मासिक धर्म के दौरान स्तनों में दर्द क्यों होता है?  

मासिक धर्म के दौरान स्तनों में दर्द के कारण

मासिक धर्म के दौरान स्तनों में दर्द, जिसे चिकित्सकीय भाषा में मास्टाल्जिया कहा जाता है, मुख्यतः हार्मोनल उतार-चढ़ाव के कारण होता है। यह दर्द आमतौर पर मासिक धर्म चक्र के पहले और दौरान महसूस होता है, और इसके पीछे कई वैज्ञानिक कारण होते हैं। आइए इसे चरणबद्ध तरीके से समझते हैं।

  1. हार्मोनल परिवर्तन

मासिक धर्म चक्र के दौरान, शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर बदलता है। ये हार्मोन स्तन ऊतकों को प्रभावित करते हैं:

एस्ट्रोजन: यह हार्मोन स्तन की दूध ग्रंथियों और नलिकाओं को विकसित करने में मदद करता है। जब इसका स्तर बढ़ता है, तो इससे स्तनों में सूजन और संवेदनशीलता बढ़ जाती है।

breast pain in menstruation

प्रोजेस्टेरोन: यह हार्मोन भी दूध ग्रंथियों को प्रभावित करता है और उनके आकार को बढ़ाता है, जिससे दर्द और भारीपन महसूस हो सकता है।

  1. द्रव प्रतिधारण (Fluid Retention)

मासिक धर्म से पहले हार्मोनों के स्तर में वृद्धि के कारण शरीर में द्रव का संचय हो सकता है। यह स्थिति:

स्तनों में सूजन: द्रव प्रतिधारण से स्तनों में भारीपन और असुविधा होती है।

संवेदनशीलता: जब शरीर अतिरिक्त तरल पदार्थ जमा करता है, तो इससे स्तन ऊतकों की संवेदनशीलता बढ़ जाती है।

  1. प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS)

कई महिलाओं को मासिक धर्म से पहले प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) का अनुभव होता है, जिसमें ब्रेस्ट टेंडरनेस एक सामान्य लक्षण होता है। PMS के अन्य लक्षणों में मूड स्विंग्स, थकान, और पेट दर्द शामिल हो सकते हैं।

  1. फाइब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट चेंजेस

कुछ महिलाओं को फाइब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट चेंजेस का सामना करना पड़ता है, जिसमें:

गांठें या सिस्ट: ये गांठें मासिक धर्म चक्र के साथ बदलती हैं और अक्सर दर्द का कारण बनती हैं।

दर्द की तीव्रता: ये सिस्ट मासिक धर्म से पहले अधिक संवेदनशील हो जाते हैं।

  1. तनाव और जीवनशैली

तनाव भी स्तन दर्द को बढ़ा सकता है। उच्च तनाव स्तर हार्मोनल संतुलन को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे दर्द की अनुभूति बढ़ सकती है। इसके अलावा:

खानपान: कैफीन और नमक का अधिक सेवन भी द्रव प्रतिधारण को बढ़ा सकता है।

व्यायाम की कमी: नियमित शारीरिक गतिविधि न होने पर भी समस्या बढ़ सकती है।

निष्कर्ष

इस प्रकार, मासिक धर्म के दौरान स्तनों में दर्द मुख्यतः हार्मोनल उतार-चढ़ाव, द्रव प्रतिधारण, प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम, फाइब्रोसिस्टिक परिवर्तन और तनाव जैसे कारकों के संयोजन का परिणाम होता है। यदि यह दर्द अत्यधिक हो या लंबे समय तक बना रहे तो डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक हो सकता है।