स्तन कैंसर के लक्षण क्या हैं ?

स्तन कैंसर के लक्षण निम्नलिखित हैं:

गांठ या मोटापा:

स्तन या अंडरआर्म में गांठ का होना, जो आमतौर पर दर्द रहित होती है। यह गांठ धीरे-धीरे बढ़ सकती है और इसे महसूस किया जा सकता है।

निप्पल से स्राव:

बिना गर्भावस्था के निप्पल से स्पष्ट या खूनी स्राव होना। यह एक गंभीर संकेत हो सकता है और तुरंत जांच की आवश्यकता होती है।

स्तनों का आकार या आकृति में परिवर्तन:

स्तनों का आकार असामान्य रूप से बदलना, जैसे कि एक स्तन का दूसरे से बड़ा या छोटा होना।

त्वचा में परिवर्तन:

स्तन की त्वचा में लालिमा, सूजन, जलन या डिंपलिंग आना। कभी-कभी त्वचा नारंगी की छाल जैसी दिख सकती है।

निप्पल में बदलाव:

निप्पल का अंदर की ओर खींचना (inverted nipple) या निप्पल पर खुजली, अल्सर या पपड़ीदार चकत्ते होना।

बगल में सूजन:

बगल या गर्दन के नीचे लिम्फ नोड्स का अचानक सख्त होना। यह संकेत कर सकता है कि कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल रहा है।

स्तनों में दर्द या असहजता:

यदि आत्म-परीक्षण के दौरान आपको स्तनों में दर्द या असहजता का अनुभव होता है, तो यह भी एक चेतावनी संकेत हो सकता है।

संरचनात्मक परिवर्तनों पर ध्यान दें:

यदि आपको अपने स्तनों में आकार में विकृति महसूस होती है, जैसे चपटा होना या असामान्यता आना।

इन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और यदि इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। जल्दी निदान और उपचार आपकी स्वास्थ्य संभावनाओं को बेहतर बना सकते हैं।

स्तन कैंसर का जोखिम कैसे कम करें?

स्तन कैंसर का जोखिम कम करने के लिए कई वैज्ञानिक रूप से समर्थित उपाय और जीवनशैली में बदलाव अपनाए जा सकते हैं। इन उपायों को समझने के लिए हमें विभिन्न कारकों पर ध्यान देना होगा, जैसे कि आहार, शारीरिक गतिविधि, वजन प्रबंधन, हार्मोनल प्रभाव, और नियमित जांच। नीचे इन कारकों को विस्तार से समझाया गया है:

  1. स्वस्थ वजन बनाए रखना

अधिक वजन या मोटापा स्तन कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकता है, खासकर रजोनिवृत्ति (menopause) के बाद। शरीर में अधिक वसा ऊतक एस्ट्रोजन हार्मोन का उत्पादन करता है, जो स्तन कैंसर के विकास में योगदान कर सकता है।

उपाय:

संतुलित आहार लें जिसमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज और प्रोटीन शामिल हों।

कैलोरी की खपत और व्यायाम के बीच संतुलन बनाए रखें।

breast cancer, risk
  1. नियमित शारीरिक गतिविधि

शारीरिक रूप से सक्रिय रहना न केवल वजन नियंत्रित करने में मदद करता है बल्कि यह हार्मोनल स्तर को भी संतुलित रखता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है।

उपाय:

हर सप्ताह कम से कम 150 मिनट की मध्यम-तीव्रता वाली एरोबिक गतिविधि (जैसे तेज चलना) या 75 मिनट की उच्च-तीव्रता वाली गतिविधि (जैसे दौड़ना) करें।

हफ्ते में दो बार मांसपेशियों को मजबूत करने वाले व्यायाम करें।

  1. शराब का सेवन सीमित करना

शोध से पता चला है कि शराब का सेवन स्तन कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकता है। शराब शरीर में एस्ट्रोजन और अन्य हार्मोन के स्तर को प्रभावित करती है जो कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को प्रेरित कर सकते हैं।

उपाय:

यदि आप शराब पीते हैं तो इसे सीमित करें। महिलाओं के लिए प्रति दिन एक ड्रिंक तक सीमित रहना बेहतर होता है।

  1. धूम्रपान छोड़ना

धूम्रपान कई प्रकार के कैंसर सहित स्तन कैंसर के जोखिम को भी बढ़ा सकता है। यह विशेष रूप से प्रीमेनोपॉज़ल महिलाओं (रजोनिवृत्ति से पहले) में अधिक हानिकारक हो सकता है।

उपाय:

धूम्रपान छोड़ने के लिए सहायता प्राप्त करें। इसके लिए निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी या काउंसलिंग मददगार हो सकती हैं।

  1. हार्मोन थेरेपी का सीमित उपयोग

रजोनिवृत्ति के दौरान दी जाने वाली हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT), विशेष रूप से एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का संयोजन, स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकती है।

उपाय:

HRT लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श लें।

यदि आवश्यक हो तो इसे न्यूनतम समय अवधि तक ही लें।

  1. स्तन-पोषण (Breastfeeding)

स्तन-पोषण न केवल बच्चे के स्वास्थ्य बल्कि मां की सुरक्षा के लिए भी फायदेमंद होता है। यह शोध द्वारा प्रमाणित किया गया है कि स्तन-पोषण कराने वाली महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा कम होता है।

उपाय:

यदि संभव हो तो अपने बच्चे को जितनी देर तक संभव हो सके स्तन-पोषण कराएं।

  1. आहार पर ध्यान देना

ऐसा आहार जो पोषक तत्वों से भरपूर हो और जिसमें वसा की मात्रा कम हो, वह स्तन कैंसर सहित अन्य बीमारियों का खतरा कम कर सकता है।

उपाय:

अधिक फल और सब्जियां खाएं।

ट्रांस फैट्स और सैचुरेटेड फैट्स वाले खाद्य पदार्थों से बचें।

ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थ जैसे मछली शामिल करें।

  1. नियमित जांच और स्क्रीनिंग

स्तन कैंसर का जल्दी पता लगाना इलाज की सफलता दर बढ़ा सकता है। नियमित मैमोग्राम (mammogram) कराने और स्व-जांच करने से शुरुआती चरणों में समस्या पहचानी जा सकती है।

उपाय:

डॉक्टर द्वारा सुझाई गई उम्र में मैमोग्राम शुरू करवाएं।

मासिक रूप से अपने स्तनों की स्व-जांच करें ताकि किसी असामान्यता का पता लगाया जा सके।

  1. परिवारिक इतिहास पर ध्यान दें

यदि आपके परिवार में किसी करीबी रिश्तेदार (मां, बहन या बेटी) को स्तन कैंसर हुआ हो तो आपका जोखिम बढ़ सकता है। ऐसे मामलों में आनुवंशिक परीक्षण (genetic testing) करवाना फायदेमंद हो सकता है।

उपाय:

BRCA1 या BRCA2 जैसे जीन म्यूटेशन की जांच करवाएं यदि पारिवारिक इतिहास मौजूद हो।

  1. तनाव प्रबंधन

हालांकि तनाव सीधे तौर पर स्तन कैंसर का कारण नहीं बनता लेकिन यह अप्रत्यक्ष रूप से आपकी जीवनशैली पर असर डाल सकता है जिससे जोखिम बढ़ सकता है।

उपाय:

योग, मेडिटेशन या अन्य रिलैक्सेशन तकनीकों का अभ्यास करें।

इन सभी उपायों को अपनाकर आप अपने जीवनकाल में स्तन कैंसर होने की संभावना को काफी हद तक कम कर सकते हैं। हालांकि कोई भी तरीका पूरी तरह गारंटी नहीं देता लेकिन स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से समग्र स्वास्थ्य बेहतर होता है।