नीलू एक जवान खूबसूरत लड़की थी l वह कुंवारी थी और उसे सेक्स का कोई अनुभव नहीं था, वह बहुत रूढ़िवादी परिवार से थी। वह बहुत जिज्ञासु और साहसी थी और हमेशा नई चीजें करने को तैयार रहती थी l एक बार उसकी गर्ल फ्रेंड ने उसे मुखमैथुन की क्रिया के बारे में बताया। पहले तो वह बस हंस पड़ी,उसे अपनी सहेली की बात पर विश्वास नहीं हो रहा था। उसकी सहेली ने उसे यह भी बताया कि वह ऐसा अपने प्रेमी के लिए कर रही थी, क्योंकि वह अपनी वर्जिनिटी खोना नहीं चाहती थी। नीलू इस बारे में जानने को उत्सुक थी कि क्या यह वास्तव में संभव था । वह जानती थी कि उसकी उम्र के लड़कों के लिंग तो बहुत बड़ा होंगे । कोई इसे अपने मुँह में कैसे ले सकता था ।
समय तेजी से बीत गया, वह इस बारे में लगभग भूल गई। फिर उसकी मुलाकात एक युवा लड़के राजू से हुई, वे एक-दूसरे को पसंद करने लगे। एक बार जब वह उसके घर गई तो वह घर पर अकेला था। उन्होंने फिल्म देखने का फैसला किया, वे सोफे पर बैठे, एक-दूसरे को चूमने लगे। यह पहली बार नहीं था जब उन्होंने चुंबन किया था l लेकिन इस बार राजू आगे बढ़ गया, उसने उसका टॉप उतार दिया और उसके नुकीले निपल्स को चूमना शुरू कर दिया। नीलू हर चीज़ का आनंद ले रही थी, उसने उसे नहीं रोका। शायद राजू को अपने सख्त लिंग से परेशानी हो रही थी। वह जानता था,नीलू शादी से पहले अपनी वर्जिनिटी देने को तैयार नहीं थी।
राजू रुका और उसकी आँखों में देखा, नीलू थोड़ा आश्चर्यचकित हुई। “नेलू क्या हम कुछ नया कर सकते हैं” नीलू को समझ नहीं आया कि वह क्या चाहता था , लेकिन वह उसके आकर्षण का विरोध नहीं कर सकी। “हाँ,क्यों नहीं”।
इससे पहले कि वह कुछ समझ पाती, उसने अपना अंडरवियर उतार दिया, नीलू उसका लंबा, कठोर लिंग देखकर अवाक रह गई। वह उत्सुकता से इसे देखने लगी, फिर राजू उसके सिर को अपने लिंग की ओर ले जाने लगा। तभी नीलू को याद आया कि उसकी सहेली ने उससे क्या कहा था। वह स्वयं जानना चाहती थी, परन्तु वह नहीं जानती थी कि कैसे करना है। “राजू तुम क्या चाहते हो” उसने थोड़ा शर्माते हुए पूछा। यह पहली बार था जब वह मनुष्य का कठोर लिंग देख रही थी l” बस अपना मुँह खोलो”, राजू ने अपने लिंग को उसके होठों से छूते हुए कहा। फिर उसने उसे मुँह के अंदर धकेल दिया। यह वास्तव में कठिन अनुभव था, कठोर मांस का बड़ा नमकीन टुकड़ा उसके मुँह में घूम रहा था। राजू जोर जोर से अन्दर धकेलने लगा था क्योंकि वह चरम सीमा की ओर बढ़ रहा था l सांस लेना कठिन था, मुँह की त्वचा लाल हो रही थी। शरीर कांप रहा था,लेकिन नीलू अंत तक रुकना नहीं चाहती थी। वह पूरा अनुभव चाहती थी, और राजू को संतुष्ट करना चाहती थी l
उसकी आँखों से पानी गिरने लगा। राजू का नियंत्रण ख़त्म हुआ, उसने अपना लिंग उसके मुँह में खाली कर दिया। गर्म द्रव से नीलू का मुंह भर गया , इसका अपना ही स्वाद था l राजू ने अपना लिंग बाहर निकाल लिया। नीलू अपना मुँह धोने चली गयी,वह अपने नये अनुभव से खुश थी l राजू ने उसे चूमा। वह समझ गई, वह पूरी तरह संतुष्ट था l