रिया घर आने को तैयार
भाग 11
ऑफिस में हल्की-सी धूप खिड़कियों से छनकर अंदर आ रही थी। कंप्यूटर की स्क्रीन पर सूरज की नज़रें थीं, लेकिन दिमाग कहीं और था — शायद रिया के ख्यालों में। तभी दरवाज़ा खुला और रिया अंदर आई। उसके चेहरे पर झिझक थी, लेकिन आँखों में वही पुरानी चमक।
“सूरज…” उसने धीमी आवाज़ में कहा, “मुझे माफ़ करना, मैं तुमसे मिलने बगीचे में नहीं आ सकी।”
सूरज ने उसकी ओर देखा, होंठों पर एक हल्की मुस्कान आई।
“कोई बात नहीं, रिया,” उसने सहजता से कहा, “हम अभी भी जवान हैं, और मिलने के लिए ज़िन्दगी ने हमें बहुत वक़्त दिया है। बताओ, आज तुम कैसी हो?”
रिया के चेहरे पर राहत की लहर दौड़ गई। वह मुस्कुराई, “अब बहुत बेहतर हूँ। अगर तुम फ्री हो, तो दोपहर के लंच पर कैफ़े में मिलते हैं? मैं तुम्हारा इंतज़ार करूंगी।”
सूरज ने सिर हिलाया।“ ठीक है।”
रिया मुस्कुराते हुए कमरे से बाहर चली गई।
सूरज ने फिर से उसके नितंबों को देखा। वे अच्छी तरह से हिल रहे थे। “तैयार रहो, कुछ बड़ा तुम्हें और खोलने के लिए आ रहा है।” उसने फुसफुसाया।
रीया भी सोच रही थी कि चिकन तैयार है, अब इसका स्वाद लेने का समय आ गया है।
दोपहर में वे कैफ़े में मिले। दीवारों पर हल्का संगीत बज रहा था, कॉफी की महक हवा में घुली थी। रिया ने टेबल पर कोहनी टिकाई और मुस्कुराई, “माफ़ करना सूरज… उस दिन बगीचे में न आकर शायद मैंने तुम्हें नाराज़ कर दिया।”
सूरज ने हँसते हुए कहा, “तुम्हारी मुस्कान देखकर नाराज़ रहना मुश्किल है।”
रिया ने धीरे से कहा, “तो क्यों न हम इस वीकेंड तुम्हारे घर पर बैठें? बातें करें… या शायद एक ड्रिंक साथ में लें?”
सूरज का दिल एक पल को तेज़ धड़क उठा। यह कुछ ऐसा था जो वह चाहता था। उसने संयत होकर कहा,
“अगर तुम आओ, तो मेरा घर भी खुशकिस्मत होगा। मुझे आपके लिए डिनर तैयार करने का भी मौका मिलेगा।”
रिया ने मुस्कुराकर उसका हाथ थामा, उसकी उंगलियाँ नरमी से सूरज की हथेली पर ठहरीं।
“तुम सच में बहुत प्यारे हो, सूरज,” उसने फुसफुसाया। “शायद मैं सच में किसी खास व्यक्ति से मिलने वाली हूँ…”
शाम को सूरज घर आया। वह खुश था, रिया सप्ताहांत पर उसके घर आ रही थी।
“नीलू, तुम्हें पता हैं कि रिया सप्ताहांत पर हमारे घर आने के लिए तैयार है। मैं उसे चोदने के लिए उत्सुकता से इंतजार कर रहा हूं। मुझे यकीन नहीं है कि वह सहमत होगी लेकिन मैं कोशिश करना चाहता हूं।” उसने गुड़िया के बाल सहलाते हुए कहा l
“वह चुदाई के लिए ही आ रही है। तुम्हें उत्तेजित होने की कोई जरूरत नहीं है, शांत रहो। उसको वह मिलने वाला है जिसकी उसने कभी उम्मीद नहीं की होगी । लेकिन याद रखना सूरज, तुम्हें उसे चोदने का केवल एक ही मौका मिलेगा । मुझे यकीन नहीं है कि वह फिर से तुम्हारा लिंग अंदर डालना पसंद करेगी।”नीलू ने चेतावनी देते हुए कहा l
“आह ठीक है। लेकिन मेरा लिंग कब तक बड़ा रह सकता है। मैं उसे कितनी बार चोद सकता हूँ।”
“ कोई सीमा नहीं है। पूरी रात या जब तक रिया तुम्हारे साथ है। लेकिन तुम उसे जबरदस्ती नहीं चोद सकते।”
नीलू ने आगे कहा।” क्या तुम्हें लगता है कि अगर तुम उसकी चूत को पूरा खोल दोगे तो वह तुम्हारे लिंग से फिर से चुदना पसंद करेगी।
“नीलू, कुछ लड़कियों को बड़ा, लंबा, मोटा लिंग पसंद होता है। वे आनंद लेती हैं।”
“मैं चाहती हूं कि वह भी आपके लिंग के साथ आनंद ले। मैं तो चुपचाप देखूंगी।” नीलू मुस्कुराई।
“नीलू, कल रात जो हमारे बीच हुआ उसके बाद मैं सोच रहा था कि क्या तुम सच में चाहती हो कि मैं रिया को चोदूँ। तुम्हें बुरा तो नहीं लगेगा। “ सूरज ने गंभीरता से पूछा l
“सूरज अगर मुझे कुछ बुरा लगा तो मैं तुम्हें बताऊंगी। ”नीलू बोली l