशिश कर रहा था। वह अपने सेक्सी गोल नितंबों और उनकी हरकतों के बारे में जानती थी। राहुल पहला आदमी नहीं था जो उसके नितंबों की ओर आकर्षित हुआ था। लेकिन वह उनके घर पर नौकरानी थी। सीधे कुछ नहीं कह सकती थी। “साहब मैं बहुत तेज चलती हूँ, मेरी माँ हमेशा कहती है ।” उसने मुस्कुराते हुए कहा।
“कोई बात नहीं, मैं भी तेज चल सकता हूँ। साधना, क्या तुम शहर घूमी हो?”
“नहीं साहब। मुझे शहर में कुछ काम नहीं रहा । मेरा कोई वहाँ नहीं रहता। लेकिन मैं घूमना चाहती हूँ।”
“कभी माँ के साथ आना , वह भी मेरे घर आना चाहती थी लेकिन उसे अकेले सफ़र करने में डर लगता है।”
“हाँ, उसने मुझे कई बार बताया था पर मुझे आप के बारे में पता नहीं था, इसलिए मैंने हाँ नहीं कहा।अब मैं आ सकती हूं” साधना हँस पड़ी। साधना मन ही मन उसे पसंद करने लगी थी लेकिन उसे यकीन नहीं था कि राहुल उसे कभी स्वीकार करेगा। राहुल को केवल उसकी चूत चोदने और उसके नितंबों का आनंद लेने में रुचि थी। जैसा उसने सपने में लिली के साथ करने की कोशिश की थी।
जैसे ही वे घर पहुंचे, साधना उसकी मां की मदद करने चली गई, राहुल अपने कमरे में आया और चाय का इंतजार करने लगा, जो साधना उसके लिए लाने वाली थीl
भाग 6
वह साधना के बारे में उलझन में था। वह नहीं जानता था कि वह उसे कैसे छू सकता है। सोचते-सोचते उसकी आंखें बंद हो गईं और वह सपनों में खो गया।
उसने देखा कि साधना चुपचाप उसके कमरे में आई और उसके बिस्तर पर बैठ गई। वह कुछ मिनट तक चुपचाप बैठी रही। फिर उसने पूछा, “साहब क्या आप मुझे पसंद करते हैं?”
“ हाँ, लेकिन सच कहूँ तो मुझे आपके नितंब बहुत पसंद हैं। जब आप चलती हैं तो किसी भी पुरुष का लिंग खड़ा हो सकता है।”
“मैं तुम्हें अपना सब कुछ देना चाहती हूँ, मैं तुम्हारे साथ रह सकती हूँ, अगर तुम चाहो तो।” साधना ने शर्माते हुए कहा।
“तुम नीले पंजाबी सूट में बहुत खूबसूरत लग रही हो। लेकिन तुम्हारे नितंब टाइट पजामा में और भी अच्छे लग रहे थे।”
“मुझे पता था कि तुम सुबह मेरे नितंबों को देख रहे थे। मुझे पसंद था । कल मैंने भी पजामा में तुम्हारा खड़ा लिंग देखा था । मुझे यकीन नहीं मेरे लिए था लेकिन अच्छा लग रहा था। मैं पकड़ना चाहता थी l“ साधना हँसी।
“तुम चाहो तो अभी पकड़ सकते हो, ये खड़ा है। पर मैं भी कुछ पकड़ना चाहता हूँ।” राहुल ने मुस्कुराते हुए कहा। “क्या पकड़ना चाहते हो साहब।”
“ मेरे सामने आओ। मैं तुम्हें बताता हूँ।” साधना बिस्तर से उठी और शर्माते हुए राहुल के सामने खड़ी हो गई।
राहुल ने धीरे से उसकी कुर्ती ऊपर उठाई। नाभि के आसपास पेट की नरम त्वचा उजागर हुई। सलवार कूल्हे के चारों ओर कसी हुई थी । सफेद नाला उसकी सलवार में गिर रहा था। राहुल ने धीरे से उसकी सलवार बेल्ट को छुआ और सलवार से नाला बाहर निकाला।
“आह!! आह!! आप क्या करना चाहते हैं साहब।” साधना ने गंभीरता से कहा। उसका चेहरा लाल हो गया ।
राहुल ने उसका नाला खींच दिया। उसकी सलवार खुल गई ,सफेद अंडरवियर और ऊपर से चूत के कुछ बाल उजागर होने लगे। उसने उसकी सलवार को पैरों तक सरका दिया। साधना ने तुरंत अपना हाथ अंडरवियर पर रखा और घूम गई। राहुल के सपनों का नितंब उसके सामने थे। लेकिन वह अभी भी सफेद अंडरवियर से ढका हुआ था। उसने कुछ देर तक देखा और फिर अंडरवियर को नीचे धकेलने की कोशिश की। साधना ने उसे रोक दिया।
“आह!! आह!! क्या सब कुछ अभी करना चाहते हो ,साहब।”
“मुझे नहीं पता पर मैं अब तुम्हारे नंगे नितंबों को छूना चाहता हूँ,” राहुल ने ज़ोर से उसका अंडरवियर नीचे सरका दिया। साधना धीरे से चिल्लाई पर उसने उसे रोका नहीं। राहुल ने धीरे धीरे उसके नितम्बों को सहलाना शुरू कर दिया। साधना का शरीर कांपने लगा। राहुल ने कुछ वक्त अपनी उंगली नितम्बों की मध्य रेखा और गुदा के आस-पास घुमाई, फिर उसने पीछे से उसकी योनि को पकड़ा और दबाया। वह गीली थी और बालों से ढकी हुई थी। साधना धीरे से चिल्लाई, उसकी आवाज कामुकता से भरी थी। “आप क्या कर रहे हैं साहब। मैं झड़ रही हूँ।” राहुल ने उसकी चिल्लाहट को अनदेखा किया और उसकी चूत और नितंबों को छूने का आनंद लेना जारी रखा। उसका लिंग पूरी शक्ति में खड़ा था। तभी साधना बिस्तर पर गिर पड़ी, राहुल ने उसके पैरों से उसकी अंडरवियर और सलवार निकाल दी। साधना की आँखें बंद थीं। होंठ थोड़े खुले हुए थे, गीली चूत बालों के बीच चमक रही थी। टांगें और ज़्यादा खुल रही थीं। ऐसा लग रहा था कि वो लंबे और सख्त लिंग का बेसब्री से इंतज़ार कर रही है। राहुल ने अपना लिंग बाहर निकाला और साधना की टांगों में आ गया।
तभी किसी ने दरवाजा खटखटाया, राहुल ने अपनी आँखें खोली और चारों ओर देखा, कमरा खाली था। उसका खड़ा लिंग उसके पजामा से बाहर था, उसने तुरंत उसे अंदर छिपा लिया और कहा, “अंदर आओ माँ।”
साधना चाय लेकर अंदर आई। उसने राहुल की तरफ देखा। “क्या आप सो गए थे साहब?” राहुल ने आश्चर्य से उसकी तरफ देखा। उसने वैसा ही नीला सूट पहना हुआ था जैसा उसने सपने में देखा था। उसने कांपते होंठों से उससे पूछा, “तुमने कपड़े कब बदले?”
“साहब, आपकी माँ ने काम शुरू करने से पहले कपड़े बदलने के लिए कहा , टाइट पजामा उन्हे अच्छा नहीं लगता। इसीलिए मैं आपके लिए चाय जल्दी नहीं ला सकी ।”
“कोई बात नहीं,” राहुल उसके नीले सूट को देख और अधिक उलझन में था।
साधना ने जैसे ही चाय टेबल पर रखी और बाहर जाने लगी, राहुल बोला, “रुको साधना, ये चाय किसने बनाई,” वो रुकी और बोली, “मैंने बनाई है क्योंकि माँ आराम कर रही हैं।”
“आह ठीक है, आओ और मेरे साथ बैठो, मैं कुछ कहना चाहता हूँ,” साधना गंभीर चेहरे के साथ बैठ गई। राहुल ने उससे पहले कभी इस तरह बात नहीं की थी। राहुल ने कुछ देर तक उसके चेहरे को देखा, दोनों की नज़रें मिलीं। साधना ने अपनी नज़रें नीचे कर लीं। राहुल लगातार उसका चेहरा देख रहा था ,उसकी बेचैनी बढ़ने लगी. “क्या मैंने कुछ ग़लत किया साहब?” उसने कांपते होंठों से पूछा।
“आप चाय बहुत अच्छी बनाती हैं, माँ से भी अच्छी। धन्यवाद। एक और बात, आप नीले रंग की ड्रेस में बहुत सुंदर लग रही हो ।” साधना की आँखें खुशी से चमक उठीं। वह मुस्कुराई और शर्मा गई। यह कुछ ऐसा था जो वह राहुल से सुनना चाहती थी। वह कुछ भी जवाब नहीं दे सकी और मुस्कुराते हुए पूछा। “क्या मैं अब जा सकती हूँ।” राहुल ने उसके चेहरा देखा , वह उस पर प्यार से गिर रही थी। वह बस मुस्कुराया। साधना गहरी मुस्कान के साथ चली गई। राहुल खुश और सहज महसूस कर रहा था, उसने वह किया जो उसने पहले कभी किसी अन्य लड़की के साथ नहीं किया था।
भाग 7
रात का समय था, राहुल बिस्तर पर लेटा हुआ था। वह सोच रहा था कि उसकी माँ ने शाम को क्या कहा था। “बेटा मैं बूढ़ी होती जा रही हूँ। मैं चाहती थी कि तुम शादी कर लो और अपनी पत्नी के साथ मेरे साथ रहो।” उसने कभी शादी या किसी लड़की के साथ रहने के बारे में नहीं सोचा था। वह खुशी-खुशी अपने दिवास्वप्नों के साथ जी रहा था। बहुत समय पहले उसे एक लड़की मिली थी और उसने उसके साथ कुछ बार संभोग किया था।
लेकिन माँ की इच्छा ने उसके मन को विचलित कर दिया। वह माँ की इच्छा को अनदेखा करने में असहाय महसूस कर रहा था। धीरे-धीरे वह साधना के बारे में सोचने लगा। उसकी आँखें बंद होने लगीं और वह सपनों में खोने लगा।
वह कमरे में आया। साधना लाल सूट में बिस्तर पर बैठी उसका इंतजार कर रही थी। शादी के बाद यह उनकी पहली रात थी। जैसे ही वह उसके पास बिस्तर पर बैठा, उसने अपनी चुन्नी एक तरफ रख दी। फिर उसने लाल ब्लाउज में स्तनों को फुलाया और पूछा, “क्या खियाल हैं, साहिब ।”
राहुल का लिंग झटके से खड़ा हो गया जब उसने उसके फुले स्तनों को देखा। उसने अपने पैरों को ठीक करके इसे छिपाने की कोशिश की, लेकिन साधना ने देख लिया। “आज तुम अपना लिंग क्यों छुपा रहे हो, अपना पयजमा उतारो मैं इस की मालिश करना चाहती हूँ, इसने मुझे बहुत परेशान किया है ।” राहुल हँसा और उसके शरीर के पास चला गया। उसने उसके ब्लाउज के बटन खोलने शुरू कर दिए। “पहले मुझे थोड़ा दूध पीने दो। मुझे और ऊर्जा मिलेगी। जैसे ही उसने बटन और ब्रा खोली। स्तन तंग कपड़ों से उसकी ओर कूद गये । जैसे ही बह अपने होंठ निपल्स के पास लाया , उसने स्तनों के नीचे निशान देखा। “वह क्या है।” उसने स्तनों की कोमल त्वचा को दबाते हुए पूछा।
“आह!! यह मेरे जन्म से है, माँ ने मुझे बताया।” राहुल ने उसके स्तनों को चाटना शुरू कर दिया, वह बिस्तर पर गिरने लगी।
कुछ मिनट बाद साधना ने अपने स्तनों के निप्पलों पर हाथ रखा और कहा । “तुम्हें बहुत ऊर्जा मिल गई है, अब मुझे तुम्हारा लिंग चाहिए, मेरी चुत जल रही है।” राहुल धीरे से खड़ा हुआ और अपने कपड़े उतारने लगा , साधना उसके शरीर को ध्यान से देख रही थी, जैसे ही उसका लिंग उसके अंडरवियर से बाहर आया, उसने उसे पकड़ लिया। “वाह!!, मुझे यही चाहिए। इतना मजबूत, मोटा। मेरी चूत यही चाहती है।” वह धीरे धीरे मालिश करने लगी ।
राहुल उसकी पीठ पर हाथ फिरा रहा था। धीरे-धीरे वह अपना हाथ उसके नितंबों की मध्य रेखा तक ले गया।
“तुमारी त्वचा कितनी मुलायम है।”
“मेरे ऊपर आ जाओ और मेरी सलवार उतार दो, साहब।” साधना फिर से बिस्तर पर लेट गई, राहुल ने धीरे से नाला खोला। फिर उसने उसकी सलवार और अंडरवियर दोनों नीचे सरका दिए। उसकी चूत पूरी तरह से शवड थी, त्वचा चमक रही थी। राहुल ने चूत के होंठ छुए, वह पूरी तरह गीली थी। “वाह, यह पूरी तरह से तैयार है, मेरा लिंग इसे पसंद करेगा।”
“यह तो शाम से तैयार है और कठोर लिंग का इंतजार कर रही है ,अब पूरी ताकत से चोदो, साहब।” राहुल ने अपना लिंग उसकी योनि के पास ले जाकर उसके गीले होंठों को छूने लगा ।
“वाह !! यह बहुत सख्त लग रहा है , फुद्दी में डालो, अब इसे अंदर धकेलो” उसके शब्दों ने राहुल को चूत में जोर से धक्का देने के लिए उत्तेजित कर दिया। उसने पूरी ताकत से अंदर धक्केल दिया, साधना जोर से चिल्लाई, कमरा उसकी मीठी आवाज से भर गया। कुछ जोरदार धक्कों के बाद राहुल ने अपना वीर्य गिराना शुरू कर दिया। तभी बाहर से तेज़ आवाज़ आई। शायद यह आसमानी बिजली थी। तेज़ बारिश शुरू हो गई। तेज़ आवाज़ की वजह से राहुल जाग गया। लेकिन बहुत देर हो चुकी थी, उसका अंडरवियर पहले से ही वीर्य से गीला हो गया था।
भाग 8
अगले दिन जब वह अपनी मां से बात कर रहा था, तो उसने उसे अपने चाचा के घर जाने के लिए कहा। राहुल पहले ही खेतों में अपने चाचा से मिल चुका था, लेकिन वह अपनी चाची से नहीं मिला था। दरअसल राहुल को अपनी आंटी कुछ खास पसंद नहीं थी। वह लगभग चालीस साल की सेक्सी महिला थी। पिछले साल जब वह उसके घर गया तो वह घर पर अकेली थी। जब राहुल लिविंग रूम में बैठा था तो वह बार-बार उसके सामने झुक रही थी। उसे यकीन था कि चाची अपने सेक्सी स्तनों से उसे उत्तेजित करने की कोशिश कर रही थीं। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह उसके साथ सेक्स क्यों चाहती थी।
राहुल को उसका चाचा पसंद था। वह उसके लिए कुछ भी बुरा नहीं करना चाहता था। उसने अपनी मां से कहा कि वह उनके घर आएगा लेकिन उसे नहीं पता था कि अगर चाची सेक्स के लिए कोशिश करेगी तो वह क्या करेगा।
वह जानता था कि चाचा दोपहर को घर आएंगे। चाची अकेली नहीं होंगी। जब वह उनके घर पहुंचा तो चाची ने उसका गर्मजोशी से स्वागत किया। चाचा भी उसे अपने घर पर देखकर बहुत खुश हुए।
“राहुल मुझे खेतों पर जाना है, तुम अपनी आंटी से बात करो। हम बाद में मिलेंगे।” अंकल बाहर चले गए हैं, “राहुल लिविंग रूम में बैठो,मैं तो आपका इंतज़ार कर रही थी , मैं चाय बनाती हूँ।” आंटी ने कहा। राहुल बैठ गया और सोचने लगा कि आंटी अब क्या करेंगी। कुछ देर बाद आंटी चाय लेकर वापस आईं, “राहुल तुम कब तक रुकोगे।“
“आंटी अगले हफ्ते रविवार को मैं वापस जाऊंगा।” उसने चाय पीते हुए कहा l
“तुम शादी कभ कर रहे हो, क्या तुम्हें कोई लड़की मिली, राहुल।”
“नहीं आंटी, अभी अकेला ही रहता हूँ।”
“तुम हर रात अकेले कैसे सोते हो, तुम्हें कभी लड़की की ज़रूरत महसूस नहीं हुई।” आंटी ने अपने स्तनों को हिलाते हुए कहा।
राहुल हंसा और बोला, “हां मुझे कभी-कभी ऐसा लगता है लेकिन मैं क्या कर सकता हूं।”
“तुम बहुत शर्मीले लड़के हो, मेरी तरफ देख कर बात करो।”आंटी ने झुकते हुए कहा। उसने पहले ही अपने ब्लाउज के ऊपरी बटन खोल दिए थे। वह चाहती थी वह उसके स्तनों को अधिकतम देख सके। राहुल का अपने आप पर पूरा नियंत्रण था। वह कभी भी आंटी को चोदना नहीं चाहता था, भले ही वह उसके सामने नंगी हो गई हो।
“आंटी अब आप पतली हो गई हैं। क्या आप व्यायाम कर रही हैं?”
“मुझे नहीं लगता, मेरे शरीर में क्या पतलापन आ गया ।”
“मेरा मतलब है कि आप पहले से ज़्यादा सुंदर लग रही हैं।” राहुल हँसा।
“तुम बहुत शर्मीले हो,तुमने अभी मेरा पूरा सुंदर शरीर नहीं देखा,क्या तुम देखना चाहते हो?”
“मैं जानता हूँ कि तुम सुंदर हो। इसीलिए अंकल तुमसे प्यार करते हैं।”
“ मैं चाहती हूँ कि तुम भी मुझसे प्यार करो। अपने अंकल की तरह।” आंटी ने राहुल का हाथ उठाया और उसे अपने आधे नग्न स्तनों पर रख दिया। इससे राहुल को कोई आश्चर्य नहीं हुआ। वह जानता था कि आंटी कुछ भी कर सकती हैं। उसने धीरे से कहा। “आंटी आज नहीं, किसी और दिन।”
“ राहुल अभी , केवल एक बार, मुझे तुम्हारा स्पर्श चाहिए।”
“ आज नहीं, मैं तुमसे फिर मिलने आऊँगा आंटी “
“ ठीक है मैं उस दिन इंतज़ार करूँगी।” आंटी ने मुस्कुराते हुए कहा।
भाग 9
सुबह का समय था, राहुल अभी भी बिस्तर पर था। साधना चाय लेकर आई, उसने दरवाजा नहीं खटखटाया। राहुल अंडरवियर में लेटा हुआ था। उसका लिंग हमेशा की तरह खड़ा था। अंडरवियर फुला हुआ और भरा हुआ था। कोई भी लिंग के आकार की कल्पना कर सकता था।उसकी आँखें बंद थीं और जब वह आई तो उसने सुना ही नहीं, वह बहुत चुपचाप आई।
“चाय साहब।” साधना ने धीरे से कहा। राहुल ने तुरंत आँखें खोलीं और अपना अंडरवियर ढक लिया।
“माफ़करना , मैं दरवाज़ा खटखटाना भूल गई ।” राहुल मुस्कुराया और बोला, इधर आओ और मेरे साथ बैठो। साधना बिस्तर पर बैठ गई, राहुल चाय पीने लगा, उसने उसकी तरफ देखा और कहा, “क्या हुआ कुछ कहो।” उसने मुस्कुराते हुए कहा,
“मुझे नहीं पता कि क्या कहना है, आप जो कहना चाहते हैं कहें।” तुमको दरवाजा खटखटाने की कोई जरूरत नहीं है। अगर तुमने मुझे अंडरवियर में या नग्न देखा तो कोई बात नहीं। मैं चाहतl हूँ कि हम एक दूसरे को देखे । साधना ने शर्म से अपना चेहरा छिपा लिया। “मुझे माँ की मदद करनी है, उसने कहा और बाहर चली गई।” राहुल खुश था कि उसने उसे बता दिया वह क्या चाहता था। उसने उसकी गांड मारने का फैसला कर लिया था । वह वो लड़की थी जिसने लंबे समय के बाद उसे आकर्षित किया था । शायद उसके विशेष नितंबों के आकार और चाल के कारण। लेकिन उसे यकीन नहीं था कि वह उससे प्यार करती है या नहीं। उसने चाय पी और इंतज़ार करने लगा, वह जानता था कि वह सामान लेने के लिए वापस आएगी। लेकिन वह नहीं आई।
राहुल बाहर आया और माँ से साधना के बारे में पूछा, उसने बताया कि वह अपने घर चली गई है। शाम को वापस आएगी। शायद उसके माता-पिता को घर पर उसकी ज़रूरत थी। उसे अभी भी यकीन था कि वह उसकी चूत और गांड ले लेगा। उसने माँ को कुछ भी बुरा नहीं कहा था । फिर राहुल ने अपने चाचा से मिलने के लिए खेतों में जाने का फैसला किया।
****
राहुल अपने खेतों की ओर जा रहा था। उसने देखा कि साधना दूसरी ओर से आ रही थी। उसका दिल धड़कने लगा। साधना के नितम्बों का आकर्षण अभी भी उसके मन में था। वह गन्ने के खेतों के पास गया और कुछ करने लगा। साधना करीब आई। उसने राहुल को खेतों में कुछ करते हुए देखा । वह बिना कुछ कहे बहा से चली गई। राहुल को इसकी उम्मीद नहीं थी। उसने उसे चलते हुए देखा। उसके नितंब पजामा में हमेशा की तरह हिल रहे थे। वह मुस्कुराया और अपने चाचा की ओर चलना जारी रखा। “शायद वह नितंब मेरे लिए नहीं है,” उसने फुसफुसाया।
चाचा ने उसे बताया कि वह सप्ताहांत में किसी काम से दूसरे शहर जा रहे हैं, इसलिए वह उससे नहीं मिलेंगे। वह जानता था कि राहुल रविवार को अपने घर वापस जा रहा है। चाचा ने उससे यह भी वादा किया कि वह किसी दिन शहर में उसके घर आएंगे।
“हाँ राहुल, जाने से पहले अपनी आंटी से मिल लेना । वह तुमसे बात करना चाहती थीं।” राहुल मुस्कुराया, वह जानता था कि आंटी क्या बात करना चाहती हैं । उसने अंकल से वादा किया कि वह जाने से पहले उन्के घर जाएगा।
****
शाम का समय था। राहुल अपना बैग पैक कर रहा था। तभी साधना उसके कमरे में आई।
“साहब आप कब वापस जा रहे हैं?” उसकी आवाज़ में चिंता थी।
“साधना, मैं अपनी माँ से मिलने आया था । मुझे खुशी है कि तुम और अंकल उनकी मदद कर रहे हैं। मुझे शहर में अपनी नौकरी जारी रखनी है। मेरे पास अब यहाँ और रुकने का कोई कारण नहीं है।”
“हाँ साहब, आपको शहर में बहुत से काम करने पड़ते हैं।”
“ साधना,तुमारे माता-पिता कैसे हैं? मैंने उन्हें खेतों में नहीं देखा।
“आपके चाचा ने उन्हें सुबह ही बाजार भेज दिया था, वे वहाँ सब्ज़ियाँ बेच रहे हैं। कल सुबह वे फिर जाएँगे।”
“कल आप उनके साथ नहीं जाएंगे,”
“ नहीं साहब, मुझे घर पर कुछ काम है। अगर आप मुझसे बात करना चाहते हैं तो आप मेरे घर आ सकते हैं, हम सबको यह अच्छा लगेगा।”
“राहुल मुस्कुराया और बोला, “आप अच्छी और सुंदर हैं, मैं आपके घर आना पसंद करूंगा। देखते हैं समय मिला तो मैं आऊंगा।”
तभी माँ ने साधना को बुलाया, वह कमरे से बाहर चली गई। राहुल ने पैकिंग जारी रखी।
भाग 10
रात का समय था। राहुल को यकीन नहीं था कि साधना के घर जाना ठीक है या नहीं। उसे अभ यकीन था कि वह उसे दोनों तरफ से चोद सकता है ।क्योंकि उसने पहले ही बता दिया था कि वह घर पर अकेली रहेगी। यह लगभग स्पष्ट संकेत था कि वह चुदाई के लिए तैयार थी । लेकिन चुदाई के बाद क्या होगा? उसे वापस शहर जाना था । साधना उसके साथ नहीं जाएगी। वह थोड़ा उलझन में था। सोचते हुए उसने दीवार पर लगी एफ़ाल टावर की तस्वीर देखी। एक बार वह अपने पिता के साथ वहाँ गया था। सोचते सोचते राहुल सो गया और सपनों में खो गया।
उसने देखा कि वह एफ़ाल टॉवर के पास लाइन में खड़ा है, टिकटों के लिए बड़ी लाइन है। वह टॉवर के शीर्ष की ओर देख रहा था। फिर उसने अचानक एक जवान लड़की को अपने सामने खड़ा देखा। उसने उसके नितंबों को देखा जैसा वह हमेशा करता था । उसने सफेद तंग पायजामा पहना हुआ था। “वाह !! यह लिली के नितंबों की तरह है।” उसने फुसफुसाया।
लड़की ने पीछे मुड़कर कहा “मैं लिली ही हूं। आपकी ड्रीम गर्ल।”
“ वाह, आप भी यहां हैं।”
“ हां मैं आज मुक्त थी, मैंने सोचा कि आज टॉवर क्यों न जाएं।”
“मैं तुम्हें देखकर बहुत खुश हूँ। आज हम साथ में समय बिता सकते हैं।”
“ राहुल, मुझे पता है कि तुम्हें मेरे नितंब पसंद हैं। देखो और उन्हें छुओ।” यह कहने के बाद, लिली ने अपना पजामा नीचे सरका दिया। लाल डोरी में कसे उसके गोल सेक्सी नितंब उसके सामने थे।
“तुम क्या कर रही हो लिली ? लोग तुम्हें देख रहे हैं”
“लोग कौन से लोग राहुल,” राहुल ने चारों ओर देखा,वहां कोई नहीं था, वह अकेला लिली के साथ टावर के नीचे खड़ा था,”लिली मैं तुम्हारी गांड मारना चाहता हूं ,मैं इसके लिए पागल हूँ, मुझे एक मौका दो। देखो मेरा लिंग तुम्हारी गुदा में घुसने के लिए कैसे संघर्ष कर रहा है।”
“मैं जानती हूं, इसीलिए मैंने तुम्हें दिखाया।”
“इस खूबसूरत घास को देखो। अगर हम इस पर चुदाई करें तो कैसा रहेगा।”
“ हाँ, यह बहुत खूबसूरत है। लेकिन मुझे कुछ कहना है। मेरे और साधना के नितंब एक जैसे हैं, उसे चोदो, वह भी चाहती है कि तुम उसे चोदो। पहले तुम उसे चोदो फिर चाहो तो मुझे चोद सकते हो।”
“लिली तुम चाहती हो कि मैं उसे चोदूं,क्या यह सही है”
“हां यह सही है,उसे चोदो” यह कहने के बाद लिली गायब हो गई। राहुल उठा गया । उसने समय देखा, 2 बजे थे। उसे बहुत हल्का महसूस हुआ, “अगर लिली ने कहा कि साधना को चोदो तो मैं चोदूंगा।” वह फुसफुसाया l कुछ मिनटों के बाद उसे फिर से नींद आ गयी l
सुबह जब वह उठा तो उसे बहुत अच्छा महसूस हुआ। कमरा अजीब सुगंध से भरा हुआ था। लिली ने उसमें नया जोश भर दिया।
उसने अपने लिंग को देखा, यह पहले से कहीं अधिक आक्रामक था। उसने लिंग अपने हाथ में लिया। “आज हम साधना को चोदने के लिए कुछ भी करेंगे।”वह फुसफुसाया।
भाग 11
धीरे-धीरे सूरज उग रहा था। राहुल अभी भी बिस्तर पर अपने लिंग की मालिश कर रहा था। तभी साधना चाय लेकर उसके कमरे में आई। राहुल की आँखें चमक उठीं। उसने अपना अंडरवियर ढक लिया। साधना हँसी और बोली।
“तुम अपना अंडरवियर क्यों ढक रहे हो? तुम भूल गए कि तुमने कल क्या कहा था।”
राहुल ने जानबूझकर कहा कि उसे याद नहीं है। साधना उसके पास बिस्तर पर बैठ गई और बोली, “चाय पी लो, मैंने तुम्हारे लिए बनाई है।”
राहुल को याद था उसने साधना से कल क्या कहा था। उसने कहा था कि अगर हम एक दूसरे को नग्न देखें तो कोई बात नहीं । अब साधना ने वही बात दोहराई जब उसने अपने अंडरवियर को ढकने की कोशिश की। राहुल समझ गया कि वह उसके सामने नग्न होने के लिए तैयार थी।
राहुल ने उसका हाथ पकड़ा और उसे अपनी ओर खींच लिया। “आज मैं चाय नहीं दूध पीना चाहता हूँ,”
साधना हँसी और उसके साथ बिस्तर पर गिर पड़ी। “नहीं मेरे पास दूध नहीं है,”
“ मैं कोशिश करना चाहता हूँ,” राहुल ने उसके स्तनों को पकड़ते हुए कहा।
“मुझे छोड़ दो, माँ कभी भी आ सकती है।”
“ ठीक है ठीक है। मुझे बस स्वाद लेना है, जल्दी से।”
“ठीक है”, साधना घूम गई, वह चाहती थी कि राहुल उसके टॉप की ज़िप पीछे से खोले। राहुल ने न केवल टॉप की ज़िप खोली, उसने उसकी ब्रा का हुक भी खोल दिया। उसने उसे घुमाया, साधना का टॉप और ब्रा उसके स्तनों से गिरने लगे । उसका चेहरा लाल और गंभीर हो गया। उसने अपनी आँखें बंद कर लीं और अपना शरीर राहुल को सौंप दिया। उसने धीरे से उसके कपड़े नीचे सरका दिए। उसके छोटे तीखे निप्पलों वाले भरे हुए स्तन उसके सामने थे। उसने उन पर धीरे से हाथ फेरा। “वाह, कितने सुंदर हैं, दूध से भरे हुए।” साधना शांत लेटी रही । तभी राहुल ने निप्पल को अपने होंठों में लिया और सिकोड़ने लगा। साधना धीरे से चिल्लाई। “आह.. धीरे जानू, मेरे निप्पल बहुत कोमल हैं।” उसकी मधुर आवाज पूरे कमरे में फैल गई।
राहुल ने कुछ देर तक उसके निप्पल पिए। फिर उसने उसके पेट को चूमना शुरू कर दिया। “रुको प्रिय।” वह बैठ गई और अपना टॉप और ब्रा पूरी तरह से उतार दिया। फिर वह राहुल के शरीर से चिपक गई। वे जोश के साथ चूमने लगे।
धीरे धीरे राहुल ने अपना हाथ उसकी सलवार में डाल दिया। जभ उसने हाथ अपने सपनों के नितम्बों पर फेरा । उसके लिंग ने एक बड़ा झटका लिया । फिर उसने अपना हाथ उसकी चूत पर घुमाया, यह पूरी तरह से शेव की हुई थी, “वाह, मुझे यह पसंद है।”
“ मैंने तुम्हारे लिए किया प्रिय। इसका आनंद लो।” राहुल ने उसकी सलवार उतार दी। उसने अंडरवियर नहीं पहना था। वह खुद चुदाई के लिए तैयार थी। वह पूरी तरह से नंगी लेटी हुई थी, उसकी आँखें बंद थीं। तीखे निप्पल सीधे छत की ओर उठे हुए थे। टाँगें थोड़ी खुली हुई थीं, चूत की साफ़ त्वचा कमरे की रोशनी में चमक रही थी। उसके गहरे भूरे होंठ खुले हुए थे और मोटे सख्त लिंग का इंतज़ार कर रहे थे।राहुल ने कुछ देर तक उसके शरीर को देखा, वह बेसब्री से उसके स्पर्श का इंतजार कर रही थी।
यह राहुल के लिए अपने सपनों की चूत और नितंबों को चोदने का समय था। यह उसकी सपनों की लड़की लिली की इच्छा को पूरा करने का समय भी था और यह राहुल के लिए अपनी आक्रामकता दिखाने का समय भी था। उसने कई सालों से किसी लड़की के साथ संभोग नहीं किया था। उसका लिंग किसी भी योनि को खोलने के लिए पूरी तरह से तैयार था। राहुल ने उसकी टांगें थोड़ी और खोलीं और उनके बीच आ गया। उसने उसके चेहरे के होंठों को चूमा और लिंग को अंदर धकेलना शुरू कर दिया। कमरा साधना की मीठी आवाज से भरने लगा। चूत और लिंग एक दूसरे से चिपक गए। यह तब तक चलता रहा जब तक लिंग ने अपनी गाढ़ी वीर्य से चूत को नहीं भर दिया।
जब राहुल उसके शरीर से नीचे आया तो उसने धीरे से पूछा, “क्या तुम खुश हो?”
राहुल ने उसे चूमा और कहा कि मैं अपना लिंग पूरे दिन अंदर रखना चाहता हूं। “मुझे भी यह पसंद है। जब तक तुम चाहो इसे मेरे अंदर रखो।” साधना ने उत्तर दिया l
साधना ने सोचा कि राहुल को केबल उसके नितम्बों का आकार और हरकतें पसंद हैं। उसे कभी गुदा मैथुन का अनुभव नहीं था। जब राहुल ने उसके नितम्बों को जोर से पकड़ा और अपना कठोर लिंग उसकी गुदा के पास ले आया। वह बहुत असहज महसूस करने लगी । उसका शरीर कांपने लगा। लेकिन वह उसे रोकना नहीं चाहती थी। राहुल आगे बढ़ा, लिंग ने उसकी गुदा को खोलना शुरू कर दिया। वह चिल्लाई, उसे ऐसा लगा जैसे कोई उसके नितंब को चाकू से दो टुकड़ों में काट रहा हो। राहुल ने जारी रखा। उसका चिल्लाना भी तब तक जारी रहा जब तक कि उसका गुदा सफेद शुक्राणु से भर नहीं गया। जब राहुल ने उसके गुदा से लिंग बाहर निकाला तो उसने अपने दर्द भरे नितंब को आरामदायक स्थिति में लिया। राहुल का लिंग उसके तंग गुदा को चोदने के बाद बहुत थका हुआ महसूस कर रहा था।
“मुझे लगता है कि आपको चाय पीनी चाहिए, साधना ने उसके ढीले लिंग को मालिश करते हुए कहा।”
“ हाँ, मुझे आशा है कि माँ अभी वापस नहीं आएगी।”
“उसने कहा था कि वह दोपहर में आएगी। मुझे लगता है कि हम बाद में जारी रखेंगे।” साधना ने अपने कपड़े वापस पहनते हुए कहा। उन्होंने चूमा और फिर साधना चाय बनाने के लिए रसोई में चली गई। राहुल खुश था, यह दिन उसके जीवन का सबसे अच्छे दिनों मे से ऐक था।
भाग 12
दोपहर का समय था। जब राहुल और उसकी माँ ने दोपहर का भोजन समाप्त किया, साधना पहले ही अपने घर जा चुकी थी। राहुल की माँ ने कहा, “बेटा मैं तुमसे कुछ विशेष बात करना चाहती हूँ।”
“हाँ माँ वह क्या है?”
“ बेटा मैं तुम्हें साधना के बारे में बताना चाहती हूँ। वह बहुत अच्छी लड़की है। लेकिन तुम्हें सावधान रहना होगा।”
“ माँ, क्या हुआ, उसने तुमसे क्या कहा।”
“उसने कुछ भी बुरा नहीं कहा, वह हमेशा मेरा सम्मान करती है और मेरी मदद करती है। लेकिन आपको उससे दूर रहना होगा। वह किसी भी रिश्ते के लिए अच्छी नहीं है।”
राहुल डर गया, उसने सोचा कि शायद माँ को पता चल गया कि उन्होंने सुबह क्या किया। “उसने क्या बुरा किया माँ,”
“तुमको नहीं पता था कि उसकी शादी दूसरे गाँव के लड़के से हुई थी। वह उसके साथ कुछ महीने रही। फिर वह अपने माता-पिता के घर वापस आ गई, वह लड़का बहुत बुरा था, हमेशा शराब पीता था, कभी-कभी उसे मारता भी था।एक दिन उसने उसका घर छोड़ दिया। अब उनका तलाक हो गया है। उसने कहा कि वह फिर कभी शादी नहीं करना चाहती। वह अपने माता-पिता की मदद करना चाहती है।”
“ तो साधना ने क्या गलत किया। उसने तलाक लेकर सही किया। मैं उसके फैसले की सराहना करता हूँ।”
“तुम सही हो बेटा। उसने कुछ भी गलत नहीं किया। लेकिन मैं चाहती हूँ कि तुम उसकी कहानी जान लो।”
“ अच्छा हुआ तुमने मुझे बता दिया, मैं सावधान रहूँगा।” राहुल ने अपनी माँ से कहा। लेकिन साधना के बारे में उसके मन में कोई बदलाव नहीं आया, वह अब भी पहले की तरह उसके नितंबों और और चूत से प्यार करता था l
शाम का समय था, वह अपने कमरे में बैठा था। शारदा उसके लिए चाय लेकर आई।” साहब, अब आपको चाय पीनी होगी, और कुछ नहीं।” उसने मुस्कुराते हुए कहा।
“तो फिर आपकी मछली को भी कुछ नहीं मिलेगा “ राहुल मुस्कुराया l
“तुमने मेरी मछली को इतना थका दिया है। वह अब दर्द कर रही है। तुम्हारे मगरमच्छ की हालत क्या है?”
“यदि ताजा दूध मिले तो यह जल्दी तैयार हो जाएगा।”
“इसके लिए आपको अपनी मां से बात करनी होगी, क्या वह आपके लिए बाहर जा सकती हैं।”
“आप मजाकिया हैं। क्या आप कल घर पर अकेली हैं? मैं आ सकता हूं और हम बात कर सकते हैं।”
“ हां, आइए, मैं आपके लिए ताजा दूध तैयार रखूंगी।”
राहुल चाय पीने लगा, शारदा माँ की मदद करने चली गई।
भाग 13
यह गर्म दिन था। राहुल अपने खेतों में जा रहा था। सुबह कुछ नहीं हुआ। साधना उसके कमरे में नहीं आई। उसके लिंग में अभी भी कुछ सुबह की ऊर्जा थी। उसने साधना से वादा किया कि वह बाद में उसके घर आएगा। वह जानता था कि उसे वहाँ चूत मिलेगी।
खेत खाली थे। उसके चाचा और साधना के माता-पिता घर पर नहीं थे। कोई भी वहां काम नहीं कर रहा था। गर्मी के कारण वहां सन्नाटा था। वह पानी के पंप के पास गया। वहां बैठने और आराम करने के लिए एक छोटी सी झोपड़ी थी। उसने खेतों में पानी देने का फैसला किया। सीमेंट की चार दीवारों में गिरता ताजा पानी उसे आकर्षित किया। उसने ताजे पानी में स्नान करने का निर्णय लिया, उसने अपने कपड़े उतार दिए और जलाशय में चला गया।
वह पानी के अंदर बैठ गया,अपनी आँखें बंद कर लीं और गिरते पानी का आनंद लेने लगा। वाह, “मैं तो बहुत समय से यही चाहती थी,” तभी एक आवाज ने उसकी शांति भंग कर दी।
उसने एक दम अपनी आँखें खोली। उसकी आंटी वहाँ थी। वह पानी में कूदने के लिए तैयार थी।
“रुको आंटी मुझे कुछ कपड़े पहनने हैं।”
“नहीं – नहीं वहीं रुको। मैं आ रही हूँ। “आंटी ने एक दम अपनी सलवार उतार दी और राहुल पर कूद गई।
“आंटी आप क्या कर रही हैं,” वह बहुत आक्रामक थी। जैसे ही आंटी की चूत को छुआ, राहुल का लिंग झटका लेकर खड़ा हो गया और सीधा अंदर चला गया। आंटी ने पानी के अंदर लिंग पर अपनी गांड हिलाते हुए कहा। “जाओ बेबी अंदर जाओ, मुझे बहुत प्यास लगी है।”
उसने अपना गीला टॉप और ब्रा उठाया। अपने बड़े स्तन के निप्पल को राहुल के मुंह में डाल दिया। “पी लो मेरे प्यारे, पी लो इसे… आह… आह तुम बहुत अच्छे हो बेबी… मुझे बहुत अच्छा लग रहा है… “ आंटी अपनी गांड बहुत तेजी से हिला रही थी और चिल्ला रही थी। अब राहुल भी उसकी चूचियाँ पीने लगा और उसकी चूत का मज़ा लेने लगा था।
कुछ मिनटों के तूफान के बाद आंटी ने उसका लिंग निचोड़ लिया । सब कुछ इतनी तेजी से हुआ कि राहुल को सोचने का एक सेकंड भी नहीं मिला।
“धन्यवाद प्यारे, तुमने मेरा दिन बना दिया। मेरी चूत अभी और चाहती है।” चाची ने लिंग से खड़े होते हुए कहा। उसने अपना टॉप और ब्रा नीचे की और पानी से बाहर आ गई। उसने फिर से अपने गीली टांगों पर सलवार पहन ली। उसकी सलवार के कुछ हिस्से उसके गीले नितंबों से चिपक गए थे। यह बहुत सेक्सी और आकर्षक लगने लगा। राहुल पानी में बैठा सब कुछ देख रहा था। आंटी की चूत और नितंब बुरे नहीं । वह फुसफुसाया l
राहुल पानी से बाहर आ गया। वह पूरी तरह से नंगा था। “वाह!!” आंटी ने उसके ढीले लिंग को पकड़ते हुए कहा।
“आंटी यहाँ नहीं, मैं आपके घर जाऊँगा । अगर आप चाहें तो हम वहाँ करेंगे।”
“ ठीक है प्रिय, मैं इंतज़ार करूँगी,” आंटी ने लिंग से अपना हाथ पीछे हटाते हुए कहा। राहुल ने अपने कपड़े वापस पहन लिए। वे बातें करने लगे। “आंटी, आप को डर नहीं लगा , हमें कोई देख लेता तो ।”
आंटी हँसी और बोली,”जब मैंने तुम्हें पूरी तरह से नंगा देखा तो मैं पागल हो गई l मुझे यकीन था कि तुम मुझे अपना लिंग आसानी से नहीं दोगे।मुझे ऐसा कुछ करना होगा l आज मुझे मौका मिला, तो मैंने कर लिया।”
“आप सही कह रही हैं आंटी, लेकिन मुझे आपकी चूत पसंद आई , मैं इसे फिर से चोदना चाहता हूँ।”
“जब भी चाहो, तुम इसे चोद सकते हो, मैं वादा करती हूँ।” बातें करते हुए वे घर की ओर चलने लगे।
भाग 14
राहुल ने दोपहर का भोजन समाप्त कर लिया। वह साधना के घर जाने की सोच रहा था। उसने उससे वादा किया था कि वह उसके घर आएगा। उसे यकीन था कि वह उसका इंतजार कर रही होगी। उसकी मां ने उसे उसके बारे में चेतावनी दी थी लेकिन राहुल की साधना से दूर रहने की कोई योजना नहीं थी। वह जानता था कि उसकी मां उसे उसकी पत्नी के रूप में स्वीकार नहीं करना चाहती थी। लेकिन उसने यह भी कहा कि साधना फिर से शादी नहीं करना चाहती थी। चुदाई के अलावा भी बहुत सी बातें थीं जो राहुल जानना चाहता था।
वह साधना के घर गया और दरवाजा खटखटाया। साधना ने दरवाजा खोला, उसने वही नीली पोशाक पहनी हुई थी जो राहुल को पसंद थी। राहुल ने फिर कहा, “आप इस नीली पोशाक में अधिक सुंदर लग रही हैं।” साधना मुस्कुराई और वे बैठक कक्ष में चले गए।”आप क्या पीना पसंद करेंगी,चाय या ताज़ा दूध,”
राहुल ने उसे अपनी ओर खींचा, “आपको लगता है कि अगर आप घर पर अकेले मेरे साथ होंगी तो मैं चाय पीना पसंद करूंगा।”
“फिर पी लो “ साधना ने अपने स्तन उसके होठों के सामने लाकर कहा l राहुल ने अपना हाथ धीरे से उसके स्तनों पर फिराया। राहुल ने उसके टॉप ऊपर उठाए और नाभि के आसपास उसके पेट को चूमा। “आह…तुमने मेरे अंदर आग लगा दी है।” वह खड़ी हुई और अपनी ब्रा और टॉप उतार दिए। “बिस्तर पर आओ और मुझे चोदो,” राहुल ने उसकी कसी हुई सलवार और लटकते हुए नाले को देखा, उसके शरीर में एक अजीब सी आक्रामकता प्रवाहित हुई। लिंग ने एक बड़ा झटका लिया। आधी नंगी साधना उसके सामने बिस्तर पर लेटी हुई थी। उसने अपने कपड़े उतारे और बिस्तर पर आ गया। साधना ने उसका लिंग पकड़ और मसलने लगी। “यह बहुत कठोर है, मैं इसे अपने अंदर लेना चाहती हूं।” उसने फुसफुसाया ।
राहुल ने उसकी सलवार का नाड़ा खींचा और उसे उतार दिया। उसने फिर से अंडरवियर नहीं पहना था। जब उसने उसकी मुंडा योनि देखी तो वह खुद को रोक नहीं सका, उसने अपने होंठ उसकी योनि पर रख दिए और उसके भगशेफ को पकड़ लिया। साधना का शरीर कांपने लगा जब उसने उसके भगनासा को चाटना शुरू किया। “आह… आह… मैं आनंद से मर रही हूँ… प्रिय… आह… आह…l” उसने कुछ देर तक चाटा और उसकी चूत में आग लगा दी। साधना लंड के लिए तड़प रही थी, उसका शरीर गीला होने लगा। फिर राहुल ने उसके होठों को चूमा और अपना लिंग अंदर धकेल दिया। साधना चिल्लाई लेकिन उसकी आवाज में राहत थी। चूत और लिंग एक दूसरे को चाटने लगे। साधना लंबे समय तक अपनी कामुकता को रोक नहीं सकी। वह चिल्लाई और राहुल के शरीर को अपने पेट की ओर खींचा । उसी समय लिंग फटा और अपना वीर्य चूत के अंदर डाल दिया।
राहुल उसके ऊपर गिर पड़ा। उनके गर्म शरीर चिपक गए। फिर उनकी साँसें धीमी होने लगीं। साधना ने उसे चूमा और कहा, “तुम अद्भुत हो। तुम्हारा लिंग अद्भुत है। तुम्हारे शुक्राणु मेरे शरीर को अंदर से गर्म कर देते हैं। मैं आनंद से मर रही हूँ।”
राहुल ने उसे फिर से चूमा और बिस्तर पर आ गया। “तुम्हारा दूध और चूत का रस अद्भुत है। वे मुझे अजीब ऊर्जा और शक्ति देते हैं। इसीलिए मैं यह कर पाता हूँ।”
“साधना, मुझे नहीं पता कि मैं आपको और आपके जीवन को और अधिक क्यों जानना चाहता हूँ। मुझे आपसे बात करना और मिलना अच्छा लगता है।” राहुल ने उसके स्तनों पर हाथ फेरते हुए कहा,
“साहब, अगली बार जब आप यहां आएंगे तो हम बात करेंगे। अब मैं चाहता हूं कि हम केवल चुदाई करें और जमकर करें।”
“अगर तुम यह चाहते हो तो ठीक है। हम करेंगे।”
“ देखो यह सख्त होना शुरू हो गया है। मेरे ऊपर आओ और मेरी योनि को छुओ।”
चूत और लिंग चाटना शाम तक जारी रहा।
भाग 15
राहुल अपने घर वापस आ गया। रास्ते में वह साधना और चाची के बारे में सोच रहा था। उनकी चूत और मीठी चीखें उसके लिंग को गर्म कर रही थीं। उसे पता ही नहीं चला कि उसने अपनी यात्रा कब पूरी कर ली।
बिस्तर पर बैठे-बैठे वह सोच रहा था कि साधना ने उसे रोका क्यों नहीं। वह उसके साथ क्यों नहीं रहना चाहती थी। जब भी वह जीवन के बारे में बात करने की कोशिश करता, तो वह हमेशा कहती कि हम बाद में बात करेंगे। शायद उसे सेक्स की जरूरत थी और उसे वह मिल गया।
लेकिन उसके नितंब और योनि अद्भुत थे,मेरे लिंग के लिए एकदम सहीl उसने फुसफुसाया l
सोचते हुए उसने सुना कि बादल फट रहे हैं और बारिश हो रही है। वह खिड़की के पास गया और बाहर देखा। बारिश शुरू हो चुकी थी। वह कुछ सामान खरीदने के लिए बाजार जाना चाहता था। कल उसे फिर से ऑफिस जाना था। बारिश देखकर वह थोड़ा उदास था। सड़क पर पानी इकट्ठा होने लगा था। तभी उसकी नजर सड़क पर चल रही एक लड़की पर पड़ी। उसके पास कोई छाता नहीं था और वह पूरी तरह से भीग चुकी थी।
जब वह उसकी खिड़की के सामने से गुजरी तो राहुल उसके गीले कुर्ते और सलवार से उसकी ब्रा और अंडरवियर आसानी से देख सकता था। जब राहुल की नज़र उसके नितम्बों पर पड़ी तो उसकी आँखें चौंधिया गईं, उसकी गीली सलवार उसके नितम्बों से चिपकी हुई थी। उसके बड़े गोल नितम्ब लगभग लिली के नितम्बों जैसे ही थे। वह तेज़ी से चल रही थी, उसके हिलते नितम्बों के हिस्सों ने उसके लिंग को कठोर बनाना शुरू कर दिया।
उसने बाहर जाकर उसे छाता देने का निर्णय किया। जब वह बाहर गया तो उसे लड़की नहीं मिली। वह कहीं गायब हो गई थी। राहुल उदास होकर अपने कमरे में वापस आया। वह बिस्तर पर बैठ गया, उसकी गीली हिलती हुई गांड उसकी आँखों में घूम रही थी।
धीरे-धीरे वह दिवास्वप्न में गिरने लगा। “राहुल, मुझे पता है कि तुम्हें मेरे गीले नितंब पसंद हैं। यहाँ आओ और नितंबों के साथ आनंद लो। अपने हाथों से मेरी सलवार उतारो।” राहुल की आँखें बंद थीं और लिंग पूरी तरह से कठोर था।
निष्कर्ष:
अब जब वह फिर से अकेला है, उसका मन पुराने रास्तों पर लौट आया है—दिवास्वप्नों की दुनिया में, जहाँ कोई सीमा नहीं, कोई अस्वीकार नहीं। हर बार जब वह किसी आकर्षक लड़की को देखता है, उसकी कल्पना उसे उस पल से कहीं आगे ले जाती है। ये सपने सिर्फ शारीरिक सुख की कल्पना नहीं हैं, बल्कि उसके भीतर छिपी भावनात्मक रिक्तता को भरने का एक तरीका हैं। वे उसे उस दुनिया में ले जाते हैं जहाँ वह चाहा जाता है, जहाँ उसे अपनापन मिलता है।
वास्तविक सेक्स ने उसे क्षणिक आनंद दिया था, लेकिन साथ ही रिश्तों की जटिलता और अस्थिरता भी। दिवास्वप्नों में कोई अपेक्षा नहीं, कोई टूटन नहीं। वहाँ सब कुछ उसके नियंत्रण में है। यही कारण है कि वह इन कल्पनाओं में बार-बार लौटता है—क्योंकि वे उसे सुकून देती हैं, तनाव से राहत देती हैं, और एक मायने में, उसे खुद से जोड़ती हैं।
क्या वास्तविक सेक्स बेहतर है या दिवास्वप्न? यह सवाल उतना सरल नहीं जितना दिखता है। असल में, दोनों का अपना स्थान है। लेकिन उसके लिए, दिवास्वप्न सिर्फ कामुकता नहीं, बल्कि एक भावनात्मक शरण हैं। वे उसे उस दुनिया से बचाते हैं जहाँ वह बार-बार टूटता है। और शायद, यही उसकी कहानी का सार है—कि कभी-कभी कल्पना, वास्तविकता से अधिक सच्ची लगती है।
सेक्सी दिवास्वप्न देखना आम आदमी के लिए न तो अपराध है, न ही शर्म की बात। यह एक निजी मानसिक प्रक्रिया है, जो तब तक ठीक है जब तक वह संतुलन में रहे। असल सवाल यह नहीं कि दिवास्वप्न अच्छे हैं या बुरे, बल्कि यह कि क्या वे व्यक्ति को उसकी वास्तविकता से जोड़ते हैं या उससे दूर ले जाते हैं l