योनि में खुजली और जलन से कैसे बचें ?

योनि में खुजली और जलन से कैसे बचें

योनि में खुजली और जलन (Vaginal itching and burning) 

 

योनि में खुजली और जलन एक सामान्य लेकिन परेशान करने वाली समस्या है जो महिलाओं को प्रभावित करती है। यह योनि या उसके बाहरी हिस्से (वल्वा) में असहजता, खुजली और जलन के रूप में महसूस होती है। यह हल्की से लेकर गंभीर तक हो सकती है और कभी-कभी यह किसी अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्या का संकेत भी हो सकती है।

योनि में खुजली और जलन के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें संक्रमण, हार्मोनल परिवर्तन, त्वचा संबंधी समस्याएं और स्वच्छता से संबंधित कारक शामिल हैं। इसके सामान्य कारणों में शामिल हैं:

योनि में खुजली और जलन के सामान्य कारण

बैक्टीरियल वेजिनोसिस (Bacterial Vaginosis – BV): 

यह तब होता है जब योनि में प्राकृतिक बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे कुछ बैक्टीरिया की अत्यधिक वृद्धि हो जाती है। इसके लक्षणों में खुजली, जलन, पतला सफेद या ग्रे डिस्चार्ज और मछली जैसी गंध शामिल हो सकती है, खासकर संभोग के बाद। असुरक्षित यौन संबंध और डाउचिंग (योनि की आंतरिक सफाई) इसके जोखिम को बढ़ा सकते हैं।

योनि में खुजली और जलन से कैसे बचें
यीस्ट इन्फेक्शन (Yeast Infection): 

यह कैंडिडा एल्बीकंस नामक फंगस के अत्यधिक विकास के कारण होने वाला एक फंगल संक्रमण है। यह योनि में खुजली का सबसे आम कारण है। लक्षणों में तेज खुजली, गाढ़ा, सफेद, पनीर जैसा डिस्चार्ज, लालिमा और सूजन शामिल हैं। एंटीबायोटिक का उपयोग, हार्मोन में बदलाव, कमजोर प्रतिरक्षा और अनियंत्रित मधुमेह इसके जोखिम कारक हैं।

यौन संचारित संक्रमण (Sexually Transmitted Infections – STIs): 

कुछ एसटीआई जैसे क्लैमाइडिया, गोनोरिया, ट्राइकोमोनिएसिस और जननांग दाद (genital herpes) योनि में खुजली और जलन पैदा कर सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, सिफलिस, गोनोरिया, क्लैमाइडिया और ट्राइकोमोनिएसिस कुछ प्रमुख एसटीआई हैं जो खुजली का कारण बन सकते हैं।

हार्मोनल परिवर्तन (Hormonal Changes):

 मेनोपॉज (रजोनिवृत्ति), गर्भावस्था और मासिक धर्म के दौरान हार्मोन के स्तर में उतार-चढ़ाव से योनि में सूखापन और खुजली हो सकती है। मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजन के स्तर में कमी से योनि की दीवारों में खुश्की आ जाती है।

त्वचा संबंधी समस्याएं (Skin Conditions): 

एक्जिमा, सोरायसिस या लाइकेन स्क्लेरोसस जैसी पुरानी त्वचा की बीमारियां वल्वा तक फैल सकती हैं, जिससे सूखापन, खुजली और दर्द हो सकता है।

एलर्जिक रिएक्शन (Allergic Reactions): 

कुछ रसायन और उत्पाद योनि में जलन और खुजली पैदा कर सकते हैं। इनमें सुगंधित साबुन, डिटर्जेंट, सैनिटरी पैड, लोशन, डाउच और कंडोम में इस्तेमाल होने वाला लेटेक्स शामिल हैं।

प्यूबिक लाइस (Pubic Lice): 

ये छोटे कीड़े होते हैं जो जननांग क्षेत्र में पाए जाते हैं और तीव्र खुजली का कारण बन सकते हैं।

यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (Urinary Tract Infection – UTI):

 हालांकि यह मुख्य रूप से मूत्र पथ को प्रभावित करता है, यूटीआई के लक्षणों में पेशाब करते समय जलन, बार-बार पेशाब करने की इच्छा और पेशाब से दुर्गंध आना शामिल हो सकते हैं, जो कभी-कभी योनि क्षेत्र में खुजली और जलन का एहसास करा सकते हैं।

खराब स्वच्छता या अत्यधिक सफाई (Poor Hygiene or Over-cleaning): 

योनि क्षेत्र में गंदगी जलन और खुजली का कारण बन सकती है। वहीं, अत्यधिक सफाई, विशेष रूप से सुगंधित उत्पादों या डाउच का उपयोग करने से योनि के माइक्रोबायोम का संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे खुजली हो सकती है।

 

निदान और उपचार

 

योनि में खुजली और जलन के कारण का पता लगाने के लिए डॉक्टर शारीरिक परीक्षण, योनि स्राव का माइक्रोस्कोपिक विश्लेषण, पीएच स्तर की जांच और कल्चर टेस्ट कर सकते हैं।

उपचार अंतर्निहित कारण पर निर्भर करता है:

यीस्ट इन्फेक्शन के लिए एंटीफंगल दवाएं (जैसे क्लोट्रिमाज़ोल क्रीम या फ्लुकोनाज़ोल ओरल दवा) दी जाती हैं।

बैक्टीरियल वेजिनोसिस और कुछ एसटीआई के लिए एंटीबायोटिक्स (जैसे मेट्रोनिडाज़ोल या क्लिंडामाइसिन) निर्धारित की जाती हैं।

हार्मोनल परिवर्तनों से संबंधित खुजली के लिए हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी या टॉपिकल एस्ट्रोजन क्रीम का उपयोग किया जा सकता है।

त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए हल्के स्टेरॉयड क्रीम सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं।

एलर्जी के मामलों में एंटीहिस्टामाइन प्रभावी हो सकती हैं।

परजीवी संक्रमण के लिए एंटीपैरासिटिक दवाएं दी जाती हैं।

 

घरेलू उपाय और रोकथाम

 

कुछ घरेलू उपाय अस्थायी राहत प्रदान कर सकते हैं, जैसे नारियल का तेल, बेकिंग सोडा बाथ और एप्पल साइडर विनेगर बाथ। टी ट्री ऑयल के एंटीफंगल गुण भी सहायक हो सकते हैं।

रोकथाम के लिए, अच्छी स्वच्छता बनाए रखना महत्वपूर्ण है, जिसमें गुनगुने पानी से योनि को नियमित रूप से साफ करना और सुगंधित साबुन या स्प्रे से बचना शामिल है। सूती अंडरवियर पहनना, तंग कपड़ों से बचना, गीले कपड़े तुरंत बदलना, और असुरक्षित यौन संबंध से बचना भी महत्वपूर्ण है। पीरियड्स के दौरान पैड या टैम्पोन को नियमित रूप से बदलना भी संक्रमण को रोकने में मदद करता है। यदि खुजली बनी रहती है या गंभीर लक्षण दिखाई देते हैं, तो स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना आवश्यक है।