गुड़िया को नहलाना – उसकी  सेक्सी इच्छा

गुड़िया को नहलाना - उसकी सेक्सी इच्छा

भाग 9

शाम ढल चुकी थी। कमरे में हल्की पीली रोशनी फैली हुई थी और बाहर पेड़ों की छाया दीवारों पर हिल रही थी। सूरज बिस्तर पर बैठा धीरे-धीरे चाय की चुस्कियाँ ले रहा था। दिन की थकान के बावजूद उसके मन में एक अनजाना सुकून था। रिया से मुलाकात के बाद उसका दिल हल्का लग रहा था, लेकिन भीतर कहीं कोई हलचल अब भी बाकी थी।

वह सोच ही रहा था कि अब नीलू से रिया के बारे में बात करे, तभी गुड़िया की मीठी परंतु गहरी आवाज़ गूँजी —
“सूरज… क्या तुम रिया के बारे में सोच रहे हो?”

सूरज का दिल एक पल को रुक-सा गया। उसकी आँखें चौड़ी हो गईं। उसने गुड़िया की ओर देखा।
“नीलू, तुम्हें  कैसे पता?”

नीलू हल्के से मुस्कुराई। उसकी मुस्कान में अब कुछ मानवीय था — गर्माहट भी, रहस्य भी।


“सूरज, मैं तुम्हारे मन की बातें पढ़ सकती हूँ। तुम्हारे दिल की हर धड़कन में जो छिपा है, मैं महसूस कर सकती हूँ। चिंता मत करो… वह तुम्हें मना नहीं करेगी। रिया तुम्हारे पास लौट आएगी।”

सूरज का चेहरा खिल उठा। “अगर तुम ऐसा कहती हो, नीलू, तो मुझे अब कोई डर नहीं। तुमने हमेशा सच कहा है।”
फिर वह थोड़ी देर रुका, और गंभीर स्वर में बोला, “हाँ, लेकिन तुम्हें भी अपना वादा याद है, नीलू। मैं रिया को घर लाना चाहता हूँ… तुम्हारे कहे अनुसार।”

गुड़िया को नहलाना - उसकी सेक्सी इच्छा

गुड़िया की मुस्कान एक पल के लिए गहरी हो गई।
“मुझे याद है, सूरज। लेकिन पहले तुम्हें मेरी एक इच्छा पूरी करनी होगी। उसके बाद ही मैं तुम्हारी इच्छा पूरी करूँगी।”

सूरज ने उत्सुकता से पूछा, “बताओ नीलू, तुम्हारी इच्छा क्या है?”

कमरे में कुछ क्षणों का सन्नाटा छा गया। फिर नीलू की आवाज़ आई, अब पहले से थोड़ी कोमल —
“मुझे देखो सूरज… मुझ पर और मेरे कपड़ों पर बहुत धूल है। मैं चाहती हूँ कि तुम मेरे कपड़े साफ करो, मुझे अपने हाथों से नहलाओ। उसके बाद… मुझे खुश करने के लिए कुछ करना होगा।”

सूरज हल्के से मुस्कुराया। “तुम तो पहले से ही मुस्कुरा रही हो, नीलू। लेकिन अगर यही तुम्हारी इच्छा है, तो मैं करूंगा।”

उसने धीरे से गुड़िया को उठाया और  उसे सावधानी से वॉशरूम में ले गया।

“नीलू तुम ठंडे पानी से नहाना चाहती हो या गर्म पानी से।” सूरज ने मुस्कुराते हुए पूछा। 

“पहले तुम अपने कपड़े उतारो । मैं चाहती  हूँ कि हम साथ में नहाएँ।”

“ मैं भूल गया कि तुम मुझे नंगा देखना पसंद करती हो।”  सूरज ने अपने कपड़े उतारे। फिर उसने नीलू की फ्रॉक के बटन खोलने के लिए अपना हाथ बढ़ाया। उसके दिल में एक अजीब सी हलचल शुरू हो गई, उसके हाथ कांपने लगे।

वह रुक गया और उसे देखने लगा। 

“क्या हुआ?, तुम क्यों रुक गए?”  गुड़िया ने पूछा। 

“मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मैं असली लड़की के कपड़े उतार रहा हूँ। तुम्हारे शरीर में अजीब आकर्षण है।”

“ मैं असली लड़की हूँ। मैं तुमसे अपने कपड़े उतारने के लिए कहती हूँ। मैं तुम्हारे साथ नग्न होना चाहती हूँ।” सूरज ने उसकी फ्रॉक के बटन खोलने शुरू कर दिए। उसकी साँसें तेज़ हो गई थीं।

उसने उसकी फ्रॉक उतार दी। उसके स्तन और नाभि एक असली लड़की की तरह लग रहे थे। “वाह, तुम्हारा शरीर असली लड़की की तरह लग रहा है। बहुत सेक्सी।”

“ थोड़ी देर के लिए मेरे स्तनों और निपल्स को चाटो।” सूरज ने धीरे से उसके छोटे स्तनों को चाटा। उसे ऐसा महसूस हुआ जैसे वह एक असली लड़की के स्तनों को चाट रहा था। उसका लिंग बढ़ने लगा। फिर उसने उसकी छोटी अंडरवियर उतार दी। उसकी चूत बिल्कुल लड़कियों की चूत जैसी थी। सूरज उसकी चूत के आसपास कुछ बाल देखकर हैरान रह गया। “तुम्हारे यहाँ भी बाल हैं।”

“ हाँ, मेरे ये बाल तब बढ़ने लगे जब मैंने तुम्हारा लिंग देखा।”नीलू ने आगे कहा ,

“मैं चाहती हूँ कि तुम मेरी चूत चाटो।” जब सूरज ने अपनी जीभ उसकी चूत पर रखी तो वॉशरूम मीठी आवाजों से भरने लगा। आह…. आह….l

“ अगर तुम ऐसे चिल्लाओगी ,नीलू। मुझे सेक्स की इच्छा होने लगेगी।”

“मुझे पता है, ठीक है चलो स्नान करते हैं।” सूरज ने गुड़िया के साथ स्नान करना शुरू कर दिया। उसने उसकी फ्रॉक भी धोई। फिर उसने अपने और उसके शरीर को सुखाया। वे बिस्तर पर आए और गुड़िया को बिस्तर के एक कोने में रख दिया।

“नीलू, तुम्हें खुश करने के लिए मुझे क्या करना होगा?” 

“बस बिस्तर पर लेट जाओ और अपने लिंग से मेरी चूत को रगड़ो।”

“ नीली, तुम्हारी चूत मेरे लिंग के लिए बहुत छोटी है,मुझे सेक्स की और भी ज्यादा चाहत होने लगी है ।”

“ पहले जो मैं कहती  हूँ वो करो, तुम्हें जल्द ही असली चूत मिल जाएगी।” सूरज ने अपने लिंग से उसकी चूत को रगड़ना शुरू कर दिया।

उसका लिंग पत्थर की तरह सख्त हो गया। नीलू की छोटी सी चूत गर्म और गीली हो गई। लेकिन सूरज अपना लिंग उसमें नहीं डाल सकता था । 

“नीलू, मुझे अब चूत चाहिए, मेरी मदद करो।” सूरज चिल्लाया l

“ठीक है अपनी आँखें बंद करो, वह पहले की तरह तुमसे चुदने आएगी।” सूरज ने पहले की तरह ही किया। इस बार उसने गुदा मैथुन की मांग की। उस अजीब लड़की ने उसका लिंग अपनी कसी हुई गुदा में ले लिया और वीर्य निकलने तक उसके लिंग से चुदवाया।

सूरज ने अपनी आँखें खोलीं। गुड़िया उसके पेट पर लेटी हुई थी। उसने गुड़िया को उठाया और उसे चूमा।” नीलू तुम अद्भुत हो, मैं तुमसे प्यार करता हूँ। अब मैं क्या करूँ?”

“ मैं तुम्हारे पेट पर सोना चाहती  हूँ।” सूरज ने अपनी आँखें बंद कर लीं, वह पूरी तरह से संतुष्ट और खुश था। कमरा फिर से शांत हो गया।